Cimavax Vaccine: फेफड़ो के कैंसर से राहत दिलाए सीमावैक्स इंजेक्शन

दुनिया में कई लोग है जो फेफड़ो के कैंसर की समस्या से ग्रसित है। सीमावैक्स इंजेक्शन एक काफी अच्छी खोज है इसकी वजह से कई फेफड़ो के कैंसर की समस्या से ग्रसित लोगो की ज़िन्दगी बचाई गई है।

हाल ही में क्यूबा ने 55 साल के लम्बे अमेरिकी रेस्ट्रिक्शन के होते हुए भी फेफड़ो के कैंसर के लिए दवाई तैयार की है। यह दवाई एक इंजेक्शन के फॉर्म में लोगो को दी जाती है जो लंग कैंसर में लोगो के लिए एक वरदान साबित हुआ है।

सीमावैक्स नाम का यह इंजेक्शन कैंसर के इलाज के लिए एक नई और बड़ी खोज है जो काफी सस्ते दामों में उपलब्ध है। विश्व स्वास्थ संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार लंग्स के कैंसर की वजह से अब तक 76 लाख लोगो ने अपनी जान खो दी है।

इस लेख में हम आपको लंग कैंसर और उससे जुड़ी जानकारियों के साथ यह बताने जा रहे की सीमावैक्स इंजेक्शन हमे इस बीमारी से किस तरह से राहत दिलाने में सक्षम है। इस लेख में पढ़े Cimavax Vaccine.

Cimavax Vaccine: जाने लंग कैंसर में कैसे कारगर है सीमावैक्स इंजेक्शन

लंग्स (फेफड़े) कैंसर क्या होता है?

  • ये तो आप सभी जानते है की बॉडी में दो फेफड़े होते है।
  • लेफ्ट साइड का फेफड़ा छोटा होता है राइट साइड के मुकाबले और इन दोनों फेफड़ो में से किसी फेफड़े में असामान्य रूप से किसी भी कोशिका में बढ़ोतरी होती है तो बाकी सब टिश्यूज भी इससे प्रभावित होते है।
  • यही वो वजह से जिससे लंग कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • लंग्स हमारी पूरी बॉडी को ऑक्सीजन प्रदान करता है और अगर यह खराब हो जाता है तो धीरे धीरे शरीर के बाकी हिस्से भी बीमारियों से ग्रसित हो जाते है।
  • इसलिए इसको सही समय पर पहचान लेना बहुत ज़रुरी है और साथ ही सही उपचार करवाना भी।

फेफड़ों के कैंसर का इलाज

  • वैसे कई सारे देशों में कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी या फिर कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।
  • फेफड़ों के कैंसर में अगर आप सर्जरी करवाते है तो इसमें आपके लंग्स से ट्यूमर वाली कोशिकाओं को हटा दिया जाता है।
  • इसके अलावा अगर आप कीमोथेरेपी की ओर जाते है तो यह जड़ से फेफड़ों के कैंसर को ख़त्म करता है।
  • सीमावैक्स फेफड़ों में टूटे हुए सेल्स के असामान्य रूप से विकास को रोक देता है।
  • सीमावैक्स इंजेक्शन में एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर (ईजीएफ) नाम का एक प्रोटीन मौजूद होता है।
  • एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर (ईजीएफ) बॉडी में सेल्स को डेवेलप करने के लिए रेस्पोंसिबल होता है।
  • सीमावैक्स इंजेक्शन के तत्व कैंसर की कोशिकाओं को खून में मिलने से रोकता है।
  • क्यूबा में 2011 में सीमावैक्स इंजेक्शन लंग्स कैंसर के मरीजों पर ट्राय किया था और अब उनकी हालत में काफी सुधार देखने को मिला है।
  • अगर आगे सभी कुछ सही रहा तो सीमावैक्स इंजेक्शन को बच्चों को दिए जाने वाला वैक्सीन के रूप में भी घोषित कर दिया जायेगा।

