जानिए ब्रेस्ट कैंसर और उससे बचने के आसान उपाय

भारत में पिछले दो दशकों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ गए हैं। वर्तमान में कैंसर के सभी प्रकारों में यह प्रकार बहुत आम हो गया है जिसके कारण देश में महिला मृत्यु दर में वृद्धि हो रही है। हम एक ऐसे युग में रहते हैं जहां हमें हर बीमारी को इगनोर करने की बुरी आदत पड़ चुकी है। देखा जाए तो अगर किसी महिला को स्‍क्रीनिंग या हेल्‍थ चेकअप के लिये बोला गया हो तो वह उसे नजरअंदाज कर देती है, जिसका विकराल रूप बनता है कैंसर। कैंसर की बीमारी कई ढेर सारे लोगों में से केवल एक को ही होती है। यह सभी उम्र के लोगों को, यहाँ तक कि भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकांश किस्मों का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है।

शरीर में विभिन्न प्रकार के कैंसर हो सकते हैं जैसे- मुंह का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, पेट का कैंसर, ब्रेन कैंसर आदि। कैंसर रिसर्च यूके का ये भी कहना है कि "कैंसर का पता अगर शुरुआती दौर में चल जाए तो इसके इलाज़ के सफल होने की संभावना ज़्यादा होती है।"

ब्रेस्ट कैंसर को लेकर लोगों के दिलो दिमाग में कई तरह के भ्रम बैठे हुए हैं। कुछ लोग कहते हैं कि इसके बाद एक महिला की जिंदगी नर्क बन जाती है। कुछ को लगता है कि इससे उनकी खूबसूरती खत्म हो जाती है। कई सवाल भी उठते हैं। क्या इसके बाद महिला का पति उसे स्वीकार कर पाएगा? क्या समाज में उसे वो जगह मिल पाएगी जो बीमारी से पहले थी? और भी कई ऐसी बातें इससे भी अहम बात है ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में होने वाली तकलीफ।

आकड़ों की मानें तो भारत में फिलाहल 22 महिलाओं में से एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की मरीज है। डॉक्टरों के सामने हर साल ब्रेस्ट कैंसर के तकरीबन 75 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। एक अनुमान है कि 2015 तक इस बीमारी के ढाई लाख से ज्यादा मामले सामने आएंगे। खास बात ये है कि गांव की महिलाओं से ज्यादा शहरी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं।अगर दुनिया की बात करें तो दुनिया भर में हर 3 मिनट पर एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी से पीड़ित हो जाती है। जबकि हर 13 मिनट पर एक महिला की इस बीमारी से मौत हो जाती है।

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ब्रैस्ट कैंसर से बचने के लिए स्वास्थवर्धक उपाय

शराब का सेवन न करें:-
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि शराब का सेवन करने से भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। अत: इसका सीमित मात्रा में सेवन करें या संभव हो तो इसे टालें।
नियमित तौर पर व्यायाम करें:-
प्रतिदिन व्यायाम करने से आप वास्तव में ब्रेस्ट कैंसर से बच सकते हैं। इसके अलावा घर के काम करना भी एक अच्छा उपाय है। शारीरिक गतिविधि करने से शरीर की चर्बी कम होती है जिसके कारण एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोंस स्त्रावित होते हैं। फैट कोशिकाएं ही कैंसर संबंधी ट्यूमर या गाँठ बढ़ने के लिए ज़िम्मेदार होती हैं।
स्वास्थ्यवर्धक खाना खाएं:-
संतुलित आहार लें जिसमें फल और सब्जियां शामिल हों तथा वसा युक्त खाद्य पदार्थ और कार्बोहाइड्रेट न खाएं। वे महिलाएं जो अधिक वसा युक्त आहार लेती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
स्तनपान:-
वे महिलाएं जिन्होनें अपने बच्चे को स्तनपान करवाया है उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने की तुलना उन महिलाओं से पांच प्रतिशत कम होती है जिन्होंने अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवाया है।
अधिक वज़न न बढ़ने दें:-
ब्रेस्ट कैंसर का अन्य कारण मोटापा या वज़न अधिक होना भी है। रजोनिवृत्ति के बाद के मोटापे के कारण महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। अत: वज़न बहुत अधिक न बढ़ने दें जिससे ब्रेस्ट कैंसर की संभावना कम हो जाए।
सूर्य की रोशनी ले:-
अध्ययनों से यह भी पता चला है कि सूर्य की रोशनी में जो विटामिन डी होता है वह वह एंटी कैंसर हार्मोंस को उत्तेजित करता है जिसके कारण ब्रेस्ट कैंसर की संभावना कम हो जाती है।

कैंसर वाले ब्रेस्ट का इलाज पर डिपेंड करता है कि कैंसर किस हद तक बढ़ गया है। ज्यादा गंभीर स्थिति में ब्रेस्ट को पूरी तरह हटाना तक पड़ सकता है। शुरुआती स्थिति में पता चल जाने पर ब्रेस्ट के प्रभावित हिस्से को हटाकर भी काम चलाया जा सकता है। इसके लिए सर्जरी, कीमोथेरपी, रेडियो थेरपी, हॉर्मोनल थेरपी वगैरह से इलाज होता है। सर्जरी में ब्रेस्ट को पूरी तरह निकाल दिया जाता है, जबकि अन्य स्थितियों में दूसरी विधियों द्वारा इलाज किया जाता है।

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