Depression In Kids: आपके बच्चे का अकेलापन कहीं डिप्रेशन तो नहीं?

आज कल तनाव होना बहुत ही आम बात हो गयी है। ज्यादातर लोग तनाव से घिरे रहते है। तनाव केवल बड़ो को ही नहीं होता है। इस आधुनिक युग में बच्चों में भी तनाव की समस्या आसानी से देखी जा सकती है।

वह जमाना गया जब बच्चे बिना किसी चिंता के खेलते कूदते रहते थे, खाते-पीते और सोते रहते थे। आज बच्चे भी आगे बढ़ने की होड़ में शामिल हो गए है। अपने क्लास में फर्स्ट आने के लिए टेंशन, प्रतियोगी परीक्षाओं में आगे आने आदि के लिए वह दिन रात टेंसन से जूझते रहते है।

बच्चों में Depression होने के अन्य कारण भी हो सकते है। लेकिन बच्चों में तनाव होने से कई समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है जिसके लिए बच्चों से तनाव को दूर करना बहुत ही ज़रुरी होता है।

अपने बच्चों की परवरिश पर ध्यान दे। उनमे होने वाले तनाव को समझे, तभी आप उनका निदान कर सकते है। जानते है Depression In Kids के बारे में विस्तार से।

Depression In Kids: जाने डिप्रेशन के कारण, लक्षण और उपचार

बच्चों में तनाव: Depression in Children

  • आपके बच्चे यदि किसी तनाव से गुजर रहे है तो उसे अनदेखा न करे। यह बच्चे के दिमाग पर असर कर सकता है। ज्यादा तनाव होने से बच्चे डिप्रेशन में भी जा सकते है।
  • साथ ही उनमे नकारात्मकता बढ़ती है जिसके कारण वह आत्महत्या तक करने की कोशिश करते है।
  • जो बच्चे बचपन से ही तनाव में रहते है उनके मष्तिष्क के विकास में भी बाधा आती है। वह डिसीजन लेने में भी असमर्थ रहते है। इसलिए अपने बच्चे को जितना हो सके खुश रखे तभी उनका सही विकास संभव होता है।

डिप्रेशन का कारण

बच्चों में तनाव या डिप्रेशन के कई कारण हो सकते है जैसे -

  • बच्चों के तनाव में आने का कारण उनके माता पिता भी हो सकते है। कुछ पेरेंट्स अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने बच्चों पर दबाब को बनाकर रखते है की वह उनके सपनों को पूरा करेगा या करेगी जिसके कारण भी बच्चे तनाव में आ जाते है।
  • आज कल लोग एक दूसरे को पीछे छोड़ना चाहते है जिसके कारण भी बच्चों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कम्पटीशन तनाव का कारण बन सकती है।
  • स्कूलों में होने वाली पढ़ाई के अधिक दबाव के कारण भी तनाव की समस्या बन जाती है।
  • आज कल स्कूलों में फेल होने के मामले भी सामने आये है। फेल होने से बच्चे डिप्रेशन में आ जाते है जिसके कारण वह धातक कदम भी उठा लेते है।
  • हाई लिविंग स्‍टैंडर्ड के चलते भी बच्चे तनाव में रहते है।
  • कुछ पेरेंट्स के पास अपने बच्चों के लिए बिलकुल भी टाइम नहीं होता है। जिसके कारण बच्चा अकेला महसूस करता है और वह डिप्रेशन में चला जाता है।
  • बच्चों पर परीक्षा में ज्यादा अंक लाने के लिए भी दबाब रहता है जिसके चलते भी बच्चा डिप्रेशन में चला जाता है।
  • खेल कूद जैसी एक्टिविटी के कम होने से भी बच्चों में तनाव की स्थिति बन सकती है।

बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण

बच्चों में डिप्रेशन के कई लक्षण देखे जा सकते है जैसे की

  • अकेला रहना पसंद करना
  • गुमसुम और उदास रहना
  • बिना किसी कारण के दुखी रहना
  • चिचिड़ापन
  • छोटी छोटी बातों पर गुस्सा करना
  • व्यावहार में परिवर्तन होना
  • नकारात्मक सोच रहना
  • किसी भी काम में मन ना लगना
  • बेचैनी

कैसे पाएं तनाव से छुटकारा: Depression Cure

बच्चों को डिप्रेशन से बाहर लाने के लिए उनके पेरेंट्स को बच्चों पर ध्यान देना अति आवश्यक होता है क्योंकि डिप्रेशन में होने से बच्चे को कई प्रकार की बीमारियाँ हो सकती है, साथ ही दिमाग भी सही से कार्य नहीं करता है।

  1. बच्चों को समझे: अपने बच्चों को समझने की कोशिश करे। उनकी छोटी छोटी बातों को भी ध्यान से सुने। ऐसा करने से आप अपने बच्चे के अंदर चल रहे विचारों को जान पाएंगे।
  2. बच्चे के साथ समय बिताये: कई बच्चे ऐसे होते है जिनके माता पिता के पास बच्चों के लिए थोड़ा सा भी टाइम नहीं होता है। ऐसे में वह अकेला महसूस करने लगते है और उनमें तनाव की स्थिति आ जाती है। इसलिए उनके साथ समय स्पेंड करे ताकि वह अपने दिल बातें आपके साथ शेयर कर सके।
  3. दोस्त बने: बच्चे के लिए उनके पेरेंट्स एक अच्छे दोस्त बन सकते है। उनके दोस्त बनकर बातें करे ताकि वह आपके साथ सारी बातें बता सके। तभी आप उनको सही गलत में फर्क करना सीखा सकते है।
  4. अपने बच्चों पर पढ़ाई या फिर किसी भी अन्य चीजों का दबाव अधिक ना डाले। उन्हें डाटने से पहले प्यार से समझाए। ज्यादा डाटना भी तनाव पैदा करता है इसलिए जितना हो सके इससे बचे।
  5. अपने निर्णय बच्चों पर न लादे: कुछ पेरेंट्स चाहते है की हम जो चाहे वही हमारे बच्चे को करना चाहिए इसलिए उन पर अपने निर्णय सुनाने लगते है।
  6. अपने निर्णयों को अपने बच्चों पर लागू करने की कोशिश ना करे। जितना हो सके अपने बच्चे को खुश रखे। यह उनकी सोच को सकारात्मकता की ओर ले जाने में मदद करता है साथ ही उनके विकास की लिए भी सहायक होता है।
  7. झूठे वादे न करे: अपने बच्चों से कभी भी झूठे वादे ना करे। ऐसा करना उनको नकारात्मकता की तरफ ले जाता है।
  8. माहौल अच्छा रखे: कहते है की घर का जैसा माहौल होता है बच्चे भी वैसा ही सीखते है इसलिए अपने घर का माहौल अच्छा रखे ताकि बच्चे उस माहौल से अच्छा सीख सके।

उपरोक्त उपायों को करके आप अपने बच्चे के डिप्रेशन को कम कर सकते है। अपने बच्चे की छोटी छोटी चीजों को ध्यान दे तभी आप जान पाएंगे की कहीं वह डिप्रेशन में तो नहीं जा रहा है।

नोट- यदि आपके बच्चे की डिप्रेशन की आदते अधिक गंभीर है तो आप किसी चिकित्सक की मदद ले सकते है। इसमें देर नहीं करना चाहिए नहीं तो आपका बच्चा कोई लगत कदम भी उठा सकता है, इसलिए समय रहते ही इसका उपचार करवाएं।

बच्चे ही कल का भविष्य बनाते है उनकी देखभाल अच्छे से करनी चाहिए। साथ ही उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह स्वस्थ्य रखना चाहिए ताकि आगे चलकर उन्हें किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े। उनकी देख रेख के साथ साथ उन्हें खेलने के लिए भी उत्साहित करे यह उनके विकास के लिए बहुत अच्छा होता है।