बेबी केयर टिप्स: ऐसे करें अपने नवजात शिशु की प्यार भरी देखभाल
आज की दुनिया में सबसे गहरा और सच्चा रिश्ता माँ और बच्चो का होता है और हो भी क्यों ना क्युकी जितना अच्छा माँ इस रिश्ते को समझती है, उससे बेहतर इसे और कोई भी नहीं समझ सकता है। जब भी एक महिला बच्चे को जन्म देती है तो उसके मन में कई तरह के ख्याल आते है| की कैसे वो अपने नन्ही सी जान का अच्छे से ख्याल रख सके| जानकारी के अभाव में यह सवाल उसे परेशान करते रहता है|
यदि आप भी अभी अभी माँ बनी है तो आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है| आज हम आपको नवजात शिशु की देखभाल करने के बारे में बताएँगे जिससे आप उसकी अच्छी तरह देखभाल कर सकते है। दरहसल बच्चे के जन्म देने के माँ की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है| बच्चे का इस वक्त रखा गया ख्याल उसकी जिंदगी भर के लिए रक्षा करता है|
नवजात शिशु को स्वस्थ और बीमारियो से दूर रखने के लिए उसकी ज्यादा से ज्यादा देखभाल की आव्यशकता होती है। आप चाहे तो बीच बीच में डॉक्टर की सलाह ले सकते है| शिशु की देखबाल से हमारा यहाँ तात्पर्य केवल खानपान से ही नहीं है बल्कि उसकी सम्पूर्ण देखबाल से है| अच्छी देखबाल के लिए बच्चे की ठीक से साफ़ सफाई रखना, तेल की मालिश करना आदि जरुरी होता है| यहाँ जानिए Newborn Baby Care in Hindi.
Newborn Baby Care in Hindi: नवजात शिशु की बेहतर देखभाल के लिए
शिशु का आहार
नवजात शिशु के लिए शुरुवाती महीने तक केवल माँ का दूध ही पिलाये और जाने अनजाने में भी उनके मुँह में ऐसी कोई भी चीज़ नहीं दे जिनसे उन्हें परेशानी होने लग जाये और वो हजम भी ना कर पाये। कई लोग बच्चे के जन्म के बाद उसे शहद या मिठाई चटवाते है, ऐसा बिलकुल भी ना करे|
शिशु के रोने से समझे
शिशु का रोना भी उसके शरीर द्वारा आपको दिया गया एक मैसेज होता है| शिशु के रोने के कई कारण होते है जिन्हे आपको खुद से ही समझना पड़ता है। जैसे की भूख लगना, बिस्तर गीला हो जाने की वजह से आदि। किन्तु यदि उनके रोने के पीछे के कारण यह नहीं है तो चिकित्सक की सलाह लेना बेहतर होगा|
स्तनपान है जरुरी
शिशु के लिए माँ का दूध ही सबसे महत्वपूर्ण होता है। तो पहली बार जब भी शिशु को अपनी गोद में ले स्तनपान जरूर करवाये। जिन शिशुओं को जन्म से स्तनपान कराया जाता है, उनकी जीवन के पहले वर्ष में बीमार पड़ने की संभावना बहुत कम होती है। ऐसा करने से वो हर तरह की बीमारियो के खतरे से बचे रहते है। सिर्फ यही नहीं इससे बच्चे को पर्याप्त पोषण भी मिलता है|
तेल की मालिश करे
Baby Care Tips के अनुसार शिशु की रोजाना मालिश करने से उनके शरीर का विकास होता है और उनकी हड्डियां मजबूत होती है। उनकी मालिश के लिए बादाम का तेल, जैतून का तेल या फिर बेबी तेल का ही इस्तमाल करे। ध्यान रहे उनकी मालिश हलके हाथो से ही करी जाये। इसके साथ उनके मालिश करने का समय भी निर्धारित रखे| शिशु को निलहाने से पहले भी मालिश करना फायदेमंद है| लेकिन ध्यान रहे की 1 साल तक के बच्चे की सरसो के तेल से मालिश ना करे|
ध्यान से नहलाये
नवजात शिशु की नाजुक त्वचा के लिए नहलाने के पानी का भी ध्यान रखे| एक दम गरम पानी का इस्तेमाल ना करे| गुनगुने पानी से ही नहलाये| शैम्पू का इस्तेमाल भी ध्यानपूर्वक करे, शैम्पू को उनकी आँखों तक ना पहुँचने दे। शुरुवाती तीन हफ्ते में उनका बदन गीले कपड़ो से पोछे। ऐसा करने से बच्चे को बेहतर नींद आती है।
गरम वातावरण में रखे
शिशु को गरम वातावरण में रखना जरुरी होता है, क्युकी वह अपने शरीर का तापमान संतुलित नहीं रख पाते है, जिनसे उन्हें जल्दी ठण्ड लग जाती है। इससे उन्हें सर्दी बहुत ही जल्दी पकड़ लेती है|
शिशु की ठण्ड में देखभाल
सर्दियों के मौसम में शिशु की खास देखभाल जरुरी होती है, इसीलिए उनके शरीर के तीनो हिस्सों यानि पेरो को, छाती के भाग को और सिर को मुलायम गर्म कपड़ो से ढक कर रखना चाहिए। ठण्ड के दिनों में शिशु को ऐसे कपडे पहनाये जिनसे उन्हें ऑक्सीजन मिलती रहे, और सिर पर ऊन की टोपी पहनाये ताकि ठण्ड से कानो में हवा ना जा सके। इसके अलावा नवजात शिशु को समय-समय पर डॉक्टर से भी दिखाते रहे।
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Baby Care Tips in Hindi: नवजात शिशु की देख भाल के अन्य तरीके
- शिशु को बाहर की जगह माँ का दूध ही पिलाये।
- शिशु को भीड़ भाड़ वाली जगहों से दूर रखे।
- नवजात शिशु के रोने से घबराये नहीं।
- शिशु के आसपास का वातावरण शुद्ध और स्वछ रखे।
- गर्मियों के दिनों में उन्हें कॉटन के कपडे पहनाये।
- नवजात शिशु की तेल से मालिश करे, इससे उनके शरीर का विकास होता है।
- अपने नवजात शिशु की गर्भनाल स्टंप की देखभाल करना ना भूले।
- बच्चे को उठाते समय उसके सिर और गर्दन को ठीक से पकड़ के रखे ताकि उन्हें सपोर्ट मिलता रहे।
- दिन में और रात के समय उनका डाइपर बदलना नहीं भूले और समय-समय पर चेंज करते रहे।
<b><h4>शिशु के जन्म के बाद इन लक्षणों का रखे ध्यान</h4></b>
- दिन में कम से कम तीन बार डाइपर गिला हो जाना, ज्यादा सोना और मुह का सुखना।
- अचानक से बच्चे को साँस लेने में तकलीफ हो रही हो, या दम फूल रहा हो तो तुरंत ही अस्पताल ले जाये।
- शरीर, आँख, नाख़ून का रंग सब पीला पड़ने लग जाये, तब भी बिना देर किये चिकित्सक से संपर्क करे|
ऊपर आपने जाना Newborn Baby Care in Hindi. यदि आप भी नवजात शिशु को जन्म देने वाली है तो ऊपर दी गयी जानकारी आपको मदद करेगी|