गर्भावस्था के दौरान प्रसव दर्द से राहत दिलाने के असरदारी तरीके

किसी भी महिला के लिए माँ बनना सबसे बेहतरीन अनुभव होता है। और ऐसा हो भी क्यों ना आखिरकार आप एक नन्ही सी जान को अपने घर जो लेकर आ रहे हैं। बच्चे के आने की खुशी से तो पुरे परिवार में प्रसन्नता का माहौल रहता है| लेकिन इस खुशी भरे माहौल में बच्चे को जन्म देने वाली महिला को बहुत तनाव से गुजरना पढता है|

दरहसल गर्भवती महिलाओ को प्रसव से होने वाले दर्द का भय होता है| क्योंकि गर्भावस्था के दौरान,  सभी महिलाओं को प्रसव के दर्द से गुजरना ही पड़ता है। यह दर्द बेहद ही असहनीय होता है। यह दर्द इस बात का संकेत होता है कि महिला किसी भी समय बच्चे को जन्म दे सकती है। यह दर्द बेहद तकलीफदेह होता है, लेकिन फिर भी इस दर्द से राहत पाने के लिए कुछ तरीके अपनाए जा सकते हैं।

हम आपको बताना चाहते है की योग और व्यायाम के द्वारा लेबर पीड़ा को कई हद तक कम किया जा सकता है| डिलीवरी के बारे में पूरी जानकारी होने पर आप इस दर्द से कई हद तक निजाद पा सकते है|

यदि प्रेगनेंसी के समय डाइट, व्यायाम की सही जानकारी होती है तो महिला अपना ठीक तरह से धयान रखकर इस पीड़ा को कम कर सकती है| तो आइये जानते है Labour Pain in Hindi, वो कौन से तरीके है जिनसे महिला प्रसव के समय को थोड़ा आसान बना सकती है|

 

Labour Pain in Hindi - प्रसव पीड़ा को कम करने के तरीके

 

 

एक्‍यूप्रेशर है फायदेमंद

प्रसव पीड़ा का दर्द कम करने और प्रसव सहजता से पूरा करने के लिए एक्‍यूप्रेशर का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। यदि आप एक्‍यूप्रेशर का इस्तेमाल करने की सोच रही हैं तो हम आपको बतादे की इसका अभ्यास पहले से शुर कर दे| दरहसल गर्भावस्‍था के 37वें सप्ताह तक शरीर के सभी बिंदु सुरक्षित होते हैं| इसके अतरिक्त आप अपने जीवनसाथी से मालिश भी करवा सकते है| यह प्रक्रिया बहुत आरामदायक और मददगार होती है|

 

कमर दर्द के लिए स्ट्रेथनिंग व्यायाम

गर्भावस्था के दौरान कमर पर सबसे ज्यादा दबाव रहता है इसलिए प्री-प्रेगनेंसी में महिलाओं को कमर दर्द बहुत अधिक होता है। इसलिए प्रसव के दौरान कमर दर्द से बचने के लिए स्ट्रेथनिंग व्यायाम करना लाभदायक है| इसे करने के लिए सबसे पहले तो सीधे खड़े हो जाइए, इसके पश्चात अपने दोनों हाथो को ऊपर की और कीजिये|

इसके पश्चात सिर निचे की और झुखाये और कमर को ऊपर की और स्ट्रेच करने की कोशिस करे| कुछ समय तक इस स्थिति में रहिए, फिर सामान्य स्थिति में आइए। इस प्रकिया को आप 10 बार तक दोहरा सकते है|

 

गर्भावस्था को आसान बनाये योग

तितली आसन: यह आसन करने से गर्भवती महिला को दर्द कम होता है| दरहसल इस आसन को करने से शरीर के निचले हिस्से का तनाव खुलता है और शरीर का लचीलापन बढ़ जाता है। इस आसन का अभ्यास महिलाये तीसरे महीने से कर सकती है| तितली आसन करने से प्रजनन के दौरान गर्भवती महिला को दिक्कत कम होती है।

अनुलोम-विलोम: यह सांस का व्यायाम है| कहा जाता है, प्रसव में होने वाले डर को लेकर महिलाये ज्यादा तनाव में आ जाती है| अनुलोम-विलोम आसन का अभ्यास गर्भावस्था में करने से शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है और महिलाएं तनावरहित रहती हैं। यह एक बेहतरीन Pregnancy Yoga है|

पर्वतासन: जो महिलाये गर्भावस्था में पर्वतासन करती है उन्हें कमर दर्द कम होता है| इसके अतिरिक्त इस आसन के अभ्यास से आगे चलकर शरीर बेढोल भी नहीं होता है|

 
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प्रसव का वक्त नजदीक होने पर महिला के घर वालो को समझ नहीं आता की कब चिकित्सक को कॉल किया जाये| तो जब भी गर्भवती महिलाओं को महसूस हो, कि उन्हें प्रसव वाला दर्द हो रहा है तब वो तुरंत अपने परिवार वालों को इसकी जानकारी दें, ताकि वह आपको अस्पताल ले जा सके। इसके अतिरिक्त अन्य लक्षण जिनसे समझ आ जाता है की आपके बच्चे को जन्म देने का समय आ गया है|

  1. जब आपके योनि से पानी निकलना शुरू हो जाए।
  2. बहुत अधिक मात्रा में खून निकल रहा हो और आपकी योनि का मुँह बड़ा हो गया हो।
  3. जब आपका संकुचन बढ़ रहा हो, और आपको बेहद असहजता महसूस हो रही हो।

इसके अतिरिक्त चिकित्सको की माने तो अगर प्रसव के दौरान गर्भवती महिला के पास कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो उसे सहज रहने में मदद कर सकता है तो प्रसव प्रक्रिया बहुत सहज व आसान हो जाती है और लेबर पैन कम होता है|

खासकर यदि महिला का जीवनसाथी उनके साथ हो तो यह प्रसव अनुभव उनके लिए संतोषजनक रहता है। इसलिए महिलाओं को अपने साथ प्रसव के दौरान किसी को रखने पर जोर देना चाहिए। यह व्यक्ति गर्भवती महिला का पति, महिला की कोई दोस्त या कोई भी संबंधी भी हो सकता है| देखा गया है की इससे प्रसव नतीजे पर काफी असर दीखता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्‍सेट्रेशियंस एंड गाइनेकोलॉजिस्‍ट जैसे अंतरराष्‍ट्रीय संगठन भी ऐसा करने की सलाह देते हैं।

 

ऊपर आपने जाना Labour Pain in Hindi की जानकारी| यदि आप भी गर्भवती महिला है तो अपने खान पान का अच्छे से ख्याल रखे, व्यायाम करे, चिकित्सक से बीच बीच में संपर्क करे, प्रेगनेंसी के बारे में जानकारी इकठ्ठा करे| यह सब से आपको लेबर पैन और उसके डर से निजाद पाने में कई हद तक मदद मिलेगी|