जानिए मिर्गी क्या है, इसके लक्षण और घरेलु तरीको से इसका उपचार
मिर्गी एक बहुत ही गंभीर बीमारी है| इसे अपस्मार के नाम से भी जाना जाता है| अंग्रेजी में इसे एपिलेप्सी कहते है| मिर्गी किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकती है। मिर्गी का दौरा आने पर व्यक्ति मूर्छित हो जाता है| उसके मूर्छित होने का समय कुछ सेकंड्स या घंटो तक भी रह सकता है| इसके पश्चात वह व्यक्ति फिरसे सामान्य हो जाता है। मुंह में झाग आना भी मिर्गी का प्रमुख लक्षण है
यह बीमारी बड़ो से लेकर बच्चो तक सभी को हो सकती है| मिर्गी आने के कई कारण हो सकते है जैसे जेनेटिक, सिर में चोट लगना, इन्फेक्शन, ब्रेन ट्यूमर, किसी भी बात का सदमा लग जाना, मानसिक तनाव आदि। अगर पुरे विश्व की बात करे तो इसके मरीजों की संख्या करोडो में है| लेकिन आजकल इसका इलाज संभव है।
मिर्गी दो प्रकार की होती है। पहली तो आंशिक मिर्गी जो दिमाग के एक भाग को प्रभावित करती है। और दूसरी व्यापक मिर्गी, जो मस्तिक्ष के दोनों भागो को प्रभावित करती है। यदि मिर्गी आने पर कोई दो-तीन मिनट से ज्यादा देर बेहोस है तो यह जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए| कुछ लोग मिर्गी आने पर रोगी को जूता या फिर प्याज आदि सुंघाते हैं, इसका मिर्गी के इलाज से कोई संबंध नहीं है।
आज हम आपको इस बीमारी से बचने के लिए सही प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली बता रहे है| इन घरेलु उपचार से रोग की गंभीरता में राहत पायी जा सकती है| निचे पढ़िए Epilepsy in Hindi, इसके लक्षण और उपचार के बारे में|
Epilepsy in Hindi: जानिए मिर्गी के कारण, लक्षण और उपचार
Epilepsy Symptoms in Hindi - मिर्गी के लक्षण
- चक्कर खाकर जमीन पर गिर जाना।
- शरीर में अचानक कमजोरी आजाना।
- चिड़चिड़ाहट महसूस होना|
- आँखे ऊपर हो जाना और चेहरे का नीला पड़ जाना।
- अचानक हाथ, पैर और चेहरे के मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होने लगता है।
- सर और आंख की पुतलियों में लगातार मूवमेंट होने लगता है।
- मरीज़ या तो पूर्ण रूप से बेहोश हो जाता है या आंशिक रूप से मुर्छित होता है।
Epilepsy Causes in Hindi - मिर्गी के मुख्य कारण
- तम्बाकू, शराब या अन्य नशीली चीजों का सेवन करने पर|
- बिजली का झटका लगना या ज़रूरत से ज़्यादा तनाव।
- ब्रेन ट्यूम, ब्रेन स्ट्रोक या जेनेटिक कंडिशन
- जन्म के समय मस्तिष्क में पूर्ण रूप से ऑक्सिजन का आवागमन न होने पर|
- नींद पूरी न होना और शारीरिक क्षमता से अधिक मानसिक व शारीरिक काम करना।
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Home Remedies for Epilepsy - मिर्गी से बचने के घरेलु उपचार
- तनाव से दूर रहे और संतुलित आहार ले।
- जितना हो सके उतना आराम करे|
- व्यायाम करने से भी मिर्गी में फायदा पहुँचता है।
- सेब का जूस भी मिर्गी के रोगी को लाभ पहुंचता है।
- मिर्गी के रोगियों के लिए शहतूत का रस लाभदायक होता है।
- अंगूर का रस मिर्गी के रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है।
- गाय के दूध से बनाया हुआ मक्खन मिर्गी में फ़ायदा पहुंचाने वाला उपाय है।
- रोजाना तुलसी के 20 पत्ते चबाकर खाने से मिर्गी जल्द ही ठीक हो जाती है।
- मिर्गी के रोगी को ज्यादा फैट वाला और कम कार्बोहाइड्रेड वाला डायट लेना चाहिए।
- मिर्गी के रोगी को सप्ताह में एक बार फलो का सेवन अवश्य करना चाहिए।
- मिर्गी के रोगी को ज़रा सी हींग को निम्बू के साथ चूसने से लाभ मिलता है।
- दूध में पानी मिलाकर उबालें और लहसुन की 4 कली काटकर उसमे डाल से। यह मिश्रण रात को सोते वक्त पीयें। जल्द ही फ़ायदा नजर आने लगेगा।
- पानी में गीली मिटटी मिलाकर पुरे शरीर पे लेप की तरह लगाने से भी रोगी स्वस्थ अनुभव करता है।
- स्वाद सुधारने के लिये रस में शकर और मुलहटी का पावडर भी मिलाया जा सकता है।
- पीसी हुई राई का चूर्ण रोगी को दौरा पड़ते वक्त सुंघा दें इससे रोगी की बेहोशी दूर हो जायगी।
मिर्गी का दौरा दोबारा पड़ने की संभावना को कम करने के लिए-
- डॉक्टर्स द्वारा दी गई दवा का सही तरीके से सेवन करना प्रभावी Epilepsy Treatment है।
- नियमित रूप से चैक-अप करवाते रहें।
- मिर्गी के मरीज को उसके अनुसार पर्याप्त नींद लेने दे।
- चिकित्सक द्वारा बताई गई दवाइयों को सही समय पर नहीं लेना।
- कुछ दवाइयों के दुष्परिणाम जैसे एंटी सायकोटिक और एंटी डिप्रेसेंट।
- सिर में चोट लगना।
- सर्दी खासी या बुखार आजाना।
- कैफीन लेना, अधूरी नींद।