स्टडी में खुलासा, तनाव के कारण युवाओं में बढ़ रहा है स्ट्रोक का खतरा
स्ट्रोक अर्थात लकवा यह एक ऐसी समस्या है जो अब बुजुर्गो के साथ साथ युवाओं को भी प्रभावित कर रही है। पहले इस बीमारी की चपेट में अधिकतर बुजुर्ग आते थे पर अब युवाओं के साथ साथ गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी इसका शिकार बन रहे हैं।
शोध के दौरान पता चला है की अब कम उम्र में भी लोगों में स्ट्रोक जैसी बीमारियाँ ज्यादा देखने को मिल रहीं हैं। और यह भी पाया गया है की स्ट्रोक की वजह से मौत का शिकार बनने वाले 20 प्रतिशत लोगों की उम्र 40 वर्ष से भी कम थी।
डॉक्टर्स के अनुसार चार से चौदह साल के बच्चों में इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
यदि बच्चों में बार बार थ्रोट इंफेक्शन होना या जोड़ों में दर्द जैसी शिकायतें देखने को मिल रही है तो पेरेंट्स को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
युवाओं को भी इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए जागरूक रहना चाहिए ताकि इस बीमारी से दूर रहा जा सके। आपको बतादे की स्ट्रोक दिमाग की नसें ब्लॉक होने या फटने से होता है। जानते है Why Stroke Problem is Rising in Youngster के बारे में।
Why Stroke Problem is Rising in Youngster: युवाओ में स्ट्रोक के खतरे के कारण
स्ट्रोक होने के कारण
- स्ट्रोक होने के मुख्य कारणों में अनियमित जीवन शैली, मानसिक तनाव और गुस्सा आदि शामिल है।
- डायबिटीज़, हाई ब्लड-प्रेशर और हाइपरटेंशन की समस्या होने पर भी स्ट्रोक का खतरा रहता है।
- मोटापा और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर तथा शराब और गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से भी इसके होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
स्ट्रोक होने के लक्षण
- शरीर के एक ओर के भाग में कमज़ोरी या लकवा लगना
- रोगी अपनी इच्छा से एक ओर के हाथ-पैर हिला नहीं पाता
- उस हिस्से में कोई संवेदना महसूस ही नहीं होती
- बोलने में भी समस्या आ सकती है
- चेहरे की मांसपेशी कमजोर हो जाती है
क्या कहता है शोध?
- इस सर्वेक्षण के अनुसार पता चला है की सबसे ज्यादा (17.6 %) स्ट्रोक के मामले मानसिक तनाव के कारण हुए थे।
- साथ ही धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन दूसरा बड़ा कारण माना गया।
- 4.1 % मरीज़ों में स्ट्रोक होने की वजह गुस्से को बताया गया। आपको बता दे की गुस्से की वजह से महिलाओं में स्ट्रोक के मामले अधिक सामने आये है।
- कम उम्र के लोग अल्कोहल व धूम्रपान के अधिक सेवन के कारण इसका शिकार बन रहे हैं।
- प्रतिवर्ष होने वाले स्ट्रोक के कारण लगभग 16 लाख लोगों में से एक तिहाई मरीज मौत का शिकार बन जाते हैं और एक तिहाई मरीज इलाज के पश्चात् पूर्ण रूप से ठीक हो पाते हैं।
- करीब 15 प्रतिशत लोगों में स्ट्रोक के संकेत पहले से ही दिखाई दे जाते हैं, इसे वार्निंग अटैक भी कहा जाता है।
स्ट्रोक क्या है?
- स्ट्रोक एक ऐसी समस्या है, जिसमें मस्तिष्क तक रक्त पहुँचाने वाली किसी रक्त वाहिका में रक्त और ऑक्सीजन का बहाव रुक जाता है या फिर रक्त वाहिका के फटने से रक्त बहने लगता है।
- यह रक्त, वाहिका से बाहर निकल कर मस्तिष्क के उत्तकों मैं फैल जाता है।
- इन दोनों ही परिस्थितियों में, मस्तिष्क के जिस हिस्से को रक्त नहीं मिल पाता, उस जगह की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और वह हिस्सा कार्य करना बंद कर देता है।