दुसरे बच्चे का प्लान कर रहे है तो पहले यह बाते जरुर जान ले
माँ बनना हर महिला के लिए बहुत ही खांस बात होती है| कई माँ केवल एक ही बच्चे को जन्म देना पसंद करती है वही कई महिलाये दो बच्चो को जन्म देती है|
कुछ लोग सोचते है की यदि एक बार महिला किसी बच्चे को जन्म दे चुकी है तो अगली बार उसे ज्यादा परेशानी नहीं होती है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है|
हो सकता है की आपकी पहली प्रेगनेंसी बिना किसी कष्ट के हो गयी होगी, लेकिन इसका तात्पर्य यह बिलकुल भी नहीं है की दूसरी बार भी आपके साथ बिलकुल ऐसा ही हो| क्योकि इस वक्त आपका एनर्जी लेवल, हारमोंस सब अलग अलग होता है|
इसलिए इस नाजुक दौर में भी आपको देखभाल की जरुरत होती है, बस इतना है की आपको पहले भी इसका अनुभव हो चूका है तो आप अच्छे से अपना ख्याल रख सकते है| जब आप दूसरी बार गर्भधारण का सोच रही है तो इन बातो ध्यान में रख सकते है| आइये जानते है Second Pregnancy in Hindi.
Second Pregnancy in Hindi: क्या आप इसके लिए है तैयार
आपकी उम्र 35 के ऊपर ना हो
जैसे जैसे उम्र बढती जाती है फर्टीलिटी में कमी आती है। इस कारणवश जो भी महिलाएं 35 साल के बाद प्रेगनेंट होती है उन्हें डिलीवरी के समय कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, सिर्फ इतना ही नहीं ऐसे में कई बार बच्चों का विकास भी ठीक तरह से नहीं हो पाता।और यदि हम इससे भी ज्यादा उम्र याने की 40 साल की बात करे तो इस उम्र में तो महिलाओं को गर्भधारण का रिस्क लेना ही नहीं चाहिए| क्योकि इस उम्र के बाद कई तरह की बीमारिया होती है, जिसका असर आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर होने का खतरा होता है| इसलिए Second Pregnancy Planning समय पर ही करे|
आपके बच्चे को मिलेगा बेहतर दोस्त
यदि आप दुसरे बच्चे का प्लानिंग कर रहे है तो आपके पहले बच्चे को घर में ही एक अच्छा दोस्त मिल जायेगा| कई बार जो बच्चे अकेले होते है वो बहुत अकेलापन महसूस करते है| वही जिन लोगो के भाई बहन होते है उनके पास अपनी परेशानियों को शेयर करने के कोई न कोई मिल जाता है|- दो बच्चे होने से आपके बच्चो को भाई- बहिन के रूप में अच्छे दोस्त मिलते है|
- सिबलिंग होने की वजह से उन्हें अकेलेपन जैसी कोई परेशानी नहीं होती|
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दोनों का पूरा ख्याल रखे
ऐसा कहा जाता है की दुसरे बच्चे को जन्म देने के लिए केवल पार्टनर की रजामंदी होना जरुरी है| लेकिन ऐसा नहीं है यह आपके लिए दो बच्चो की जिम्मेदारिया साथ लाता है| आपको अपने दोनों बच्चो का अच्छे से ख्याल रखना जरुरी होता है|- कुछ केसेस में दूसरे बच्चे के जन्म के दौरान पहले बच्चे को बहुत तकलीफ होती है|
- पहले बच्चे को लगता है की माँ और पापा अब केवल दुसरे बच्चे से प्यार करते है उससे नहीं|
दोनों बच्चो में अंतर
कुछ किये गए शोधो के अनुसार पहले और दुसरे बच्चे में कम से कम 2 साल का अंतर होना चाहिए| यह नए जन्मे बच्चे और माँ, दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरुरी है| क्योकि जब भी यह गैप 17 महीने से कम होता है तो प्रीमेच्योर बर्थ होने की सम्भावना रहती है|वही यदि यह अंतर 5 साल से ज्यादा हो जाये तो गर्भ ना ठहरने की सम्भावना ज्यादा बढ़ जाती है|