दिल और सांस के रोगों में फायदेमंद है सिद्धासन का अभ्यास

सेहतमंद शरीर की कल्पना तो हम सभी करते है| लेकिन स्वस्थ शरीर पाना इतना आसान नहीं है| इसके लिए आपको अच्छे खान पान के साथ साथ व्यायाम और योग करने की भी आवश्यकता है| नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से शरीर ना केवल स्वस्थ रहता है बल्कि सुन्दर और सुघड़ भी बनता है|

आज के लेख में हम आपको योग के अंतर्गत आने वाले सिद्धासन के बारे में बताने वाले है| ‘सिद्धासन’ एक संस्कृत का शब्द है| इसे दो भागो में तोडा गया है| सिद्ध + आसन, सिद्ध का अर्थ होता है सही, वही आसन का मतलब बैठना|

सिद्धासन की बात करे तो हस्त योग प्रदीपिका के अनुसार, यह ध्यान में किये जाने वाले आसनों में चौथा प्रभावित आसन है| सिद्धासन आपके घुटनों, टखनो, नितम्ब, मेरुदंड को लचीला और मजबूत बनाता है| जो भी लोग ध्यान का अभ्यास करते है उनके लिए यह बहुत ही फायदेमंद आसन है|

सिद्धासन उन पुरुषो को जरुर करना चहिये जिन्हें पुरस्थग्रंथि से सम्बंधित कोई समस्या है| आइये जानते है Siddhasana in Hindi, और शरीर को इससे मिलने वाले लाभों के बारे में|
 

Siddhasana in Hindi: जानिए सिद्धासन की विधि, लाभ और सावधानिया

 

  सिद्धासन बैठ कर किये जाने वाला आसन है| इसे Accomplished Pose और Siddhi's Pose के नाम से भी जाना जाता है| यह आसन 72,000 नाड़ियो को शुद्ध करता है और हमारे शरीर में उर्जा का मार्ग भी बनाता है| यह करने में बेहद आसान है और इसे हर कोई कर सकता है|  

Siddhasana Steps: सिद्धासन करने का तरीका

Siddhasana Yoga करने के लिए किसी साफ़ समतल स्थान पर आसन बीछाकर बैठ जाये और अपने पैरो को खुला रखे| फिर अपने उलटे पैर की एड़ी को उठाकर गुदा और जननेंद्रिय के बीच में रखें। फिर सीधे पैर की एड़ी को जननेंद्रिय के ऊपर चित्र में दिखाए अनुसार रखे।

आप चाहे तो अपने पैरों का क्रम बदल भी सकते हैं। आपके दोनों पैरों के तलवे वाला हिस्सा जंघा के मध्य भाग में रख दे। अपने दोनों हाथो को घुटने के ऊपर रखे, हथेलिया ऊपर की और होना चाहिए| आपको ज्ञान मुद्रा में अपने हाथो को रखना है|

अपनी श्वास को सामान्य रखें और ध्यान को केन्द्रित करें| अपनी आँखों को आप बंद या खुला अपनी इच्छा अनुसार रख सकते है| चार से पांच मिनट तक इसका अभ्यास करे|
 

Siddhasana Benefits: सिद्धासन के लाभ

  1. सिद्धासन के नियमित अभ्यास से पाचन से सम्बंधित समस्या ख़तम हो जाती है|
  2. इस आसन को करने से शरीर की समस्त नाड़ियों का शुद्धिकरण होता है।
  3. इससे ध्यान करना बहुत आसान हो जाता है और मन एकाग्र होता है|
  4. बवासीर के रोगों भी यह बहुत लाभप्रद है।
  5. इसके अभ्यास से सांस के रोग, दिल के रोग, शुक्रदोष आदि दूर होते हैं।
  6. ब्रह्मचर्य-पालन में यह आसन मदद करता है| इससे मन की चंचलता दूर कर कामवासना को शांत करता है|
  7. जिन लोगो को बार बार अपच हो जाता है उन्हें इस आसन का अभ्यास जरुर करना चाहिए|
  8. इससे दिमाग स्थिर बनता है तथा स्मरण शक्ति भी तेज होती है|
  9. यह दमा, अजीर्ण जैसे अनेक रोगों में बहुत लाभकारी है|
  10. कुण्डलिनी शक्ति जागृत करने के लिए सिद्धासन का अभ्यास उपयुक्त है|
  11. इससे रीढ़ की हड्डी लचीली और मजबूत बनती है|
 

Follow-up poses: सिद्धासन के बाद किये जाने वाले आसन

  • अर्ध-मत्स्येन्द्रासन
  • बद्धकोणासन
  • जानुशीर्षासन
  • उपविसथा कोणासन
  ऊपर आपने जाना Siddhasana in Hindi. आपने इसकी विधि और लाभ को तो जान लिया है| तो एक बार इसकी सावधानी पर भी गौर कर ले| जब भी आप इसे करने बैठे अपनी रीड़ को सीधी रखे तथा ज्ञानमुद्रा में हाथों को भी सीधा रखें।

यदि आपकी किसी तरह की मेडिकल हिस्ट्री है तो चिकित्सक की सलाह से ही इसे करे| इसे अपनी क्षमता के अनुसार करे, चेहरे पर किसी भी प्रकार का तनाव न आने दें|