मधुमेह (Diabetes) रोकथाम के लिए 10 प्रभावी घरेलु नुश्खे
अनियमित दिनचर्या और खानपान के चलते वर्तमान जीवन शैली में मधुमेह बड़ी तेज़ी से फ़ैल रहा है| मधुमेह यूं तो एक सामान्य बीमारी है, लेकिन एक बार अगर यह हो जाए तो इससे पीछा नहीं छूटता। इसके मरीज को सरदर्द, थकान जैसी समस्या हमेशा बनी रहती है| मधुमेह से ग्रसित रोगियों को रात भर सोने के बावजूद भी नींद पूरी नहीं लगती और शरीर में थकान सी महसूस होती है।
यहाँ तक की मधुमेह में आंखों पर भी काफी बुरा असर देखने को मिलता है जिसमें रोगी को धुंधला दिखाई पडने लगता है| इसलिए बेहतर यही है की इसकी शुरुवात में ही इसमें ध्यान दे दिया जाये| और यदि आपके घर में पहले से ही किसी को मधुमेह है तो आपको बिना कुछ सोचे सावधान हो जाना चाहिए, क्योकि यह एक अनुवांशिक बीमारी है| वैसे तो मधुमेह का कोई स्थायी इलाज नहीं है। परंतु जीवनशैली में बदलाव, और घरेलु उपायो की मदद से इसे कंट्रोल कर सकते है| आइये जानते है Home Remedies for Diabetes in Hindi, मधुमेह से बचने के घरेलु उपाय|
इन उपायो से करे मधुमेह को कंट्रोल
मेंथी
मधुमेह की रोकथाम के लिए मेथी बहुत ही लाभदायक मानी जाती है| अगर आप मेंथी दानों का चूर्ण बनाकर रोज खाली पेट दो चम्मच चूर्ण पानी के साथ खाएगें तो निश्चित ही आपका ग्लूकोज़ लेवल नीचे चला जाएगा और आपको इस बीमारी से राहत मिल जाएगी।नीम
जैसा की हम जानते है की नीम का इस्तेमाल प्राचीन काल से औषधियों के रूप में किया जाता है। नीम की पत्तियों में पाये जाने वाले आश्चर्यजनक औषधीय गुण मधुमेह प्रबंधन में भी बहुत कारगर है| नीम इन्सुलिन संग्राहक संवेदनशीलता को बढ़ाता है और रक्त वाहिकाओं को प्रसारित करके रक्त परिसंचरण में सुधार लाता है| नतीजनत् ब्लड ग्लूकोज़ का स्तर कम होता है| अगर आपको मधुमेह की समस्या है तो उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए नीम की कोमल पत्तियों का रस खाली पेट पीना शुरू कर दे।आप यह भी पढ़ सकते है:- मधुमेह (Diabetes) प्रबंधन में कारागार है योगासन
करेला
मधुमेह को ठीक करने के लिए करेला भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दरहसल करेले का प्रयोग एक प्राकृतिक स्टेरॉयड के रुप में किया जाता है क्योंकि इसमें कैरेटिन नामक तत्व मौजूद होता है जिसके द्वारा खून में शुगर लेवल नहीं बढ़ पाता। करेले के 100 मिली. के रस में बराबर मात्रा का पानी मिलाकर दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।दालचीनी
दालचीनी शरीर में इन्सुलिन की संवेदनशीलता को सुधारने के साथ-साथ खून में शर्करा की मात्रा को भी कम करती है। अगर सिर्फ आधी चम्मच दालचीनी नियमित रूप से ले ली जाए तो इन्सुलिन की संवेदनशीलता को सुधारा जा सकता है और अपने वज़न को नियंत्रित किया जा सकता है|अलसी
अलसी के बीज में प्रचुर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है इस कारण यह फैट और शुगर का उचित अवशोषण करने में सहायक होता है। अलसी के बीज मधुमेह के मरीज़ की भोजन के बाद की शुगर को लगभग 28 प्रतिशत तक कम कर देते हैं। सुबह खाली पेट अलसी का चूर्ण गरम पानी के साथ लेने पर भी बहुत फायदा मिलता है|ग्रीन टी
ग्रीन टी के फायदों के बारे में आप अक्सर सुनते ही आ रहे है अन्य चाय के मुकाबले में इसमें पॉलीफ़िनाल घटक उच्च होता है। पॉलीफिनॉल एक मज़बूत एंटीऑक्सीडेंट और हायपो ग्लास्मिक यौगिक होता है जो ब्लड शुगर के स्त्राव को नियंत्रित करता है तथा शरीर को इन्सुलिन का उचित उपयोग करने में मदद करता है। ग्रीन टी का एक कप सुबह या भोजन के पहले पीयें।तुलसी
तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंटस और आवश्यक तेल मौजूद होते है जो यूग्नोल, मिथाइल यूगेनोल और केरियोफिलीन का उत्पादन करते हैं। सामूहिक रूप से ये यौगिक पैंक्रियाटिक बीटा कोशिकाओं (ऐसी कोशिकाएं जो इन्सुलिन का संग्रहण और स्त्राव करती है) को उचित तरीके से कार्य करने में सहायता प्रदान करते हैं। तुलसी की दो तीन पत्तियां खाली पेट लेने से ब्लड शुगर का स्तर घटता है।शहद
जिन लोगों को मधुमेह बीमारी होती है उन्हें चीनी की जगहं पर शहद खाना चाहिए| कार्बोहाइर्ड्रेट, कैलोरी और कई तरह के माइक्रो न्यूट्रिएंट से भरपूर शहद मधुमेह के लिए बेहद लाभकारी है।जामुन
जामुन का केवल फल ही नहीं इसकी पत्ती और बीज भी मधुमेह की बीमारी को जड़ से खतम कर देते हैं। जामुन के सूखे बीजों को पाउडर बना कर एक चम्मच दिन में दो बार पानी या दूध के साथ लेने से राहत मिलती है। इससे अग्न्याशय पर भी काफी अच्छा असर पड़ता है।इसबगोल
पानी में मिलने के बाद इसबगोल की भूसी ‘जेल’ जैसा तत्व बनाती है इसका सेवन करने से ब्लड ग्लूकोज़ के अवशोषण और भोजन के पाचन को सुगम बनाता है। इससे अल्सर और एसिडिटी की समस्या भी दूर होती है|ऊपर दी गयी Home Remedies for Diabetes को अपनाकर आप रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन, इस बात का भी ख्याल रखें की इसके साथ आपको संतुलित आहार को भी अपनाना है| साथ ही आपको इन उपायों को आजमाने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह भी ले लेनी चाहिए।