सेल्फ एग्जामीन कर पुरुष कर सकते है ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम
आज के समय में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी एक आम समस्या बन गई है, लेकिन शायद आपको पता नहीं होगा की पुरुषों को भी स्तन कैंसर की बीमारी होने लगी है। सूत्रों के मुताबिक, हर 10 में से 1 पुरुष को इस रोग का शिकार होना पड़ रहा है। अधितर पुरुषों में स्तन बढने की समस्या भी बहुत ज्यादा देखी गई है। यह समस्या ज्यादातर असंतुलित खान-पान के कारण होती है। साथ ही बाजार में उपलब्ध होने वाली हार्मोन्स इंजेक्शन वाली सब्जियां और फल भी मुख्य कारण माने गए है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नार्मल पर्सन्स को यही लगता है कि मर्दों में फीमेल हार्मोन नहीं होते परन्तु ये गलत है क्योंकी मर्दों में भी फीमेल हार्मोन पाए जाते है, लेकिन इनकी मात्रा महिलाओं से कम रहती है। यही कारण है कि पुरुष भी स्तन कैंसर का शिकार हो जाते है। यह हार्मोन नैचुरली हमारे शरीर में पाए जाते है, क्योंकी स्तन की समस्या तब होती है - जब मर्दों में फीमेल हार्मोन ज्यादा सेंसिटिव होते है। लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है, अधिकतर मामलो में इसका कारण खराब पोषण और शारीरिक अक्षमता होती है। आइये जाने कैसे होता है Breast Cancer in Men in Hindi.
Breast Cancer in Men in Hindi – जानें इसके लक्षण और उपचार के तरीके
विशेषज्ञओं के मुताबिक, जिन पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या होती है। उनके स्तन में फीमेल कैंसर टिश्यू पाए जाते है हालांकि महिलाओं की तुलना में मर्दों में स्तनों का विकास कम होता है। फिर भी मर्दो को ब्रेस्ट कैंसर का डर बना रहता है। जानकारों की माने तो पुरुषों में यह रोग अधिक जटिल होता है।
40 से 60 की आयु वाले पुरुषों में इस बीमारी के जीवाणुओं से कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है। जिसमें उन मर्दो को अधिक खतरा होता है जो रोज शराब पीता हो या उनका वजन अधिक हो। इसके अलावा उन लोगों में भी यह रोग ज्यादा देखा जाता है, जिन पुरुषों को लिवर की बीमारी हो। यदि कोई पुरुष बीआरसीएजीन या क्लीन सेल्टर सिंड्रोम से ग्रस्त रहता है, तो इस तरह के पुरुषों में भी स्तन कैंसर की सम्भावना हो सकती है।
स्तन कैंसर के संकेतों के लिए सेल्फ एग्जामीन
अक्सर देखा गया है कि ब्रेस्ट कैंसर के शुरुवाती लक्षण नहीं दिखाई देते है। लेकिन अगर हम अपने शरीर के प्रति सचेत रहें, तो आप खुद सेल्फ एग्जामीन कर सकते है, और इस बीमारी का पता लगा सकते है।
सामान्यतः यह धारणा बनी हुई है कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को होता है और यही कारण है कि पुरुष इस रोग के लक्षणों पर ध्यान नहीं देते। कई माध्यमो से महिलाओ को सतर्क किया जाता है कि वो इन लक्षणों पर नज़र रखे। पुरुषों को भी ऐसा ही करना चाहिए।
जर्मन सोसाइटी ऑफ यूरोलॉजी की प्रोफेसर सबीने क्लीश कहती हैं, "अगर पुरुषों को लगता है कि उनके दोनों स्तनों के साइज में अंतर है या कोई सख्त गांठ जैसी है या निप्पल से किसी तरह का स्राव हो रहा है, तो उन्हें तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए।" उनके अनुसार Breast Cancer Awareness की कमी की वजह से इसके रोगियो की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
पुरुषों में होने वाले स्तन कैंसर के उपचार के तरीके
सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी, बायोलॉजीकल थेरेपी और हॉर्मोन थेरेपी यह कुछ ऐसे तरीके हैं। जिससे ब्रेस्ट कैंसर का उपचार किया जा सकता है और यह उपचार दोनों महिलाओं और पुरुषो के लिए सामान होता है। आइये जाने Breast Cancer Treatment in Hindi.
महिलाओं और पुरुषों के ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में कुछ अंतर नही होता है, परंतु पुरुषों पर इन् उपचारों का अधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर किसी पुरुष को ब्रेस्ट कैंसर होता है तो, लगभाग 90 परसेंट ऐसे मामलों में पुरुषों में, हार्मोन रिसेप्टर होता है। इसका मतलब यह है कि पुरुषों में हार्मोन थेरेपी का असर महिलाओं के मुकाबले बहुत ज्यादा होता है।
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Symptoms of Breast Cancer in Men: इसके लक्षणों को पहचाने
वैसे तो महिलाओं और पुरुषों में होने वाले स्तन कैंसर के लक्षण लगभग सामान होते है। अगर किसी सामान्य पुरुष को कैंसर होता है, तो उसे उसकी छाती में भारीपन महसूस होने लगता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मर्दो में हार्मोन बदलाव की वजह से भी ब्रेस्ट के साइज में फर्क आ जाता है। जैसे ही आपको ऐसा लगने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि यह बीमारी बड़ा रूप न ले सके और इसका उपचार समय रहते हो जाये।
पुरुषों में स्तन कैंसर का सबसे मुख्य लक्षण एक दर्द रहित गांठ या स्तन या छाती का अधिक मोटा होना है। हालांकि, स्तन या निपल में बदलाव ये एक चेतावनी है कि आपको स्तन कैंसर हो सकता है। आइये संक्षेप में जाने Breast Cancer Symptoms in Hindi.
- स्तन, छाती या अंडरआर्म क्षेत्र में किसी तरह की गांठ का होना।
- ब्रेस्ट के आकार में परिवर्तन होना।
- निप्पल से खून का रिसाव होना
- प्रगर्तन या स्तन की त्वचा का लाल होना।
- खुजली, दरिद्र गले या निपल पर लाल चट्ठे होना।
- संगमरमर जैसी त्वचा बन जाना।
ब्रेस्ट कैंसर होने पर घर में करें ये उपाय
- ब्रेस्ट कैंसर के रोगिओं को माह में एक बार उपवास जरूर रखना चाहिए और उस दिन केवल फलों के रास का सेवन करना चाहिए।
- रोगियों को नियमित गुनगुने पानी से नहाना चाहिए और अपना पेट भी साफ़ रखना चाहिए।
- सुबह-सुबह साफ और स्वच्छ वातावरण में टहलना चाहिए।
- विटामिन डी का रोजाना सेवन करें।
- लहसुन एक शानदार घरेलू उपचार है इसे आप रोजाना खाने में इस्तमाल कर सकते है।