Baby Dropping: गर्भावस्था का अंतिम चरण, जानिए इसकी जानकारी
प्रत्येक गर्भवती महिला अपने प्रसव के अंतिम दिन का बेसब्री से इंतजार करती है। वह चाहती है की जल्द से उसका शिशु बाहर आये और वह उसे देख सके।
गर्भवती महिलाओ में गर्भ धारण से लेकर अंतिम महीने तक कई बदलाव आते है। परन्तु गर्भावस्था के अंतिम चरण पर जब शिशु के पैदा होने का समय समीप आता है तो इस दौरान महिला के शरीर में आरामदायक बदलाव होने लगते है।
गर्भवती महिलाओ में अंतिम महीने में कई अलग लक्षण देखने को मिलते है। जिनमे से एक है बेबी ड्रॉपिंग। इसमें गर्भवती महिला के अंतिम महीने में शिशु नीचे की ओर खिसकने लगता है।
इसे लाइटिंग भी कहा जाता है। यह संकेत होता है की आपको किसी भी समय लेबर हो सकता है। जिस महिला का पहला प्रसव होता है उसे यह जानना बहुत ही आवश्यक होता है की Baby Dropping कब हो रही है? यहाँ जानिए इसके बारे में।
Baby Dropping क्या होती है? जाने लक्षण और रहे इसके लिए तैयार
क्या होता है बेबी ड्रॉपिंग?
- यदि किसी गर्भवती महिला को बेबी ड्रॉपिंग हो रही है तो इसका मतलब होता है की उसके प्रसव का समय निकट आ गया है।
- इसका अर्थ है की शिशु अब कभी भी जन्म ले सकता है।
- बेबी ड्रॉपिंग में यदि गर्भवती महिला पहली बार माँ बनने वाली होती है तो यह संकेत उसे शिशु के जन्म लेने के कुछ हफ्ते पहले से ही होने लगते है।
- गर्भवती महिला यदि दूसरी बार माँ बनने वाली होती है तो यह संकेत शिशु के जन्म के कुछ घंटे पहले दीखते है।
बेबी ड्रॉपिंग के लक्षण
- बेबी ड्रॉपिंग के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में कुछ परिवर्तनों को आसानी से देखा जा सकता है।
- बेबी ड्रॉपिंग के समय महिला के निचले भाग के आकार में परिवर्तन आता है क्योंकि शिशु इस दौरान नीचे खिसकता है।
- महिला को हो रही एसिडिटी और सीने की जलन कम होने लगती है और वह आसानी से भोजन ग्रहण कर सकती है।
- बेबी ड्रॉपिंग के समय महिला को घबराहट कम होती है क्योंकि वह आसानी से साँस ले पाती है और उसका स्वभाव अच्छा रहता है।
खुद को Baby Dropping के लिए कैसे तैयार करें?
- यह एक प्राकृतिक क्रिया होती है जिससे हर गर्भवती महिला को गुजरना पड़ता है इसलिए ऐसी स्थिति आने पर घबराये नहीं बल्कि हिम्मत रखे।
- शिशु धीरे धीरे गर्भाशय से योनि की ओर बढ़ता है, इसलिए संयम से काम ले।
- इस दौरान महिला को ज्यादा पसीना आता है तो इससे चिंतित न होये।