फेफड़ों का कैंसर होने के कारण

  • तम्बाकू का सेवन - इससे लंग्स में सेल्स अपने आप टूटने लग जाते है और और सेल्स फिर अपने आप ही असामान्य रूप से विकसित होने लग जाते है जो कैंसर का कारण होते है।
  • राडोन मिट्टी से निकलने वाली गैस भी फेफड़ों के लिए काफी नुकसानदायक होती है। जिस के संपर्क में आने से कैंसर होने का खतरा होता है।
  • एस्बेस्टस नाम का एक प्रकार का पत्थर होता है जिससे निकलने वाला धुंआ अगर मनुष्य के शरीर में साँस के माध्यम से अंदर जाता है तो भी लंग्स का कैंसर होने का खतरा होता है।
  • बहुत ही अधिक मात्रा में धूम्रपान करने से भी कैंसर होता है।
  • लंग्स की बीमारी होने से भी फेफड़ों का कैंसर होना संभव है।

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण

  • चेहरे और गालो पर सूजन आना - अचानक से आपके चेहरे और गालो पर सूजन आना फेफड़ों के कैंसर का लक्षण है जल्दी डॉक्टर से सम्पर्क करे।
  • हड्डियों में दर्द होना - कैंसर जैसे जैसे बढ़ता है वैसे वैसे शरीर के अलग अलग अंगो में दर्द होना शुरू हो जाता है। जैसे पीठ, कमर आदि में। कभी कभी हड्डियों में फ्रैक्चर की समस्या भी हो जाती है।
  • खांसी होना - अगर आपको काफी लम्बे समय से खांसी है तो यह भी फेफड़ो के कैंसर का लक्षण है। खांसी के साथ अगर बलगम में खून और सीने में दर्द होता है तो यह काफी गंभीर हो सकता है।
  • साँस लेने में परेशानी - अगर आपको साँस लेते समय सीने में दर्द और घबराहट होती है साथ ही साँस में लेने में परेशानी होती है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
  • आवाज का चेंज हो जाना - फेफड़ो का कैंसर होने पर आपकी आवाज में भारीपन आ जाता है और साथ ही गले और कंधे पर सूजन आ जाती है जिससे की आपकी आवाज चेंज लगती है।
  • न्यूरोलॉजिकल लक्षण - कैंसर होने पर सेल्स का निर्माण होता है और नर्वस सिस्टम के साथ साथ न्यूरोलॉजिकल फंक्शन भी चेंज होते है जिसे चक्कर आना, सिरदर्द रहना, पैरो में दर्द रहना जैसी समस्या रहती है।
  • बॉडी में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा हो जाना - जब भी कभी बॉडी में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा बढ़ जाती है तो खून जमना शुरू हो जाता है जिससे की फेफड़ों का कैंसर हो जाता है।

भारत में भी फेफड़ों के कैंसर की समस्या बढ़ रही

  • ग्लोबोकान (Globocan) की रिपोर्ट से यह पता चलता है की भारत में भी कैंसर की समस्या काफी ज्यादा बढ़ रही है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर आयु के महिला और पुरुष कैंसर से ग्रसित है।
  • भारत में फेफड़ों से ग्रसित लोगो की संख्या करीब 70,275 है।
  • इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है की फेफड़ों का कैंसर भारत में दूसरे कैंसर के मुकाबले चौथे नंबर पर है।
  • भारत फेफड़ों के कैंसर में पुरुषों के मामले में दूसरे नंबर पर है जबकि महिलाओ में फेफड़ों के कैंसर को लेकर छठे नंबर पर है।
  • डेढ़ दशक के पहले तक 10% से कम लोग धूम्रपान करते थे पर अब ये संख्या बढ़ कर कुछ 20% तक चला गया है।
  • फेफड़ों का कैंसर होने का एक अहम् कारण है वायु प्रदूषण जिससे यह कैंसर बढ़ता है।
  • फेफड़ों का कैंसर धीरे धीरे बढ़ता है और इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह व्यक्ति की ज़िंदगी के पल धीरे धीरे कम करता है।
  • सिर्फ 15% फेफड़ों के कैंसर का स्टार्टिंग में इलाज कि जा सकता है।
  • 70% तक लोग जो फेफड़ों के कैंसर से ग्रसित है वो स्टार्टिंग से इलाज करवा कर एक साल और ज्यादा अपनी ज़िन्दगी जी पाते है।

ऊपर दिए लेख में हम में आपको बताया की सीमावैक्स इंजेक्शन फेफड़ों के कैंसर से कैसे राहत दिलाता है और साथ हीं फेफड़ो के कैंसर से जुड़ी पूरी जानकारी दी है।