मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए अपनाये यह घरेलु नुस्खे

संसार भर में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है विशेष रूप से भारत में। इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है, तथा रक्त की कोशिकाएं इस शर्करा को उपयोग  नहीं कर पाती। यदि यह ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल खून में लगातार बना रहे तो शरीर के अंग प्रत्यंगों को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है।

मधुमेह होने का कारण असंयमित खानपान, मानसिक तनाव, मोटापा, व्यायाम की कमी आदि है। जिसके कारण दिन-प्रतिदिन इसके मरीजों की संख्‍या बढ़ रही है।डायबीटीज को अगर कंट्रोल करना है तो अच्‍छा पौष्टिक आहार और अपने लाइफस्‍टाइल में कई परिवर्तन लाने होगें। यह बीमारी को घरेलू उपचारों से भी काफी कम की जा सकती है।

कुछ दिनों पहले तक मधुमेह यानि डायबिटीज के मरीजों को तेल खाने से मना किया जाता था। लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए अब खुशखबरी ये है कि वे एक ऐसे तेल का सेवन कर सकते हैं जो नुकसान करने की बजाए फायदा करेगा और डायबिटीज पर नियंत्रण रखेगा। और उस तेल का नाम है नारियल तेल! जी हाँ! नारियल तेल डायबिटीज को कंट्रोल करने में बहुत हीं अहम भूमिका निभाता है।

डायबीटीज रोगियों को ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिससे उनका ब्‍लड ग्‍लूकोज का स्‍तर न बढ़े। मधुमेह रोगियों को अमरूद खाने की सलाह दी जाती है। अमरूद में प्रोटीन 10.5 प्रतिशत, वसा 0.2 कैल्शियम 1.01 प्रतिशत बी 0.2 प्रतिशत पाया जाता है। ये फल मीठा होते हुए भी डायबीटीज को नियंत्रित रखता है। डायबीटीज के रोगियों को इस फल का सेवन करना चाहिए।

मेथी:-
मधुमेह को ट्रीट करने में मेथी बहुत बडा रोज प्‍ले करती है। अगर आप रोज़ 50 ग्राम मेथी नियमित रुप से खाएगें तो निश्‍चित ही आपका ग्‍लूकोज़ लेवल नीचे चला जाएगा और आपको इस बीमारी से राहत मिल जाएगी।
करेला:-
करेला डायबिटीज के लिए अति महत्पूर्ण है इसके लिए करेले का जूस अकेले या आंवले के जूस में मिला कर पीने से बहुत फायदा होता है। करेले का प्रयोग एक प्राकृतिक स्टेरॉयड के रुप में किया जाता है क्‍योंकि इसमें कैरेटिन नामक रसायन होता है जिसके दा्रा खून में शुगर लेवल नहीं बढ़ पाता। करेले के 100 मिली. के रस में इतना ही पानी मिलाकर दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।
विजयसार:-
विजयसार को ना केवल आयुर्वेद बल्कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में बहुत उपयोगी  मानता है। इसके लिए विजयसार की लकड़ी से बने गिलास में रात में पानी भर कर रख दिया जाता है। और सुबह भूखे पेट इस पानी को पी लिया जाता है। विजयसार की लकड़ी में पाये जाने वाले तत्व रक्त में इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाने में सहायता करते हैं।
जामुन:-
इस फल का रस, पत्‍ती और बीज मधुमेह की बीमारी को जड़ से खतम कर देते हैं। जामुन के सूखे बीजों को पाउडर बना कर एक चम्‍मच दिन में दो बार पानी या दूध के साथ लेने से राहत मिलती है। इससे अग्न्याशय पर काफी अच्‍छा असर पड़ता है।
नारियल तेल:-
नारियल तेल डायबिटीज के मरीजों के लिए बहत हीं फायदेमंद है। नारियल के तेल में कुछ खास और दुर्लभ वसा अणु होते हैं  जिन्हें मध्यम श्रृंखला फैटी एसिड (एम् सी ऍफ़ ए) यानि मीडियम चेन फैटी एसिड के रूप में जाना जाता है। ये आपकी कोशिकाओं को बिना इंसुलिन की मदद के आहार प्रदान करता है। इस तरह बिना इंसुलिन के भी आपको उर्जा मिलती रहती है एवं आपकी कोशिकाओं को आहार भी मिलता रहता है।
आमला:-
अगर एक चम्‍मच आमले का रस करेले के रस में मिला कर रोज पिएगें तो मधुमेह की इस्‍से अच्‍छी दवा और कोई नहीं होगी। 5.आम की पत्‍ती- 15 ग्राम ताजे आम के पत्‍तों को 250 एमएल पानी में रात भर भिगो कर रख दें। इसके बाद सुबह इस पानी को छान कर पी लें। इसके अलावा सूखे आम के पत्‍तों को पीस कर पाउडर के रूप में खाने से भी लाभ होता है।
शहद:-
कार्बोहाइर्ड्रेट, कैलोरी और कई तरह के माइक्रो न्‍यूट्रिएंट से भरपूर शहद मधुमेह के लिए लाभकारी है। जिन लोगों को यह बीमारी होती है उन्‍हें चीनी की जगहं पर शहद खाने को कहा जाता है।
औषधियां:-
यदि खून में शुगर की मात्रा ज्यादा बढ़ी हुई नहीं हो तो उपरोक्त उपायों से आराम अवश्य मिलता है, किन्तु यदि खून में शुगर लेवल ज्यादा हो तो चिकित्सक की राय अवश्य लेनी चाहिए। इसके लिए एलोपैथी में इन्सुलिन के इंजेक्शन तथा मुख से सेवन करने वाली गोलियों आदि का प्रयोग किया जाता है। ये दवाइयाँ डायबिटीज में बहुत फायदेमंद होती हैं लेकिन इन्हे चिकित्सक की राय से ही सेवन करना चाहिए।

मधुमेह रोगी को खाने से लगभग 1 घंटा पहले तेज गति से पैदल चलना चाहिए और साथ ही व्‍यायाम और योगा भी करें। सही समय पर इंसुलिन व दवाइयां लेते रहें। नियमित रूप से चिकित्‍सक के पास जाकर चेकअप भी कराइए।