पानी पीने से होने वाले रोगों को जाने और उनसे अपने परिवार को बचाये
यह तो सभी जानते है कि जल हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है। जल के बिना पृथ्वी पर कोई नहीं रह सकता है। इसी से ही हमारा पूरा जीवन चल रहा है। हमारी पृथ्वी पर भी 96.5% पानी और बाकि जमीन है तथा हमारे शरीर में भी 65% पानी है। हमारा शरीर 5 तत्वो से मिलकर बना है जिसमें जल भी प्रमुख है। मनुष्य शरीर का 2 तिहाई हिस्सा पानी से बना हुआ है।
यह बात तो आपको भी पता होगी कि पानी जैसे मनुष्य के लिए अमृत का काम करता है, तो उसी प्रकार उससे होने वाली बीमारियां हमारे शरीर को नुकसान पंहुचा सकती है। देखा जाये तो हमारे देश सबसे ज्यादा लोग पानी से होने वाली बीमारियों के शिकार होते है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है इस पानी को दूषित करने वाली भी हम ही लोग है। अगर आज जल जीवन की जगह मृत्यु बाट रहा है तो शायद इसे जिम्मेदार भी हम ही लोग है। आज हम लोगों ने इतना प्रदुषण फैलाया हुआ है जिसका दुष्परिणाम हमे ही भुगतने पड़ रहे है।
पानी से पैदा होने वाले रोगों में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और पीलिया मुख्य है। ये सभी ऐसे रोग है जिससे हमारे देश में आये दिन कोई-ना-कोई जरूर परेशान रहता है। आज हम आपको ऐसे रोगों के बारे में विस्तार से बताने वाले है। तो आइये जानते है Water Disease in Hindi.
Water Disease in Hindi: जाने इन रोगों के कारण और लक्षण
वैसे तो स्वस्थ शरीर के लिए दिन में कम से कम 12 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन आज जितनी भी बीमारियां हो रही है उनका मुख्य कारण जल ही है, क्योंकि लोग बिना सोचे समझे कही का भी पानी पी लेते है और उस पानी की शुद्धता को नजरअंदाज कर देते है। जिसके परिणाम स्वरुप वो तो किसी न किसी रोग से ग्रसित होते है ही साथ-साथ उनके परिवार वालो को ये रोग हो सकते है। अगर आंकड़ो की माने तो पानी में करीब 2100 विषेले तत्व होते है। इसलिए पानी पीने से पहले उसे शुद्ध करना बेहद जरुरी होता है। आइये अब हम जानते है पानी से होने रोगों के बारे में।
डेंगू
डेंगू के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। यह एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जो एडीज मच्छर के काटने से होता है। इसकी खास बात यह है कि ये मच्छर गंदे पानी के साथ-साथ साफ पानी में भी पनपते है, इसलिए अपने घर के अंदर या आसपास पानी जमा होने ना दें। खासकर बरसात में गमलों में, कूलरों, टायर आदि में इकट्ठा हुए पानी में यह मच्छर ज्यादा पाया जाता है। इस मच्छर की एक खासियत यह भी है कि यह रात नहीं बल्कि दिन में काटता है। इसलिए दिन के समय भी आपको इनसे बच कर रहना चाहिए।
डेंगू के लक्षण तुरंत नजर नहीं आते है इसका पता लगने में 10-12 दिन का समय लगता है। जब यह रोग हो जाता है तो ठण्ड, सरदर्द, जोड़ो का दर्द, तेज बुखार, भूख न लगना आदि इसके लक्षण है।
मलेरिया
बारिश के मौसम में गंदे पानी के जगह-जगह इकठ्ठा हो जाने की वजह है एनोफेलीज मच्छरों का जन्म होता है। जो मलेरिया जैसे रोग की उत्पत्ति करते है। यूनिसेफ के अनुसार पुरे विश्व में हर दिन लगभग 1000 हजार से ज्यादा बच्चो की मौत इस रोग के कारण होती है। यह मच्छर जब हमे काटता है तो स्पोरोज़ोइट इन्फेक्शन लार के जरिये हमारे रक्त में छोड़ देता है। जिस कारण हम मलेरिया से संक्रमित हो जाते है। साथ ही यह हमारे शरीर में मौजूद लाल रक्त कणिकाओं को अंदर-ही-अंदर प्रभावित करने लगता है।
जिससे रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स कम होने लगती है। इसकी अधिक कमी हो जाने से इंसान की मौत भी हो सकती है। मलेरिया के लक्षण भी डेंगू से मिलते-जुलते होते है। साथ ही इसमें हाथ पैरों में ऐठन, उल्टी-दस्त, शरीर पर लाल चट्ठे या दाने, शारीरिक कमजोरी और साँस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं भी होने लगती है।
आप यह भी पढ़ सकते है:- जानिए मलेरिया के लक्षण और इसके उपचार सम्बंधित जानकारी
टाइफाइड
डेंगू और मलेरिया के अलावा टाइफाइड भी एक ऐसा रोग है जो पानी के संक्रमण के कारण होता है। इस बीमारी रोग का बुखार पाचन तंत्र और ब्लड स्ट्रीम में किसी जीवाणु के इन्फेक्शन की वजह से होता। इस बैक्टीरिया को हैसलोमोनेला टाइफी कहा जाता है जो किसी पेय या खाद्य पदार्थ के द्वारा हमारे शरीर में पहुंच जाता है। जो सीधे हमारे लीवर को नुकसान पहुंचाता है, फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर को इस बीमारी से संक्रमित कर देता है। इस बैक्टीरिया के हमारे शरीर में पहुँचने के कई कारण है।
- गंदे व खराब पानी से नहाने से
- गंदा पानी पीने से
- गंदे पानी से खाना बनाने व फल और सब्जियों को धोने से टाइफाइडस होता है।
जानिए टाइफाइड के लक्षण
- पेट में दर्द रहना
- अत्यधिक सिर दर्द
- शरीर में सुस्ती आना
- बुखार का अचानक से आना
- तनाव
- उल्टी होना
- अधिक पसीना आना और अधिक ठंड लगना
- पेचिश और कब्ज होना आदि
पीलिया
पीलिया हमारे शरीर में किसी तरह के वायरस या किसी कारणवश पित्त की मात्रा अधिक बड़ जाने के कारण होता है। इस रोग के लक्षण बहुत सामान्य होते है जईहे हम आसानी से समझ सकते है जैसे आँखों का सफ़ेद भाग का पीला पड़ना, पेशाब का अधिक पीला आना, नाख़ून या त्वचा का पीला पड़ जाना। इसके अलावा कमजोरी, कब्जियत, शरीर पर खुजली होना, भूख न लगना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आदि परेशानियां भी होने लगती है। पीलिया से छुटकारा पाने के लिए आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।
आज हमने आपको बताया Water Disease in Hindi. आप भी इन् सभी कारणों और लक्षणों को अच्छे से समझे और खुद को अपने परिवार को इन् रोगों से बचाएं।