Paschimottanasana Benefits: पश्चिमोत्तासन करने से स्वस्थ को लाभ
पश्चिमोत्तासन बैठकर किया जाने वाला योग है। यह योग जानु शीर्षासन से मिलता जुलता है। इस योग में मेरुदण्ड, पैर, घुठने के निचे का हिस्सा और कमर मूल रूप से काम करती है। यह आसन उस स्तिथि में बहुत ही लाभप्रद होता है जब शरीर थका होता है। तो आइये जानते है पश्चिमोत्तासन के लाभ (Paschimottanasana Benefits in Hindi) और बनाते है अपने शरीर को स्वस्थ और मजबूत।
पश्चिम अर्थात पीछे के भाग-पीठ। पीठ में खिचाव उत्पन्न होता है। इसलिए इसे पश्चिमोत्तासन कहा जाता है। इस आसान को आवश्यक आसनों में से एक माना गया है।
शीर्षासन के बाद इसी आसन को बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। इस आसन से मेरुदण्ड लचीला होता है, जिससे कुण्डलिनी जागरण में बहुत लाभ होता है। यह आसन आध्यात्मिक दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है।
पश्चिमोत्तासन के द्वारा शरीर मजबूत बनता है जिससे बुढ़ापे में भी व्यक्ति तनकर चलता है और उसकी रीढ़ की हड्डी झुकती नहीं है। यह मेरुदण्ड के सभी विकार जैसे- पेट दर्द, पेट के रोग, यकृत रोग, तीली, आंतो के रोग तथा गुर्दे के रोगों को दूर करता है। इसके अभ्यास से शरीर की चर्बी काम होकर मोटापा दूर होता है तथा मधुमेह का रोग भी ठीक होता है।
यह आसन स्त्रियों ले लिए भी बहुत लाभकारी है। यह योगासन से स्त्रियों के योनि दोष. मासिक धर्म संबंधी विकार तथा प्रदर आदि रोग दूर होते है। यह आसान गर्भाशय से संबंधी शरीर के स्नायु जाल को ठीक करता है।
You may also like:- Anulom Vilom Pranayam in Hindi: जानिए इस योग के फायदे
Paschimottanasana Benefits in Hindi: पश्चिमोत्तासन के लाभ
- आइये जानते है Paschimottanasana Benefits, जिसको करने के आपको बहुत से लाभ मिलते है और आप अपने शरीर को मजबूत बना सकते है। साथ ही यह आसन गर्भाशय की समस्या के लिए भी लाभदायक है। तो आइये जानते है इस आसन के बारे में पूरी जानकारी:-
- इस आसन से शरीर की वायु ठीक रूप से काम करती है और आध्यात्मिक उनत्ति होती है।
- जिस व्यक्ति को क्रोध अधिक आता हो उसे यह आसन जरूर करना चाहिए।
- इससे पुरे शरीर में खून का बहाव सही रूप से होता है। जिससे शरीर की कमजोरी दूर होकर स्फूर्ति दायक और हमेशा स्वस्थ रहता है।
- पश्चिमोत्तासन शरीर में तनाव को काम करता है और ताज़गी का एहसास दिलाता है।
- इस आसन को करने से बौनापन दूर होता है।
- पेट की चर्बी को काम करता है तथा नितमंबो का मोटापा दूर कर सुडोल बनाता है।
- यह आसन आपके स्वस्थ के लिए बहुत ही लाभप्रद होता है।
- इसके अभ्यास से गुर्दे की पथरी, बहुमूत्र दूर होता है तथा बवासीर की परेशानी नहीं होती है।
- यह आसन वीर्य दोष को दूर करता है तथा कब्ज को दूर कर मल को साफ़ करता है।
Paschimottanasana Steps: जानिए इस योगासन को करने की स्टेप्स
- जमीन पर चटाई या दरी बिछाकर इस आसन का अभ्यास करे। चटाई पर पीठ के बल लेट जाये और अपने दोनों पैरों को फैलाकर रखें। दोनों पैरों को आपस में परस्पर मिलाकर रखे तथा अपने शरीर को बिलकुल सीधा तान कर रखे।
- दोनों हाथों को सर के उप्पर जमीन पर टिकाये। अपने दोनों हाथों को ऊपर की और उठाते हुए एक झटके के साथ कमर के ऊपर के भाग को उठा ले। इसके बाद धीरे-धीरे अपने हाथों से पैरों के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करे। ऐसा करते समय पैरों तथा हाथों को बिलकुल सीधा रखे।
- अगर आपको लेट कर यह आसन करने में परेशानी हो तो इस आसन को बैठ कर भी किया जा सकता है। यह करते समय अपनी नाक को छूने की कोशिश करें। इस प्रकार यह क्रिया 1 बार पूरी होने के बाद 10 सेकंड तक आराम करें और पुनः इस क्रिया को दोहराएं। इस तरह यह आसन 3 बार ही करे। इस आसन को करते समय सांस संबंधी रूप से ले और छोड़े।