जानिए अम्लता (Acidity) के लक्षण, इसके कारण और उपचार
आजकल की व्यस्तता से भरी हमारी गलत जीवनशैली कई रोगों को बढ़ावा देती है। एसिडिटी या अम्लपित्त ऐसे ही रोगों में से एक है। यह एक ऐसा रोग है जो हमारे गलत खान-पान और रहन-सहन की आदतों की वजह से होता है। याने की यह ऐसा रोग है जिसे हम खुद बुलावा देते है| आज हर दूसरे व्यक्ति को इसकी समस्या है| एसिडिटी को चिकित्सकीय भाषा में (GERD) गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज भी कहते है|
एसिडिटी होने पर शरीर की पाचन प्रक्रिया ठीक नहीं रहती। एसिडिटी की समस्या तब होती है जब पेट में एसिड का अधिक स्राव होने लगता है और जब यह स्राव बहुत तेज हो जाता है तो हमें अंदर इस तरह महसूस होता है जैसे की हमारा सीना जल रहा हो। ऐसा ज्यादातर तभी होता है जब हम मसालेदार भोजन खाते हैं।
तेज मिर्च मसाले वाला और चटपटा खाना किसे पसंद नहीं आता? और महिलाओं की बात की जाये तो उन्हें तो चटपटा खाना ही पसंद होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं चटपटा मसालेदार खाना खाने में तो अच्छा लगता है लेकिन इस तरह के खाने से आप पेट की जलन यानी एसीडिटी से परेशान से हो सकते हैं। आइये जानते है Acidity in Hindi याने की अम्लपित्त के लक्षण और इसके उपचार से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारिया|
Acidity Symptoms and Treatment: अम्लता के लक्षण और निवारण
आखिर क्युँ होती है एसिडिटी?
एसिडिटी होने के कई कारण है। हमारे खाने पिने की आदते, हमारा रहन सहन यहाँ तक की एसिडिटी होने के मानसिक कारण भी है| विज्ञान के अनुसार हमारे शरीर के आमाशय में पाचन क्रिया के लिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा पेप्सिन का स्त्राव होता है। यह अम्ल तथा पेप्सिन सामान्य तौर पर आमाशय में ही मौजूद रहता है और भोजन नली के सम्पर्क से दूर रहता है। आमाशय तथा आहार नली के जोड पर विशेष प्रकार की मांसपेशियां होती है जो अपनी संकुचनशीलता से आमाशय एवं आहार नली का रास्ता बंद रखती है तथा जब भी हम कुछ खाते है तभी ही खुलती है। जब इनमें से कोई भी स्तिथि आ जाती है तो यह हर बार अपने आप खुल जाती है और एसिड तथा पेप्सिन भोजन नली में आ जाता है। जब ऐसा कई बार होता है तो भोजन नली में सूजन तथा घाव हो जाते हैं। इसकी मुख्य वजह गलत खान-पान, व्यायाम का आभाव, प्रदूषण, चाय, कॉफी, धूम्रपान, सिगरेट और कैफीनयुक्त पदार्थों का ज्यादा इस्तेमाल करना है।आप यह भी पढ़ सकते है:- जानिए टाइफाइड (Typhoid) बुखार से संबंधित कुछ जरुरी जानकारी
एसिडिटी के लक्षण
एसिडिटी होने पर सबसे मुख्य समस्या जो होती है वो है सीने और छाती में जलन। इसके अलावा गले में जलन और अपचन भी इसके लक्षणों में शामिल होता है। इसके अलावा एसिडिटी होने पर प्राय:- सिने या छाती में जलन होती है|
- साँस लेने में तकलीफ होती है|
- मुह में खट्टा पानी और खट्टी डकारे आती है|
- घबराहट और उलटी जैसा होता है|
- पेट में जलन और दर्द होना|
- गले में लगातार जलन महसूस होना|
- पेट फूलना या भरा हुआ लगना|
Acidity Treatment in Hindi: अम्लता दूर करने के प्राकृतिक उपचार
अम्लता होने पर पेट में जलन होती है| कई बार यह जलन इतनी ज्यादा होती है की जैसे पेट में आग ही लग गयी हो| लेकिन आपको घबराने की जरुरत नहीं है, इसका इलाज संभव है| वैसे तो इसका एैलोपैथी, होम्योपपैथी सारे इलाज संभव है लेकिन इसे ठीक करने के लिए अगर घरेलु उपायो का इस्तेमाल किया जाये तो बेहतर है| घरेलु तरीको से इलाज करने में किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है| तो आइये जाने एसीडिटी के लिए प्राकृतिक ईलाज के बारे में।- सबसे पहले तो चटपटा, तीखा, तला हुआ और मसालेदार खाना खाना कम कर दे|
- जितना हो सके बाहर का बना खाने से बचे और घर का बना खाना ही खाए|
- केले, संतरे, सेवफल सारे फलो का सेवन करे|
- अगर आपको खाली समय में या काम करते वक्त खाने की आदत है तो इसे छोड़ दे| नियमित समय पर खाना खाने की आदत से न केवल पाचन सही रहता है बल्कि मोटापा भी नहीं बढ़ता है|
- थोड़ी थोड़ी देर में कुछ ना कुछ खाते रहे| एसिडिटी खाली पेट होने के कारण भी होती है| ख्याल रहे की भोजन के बीच में अधिक देर का गैप न हो| इसलिये थोड़ी-थोड़ी देर पर कुछ ना कुछ खाते रहें।
- अदरक भी एसिडिटी के लिए बहुत अच्छी होती है| या तो खाने के पश्चात अदरक का टुकड़ा चूसे या फिर इसकी चाय भी पी सकते है|
- खाना कहते ही सोना भी एसिडिटी को बढ़ावा देता है| सोने से पहले ये नियम बना लीजिये कि भोजन दो-तीन घंटे पहले ही कर लें, और थोड़ी देर चहल कदमी भी करे|
- एक गिलास गुनगुने पानी में एक चुटकी कालीमिर्च का चूर्ण मिलाये| इसमें आधा नींबू निचोड़कर रोजाना खाली पेट इसे पिए| इससे काफी हद तक एसिडिटी की समस्या दूर होती है|
- एक इलाइची और एक लौंग का पाउडर भी एसिडिटी में कई हद तक फायदेमंद है| इसे खाना खाने के बाद खाना से एसिडिटी भी सही रहती है और मुंह की दुर्गन्ध भी दूर होती है|