मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है प्राणायाम का नियमित अभ्यास

हमारें शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग बहुत फायदेमंद है| योग से शरीर को मिलने वाले फायदों को देखते हुए इसे भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी अपनाया जा रहा है| योग और प्राणायाम के जरिये व्यक्ति कई लाभ पा सकता है| कुछ लोग कहते है की योग और प्राणायाम भिन्न भिन्न है| लेकिन ऐसा नहीं है योग के अंतर्गत 8 अंग आते है, जिनमे चौथे नंबर पर प्राणायाम का स्थान है|

वास्तव में देखा जाये तो प्राणायाम एक तरह से तप है जिसके माध्यम से हमारे देश के अनेक ऋषियों, मुनियों तथा तपस्वियों ने साधना कर ज्ञानार्जन किया और अपने अनुभव को समाज के सामने रखा।

प्राणायाम, प्राण+आयाम से शब्द बना है। प्राण का अर्थ होता है जीवात्मा, वहीं आयाम के दो अर्थ है, प्रथम नियंत्रण या रोकना और द्वितीय विस्तार। यदि हम सामान्य भाषा में बात करे तो जिस क्रिया से हम श्वास लेने की प्रक्रिया को नियंत्रित करते है उसे प्राणायाम कहते है|

प्राणायाम की मदद से मन और मस्तिक्ष की सफाई की जाती है| इसका नियमित अभ्यास करने से मन से बुरे और नकारात्मक विचार दूर हो जाते है, मन को शांति मिलती है| प्राणायाम करने से कई सारी बीमारियो का नाश होता है और शरीर स्वस्थ बनता है| आइये विस्तार से जाने है Pranayama in Hindi.
 

Pranayama in Hindi: जानिए प्राणायाम के प्रकार और इसकी क्रियाएं

 

  आयुर्वेद में तो प्राणायाम को मन, मस्तिष्क और शरीर की औषधि माना गया है। जब भी कोई व्यक्ति सांस लेता है तो शरीर के अंदर जा रही वायु पांच भागों में विभक्त हो जाती है| या अन्य शब्दों में कहे तो ये वायु शरीर के भीतर पांच जगह स्थिर हो जाती है। पांच भागों में गई वायु शरीर को पांच तरह से फायदा पहुचाने का काम करती है|

किन्तु बहुत से लोग जब श्वास लेते हैं तो वायु सभी अंगों को नहीं मिल पाने के कारण वे लोग बीमार रहते हैं। इसलिए ही प्राणायाम को किया जाता है ताकि सभी अंगों को भरपूर वायु मिल सके, जो कि हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरुरी है|

प्राणायाम कई तरह के होते हैं जैसे भ्रामरी प्राणायाम, उज्जायी प्राणायाम, प्रणव-प्राणायाम, कपालभाति-प्राणायाम, बाह्य-प्राणायाम, सीत्कारी प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम आदि| इन सब प्राणायाम को करने की विधि अलग-अलग होती है। और इन्हे करने से कई शारीरिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते है|

प्राणायाम करते वक्त तीन क्रियाएं की जाती हैं| पहली पूरक, दूसरी कुंभक और तीसरी रेचक। अर्थात श्वास को लेना, रोकना और छोड़ना।
 

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  पूरक: नियंत्रित गति से जब श्वास अंदर ली जाती है तो उस क्रिया को पूरक कहा जाता हैं। जब भी आप श्वास भीतर खिंचते हैं चाहे वो धीरे-धीरे हो या तेजी से दोनों ही तरीको में लय और अनुपात का होना जरुरी है।

कुम्भक: भीतर की गयी श्वास को रोककर रखने की क्रिया को कुम्भक कहा जाता हैं। इसे हम अपनी क्षमतानुसार करते है| श्वास को अंदर रोककर रखने की क्रिया को आंतरिक कुंभक और श्वास को बाहर छोड़कर पुन: नहीं लेकर कुछ देर रुकने की क्रिया को बाहरी कुंभक कहा जाता हैं। इनमे भी पूरक की तरह लय और अनुपात का होना जरुरी है।

रेचक: नियंत्रित गति से जब अंदर ली हुई श्वास को छोड़ते है उस क्रिया को रेचक कहा जाता हैं। श्वास धीरे-धीरे या तेजी से दोनों ही तरीके से जब छोड़ते हैं तो उसमें भी लय और अनुपात का होना बेहद आवश्यक है।
 

Pranayama Benefits in Hindi: प्राणायाम के लाभ

वजन कम करे

बहुत से लोग अपने बढ़ते वजन को लेकर परेशान रहते है| Pranayama for Weight Loss भी है| इसे करने से वजन नियंत्रित रहता है और बाहर निकला हुआ पेट अंदर हो जाता है| यदि आप इसका नियमित रूप से अभ्यास करते है तो आपको अपने वजन में फर्क अवश्‍य महसूस होगा।  

शरीर से विषैले तत्व निकाले

प्राणायाम करने से शरीर में अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन पहुचती है| इसलिए प्राणायाम एक ऐसा तरीका है जिसके जरिये हम शरीर से कई विषैले तत्वों को बाहर निकाल सकते है। यदि हम इसे नियमित रूप से करते है तो शरीर में डिटॉक्‍सीफिकेशन की प्रक्रिया होती है, जिससे शरीर साफ़ हो जाता है| इसलिए इसको करने से त्वचा में भी निखार आता है और मुहांसे दूर होते है|  

अवसाद और तनाव दूर करे

प्राणायाम करने से दिमागी तनाव में आराम मिलता है। जो लोगो को ऑफिस में बहुत तनाव झेलना होता है| या फिर जो स्टूडेंट्स पढाई करने के बाद थकान महसूस करते है वो लोग प्राणायाम की मदद से थकान को दूर भगा सकते है। इसके नियमित अभ्यास से मानसिक रूप से दृढता आती है और व्यक्ति को डिप्रेशन की अवस्था से बाहर निकलने में मदद मिलती है|  

प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत बनाये

कुछ लोगो का इम्युनिटी सिस्टम बहुत वीक होता है| इस वजह से वे लोग बार बार बीमार हो जाते है| यदि आपका भी रोग प्रतिरोधक तंत्र कमजोर है और खान पान के जरिये वो ठीक नहीं हो पा रहा हो तो बेहतर होगा कि आप प्राणायाम करें। इससे आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार आएगा।   ऊपर आपने जाना Pranayama in Hindi. यदि आप भी उपरोक्त लाभ पाना चाहते है तो प्राणायाम करे| लेकिन ध्यान रखे इसके नियमो के अनुसार इसे करते वक्त आपकी रीढ़ की हड्डी हमेशा सीधी होनी चाहिए।