Ear Wax Removal in Hindi: ईयर कैंडलिंग से करे कानों की सफाई
शरीर को साफ सुथरा रखना आवश्यक होता है ताकि शरीर को बीमारियों से बचाया जा सके। शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारी न हो इसके लिए शरीर के प्रत्येक अंग की सफाई करना भी आवश्यक होता है।
आँख कान और नाक इनकी सफाई करना भी ज़रुरी होता है। कई लोग आलस के कारण या फिर किसी अन्य वजह से कान की सफाई नहीं करते है जिसके कारण कानों में मैल जम जाता है ।
समय समय पर कान के मैल को निकालना भी ज़रुरी होता है नहीं तो संक्रमण भी हो सकता है। कानों में मैल के जम जाने से कई बार अच्छे से सुनाई नहीं देता है या फिर मैल के कारण कान में दर्द भी होने लगता है।
कान की सफाई करने के कई तरीके होते है जिनसे आसानी से कानों का मैल निकाला जा सकता है। कानों की मैल को निकालने के लिए जानते है Ear Wax Removal in Hindi.
Ear Wax Removal in Hindi: ईयर कैंडलिंग से कैसे होती है कानो की सफाई
कैसे आती है मैल बाहर
- आपको बता दे की कान के अंदर कुछ विशेष प्रकार की कोशिकाएँ होती है। जो की एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती है।
- उसी तरह कान का मैल भी आगे बढ़ता रहता है। और जब खाना खाया जाता है तो जबड़ो में हलचल होती है जिसके कारण भी यह कान की मैल बाहर आ जाता है।
कान को साफ़ करने के कई तरीके होते है इसमें से एक आसान और सरल तरीका होता है ईयर कैंडलिंग।
ईयर कैंडलिंग क्या है?
- यह एक प्रक्रिया होती है जिसके जरिये कानों की मैल को निकाला जाता है।
- यह एक प्रकार की इजिप्शियन प्रक्रिया होती है जिसे अकेले नहीं किया जा सकता इसमें किसी सहायक की आवश्यकता पड़ती है।
- इस प्रकार की प्रक्रिया में फैब्रिक ट्यूब से निर्मित और मोम में भिगोई हुयी एक खोखली प्रकार की मोमबत्ती का प्रयोग किया जाता है जिसे कानो के अंदर रखा जाता है।
- कानो के अंदर मोमबत्ती को रखने के बाद इसे जलाया जाता है।
- इस मोमबत्ती को 15 मिनट तक जलने दिया जाता है।
- इस मोमबत्ती के पूर्ण रूप से जलने के बाद एक भूरे रंग का मोम अशुद्धियों सहित बची हुयी मोमबत्ती के साथ बाहर आता है। जिसे मैल कहते है।
- हालांकि ऐसा माना जाता है यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होती है।
- इस पद्धति से कानों को नुकसान पहुँचता है।
ईयर कैंडलिंग का उपयोग करते समय ध्यान रखने योग्य सावधानिया
- ईयर कैंडलिंग का उपयोग कभी भी अकेले नहीं करना चाहिए नहीं तो समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इसे किसी सहयोगी की मदद से ही करें।
- मोमबत्ती का उपयोग करने से पहले यह देख ले वह आपके कान में आसानी से जा सकती है या नहीं, यदि नहीं जा पा रही है तो उसे कैंची की मदद से शेप में लाये।
- कानों को संक्रमण से बचाने के लिए इसका उपयोग करने से पहले हाथों और कानों को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए ताकि कोई गन्दगी ना रहे ।
- मोमबत्ती पिघल कर सिर या फिर शरीर के किसी भाग पर ना गिरे इसके लिए शरीर के बाकी हिस्से पर कपड़ा रखना चाहिए।
- इसके लिए एक ऐसी मोमबत्ती का उपयोग करे जो की कम से कम 15 मिनट तक जले।
- हालांकि कई लोगो को इस पद्धति से कान में जलन और खुजली जैसी समस्याएं उत्पन्न हुयी हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा कुछ होता है तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते है।
इसके अतिरिक्त भी कई उपाय होते है जिनकी मदद से भी कानों को साफ किया जाता है।
बेबी ऑइल का उपयोग
- बेबी ऑइल के उपयोग से भी कान के मैल को साफ़ किया जा सकता है। यह भी बहुत ही आसान और सरल तरीका होता है। इसके उपयोग से मैल आसानी से पिघल कर वापस आ जाता है।
उपयोग विधि
- इसके लिए 1 या 2 चम्मच बेबी ऑइल ले और उसे हल्का गर्म कर ले।
- इसके बाद ड्रॉपर की सहायता से बेबी ऑयल की कुछ बूंदो को कानों में डाले।
- ध्यान रहे की जिस कान में बेबी ऑयल डाला है उसे कुछ देर के लिए वैसा ही रहने दे और फिर सीधे हो जाएँ।
- कान का मैल अपने आप ही ऊपर आ जायेगा।
होममेड वैक्स साल्वेंट का उपयोग
- घर में कुछ चीजें ऐसी रहती है जिसके जरिये भी कानों को साफ करने में मदद मिलती है। और उनके उपयोग से कानों को साफ किया जा सकता है।
बनाने की विधि
- होममेड वैक्स साल्वेंट को बनाने के लिए ग्लिसरीन, हाइड्रोजन पराक्साइड और मिनरल ऑयल की आवश्यकता होती है।
- फिर इन तीनो चीजों को लेकर एक मिश्रण को तैयार कर ले।
- मिश्रण के तैयार होने के बाद इसकी एक या दो बून्द को कान में डालें और रात भर के लिए वैसे ही छोड़ दे। सुबह होने पर अपने कान को ईयर बड की मदद से साफ करे। आप देखेंगे की कान की मैल बाहर आ गयी है।
आप चाहे तो अपने कानों को भी प्रतिदिन नहाते समय हलके गर्म पानी से साफ कर सकते हैं, इससे कानों में मैल जमा नहीं होगी और आपके कान भी सुरक्षित रहेंगे। समय समय पर
अपने कानों की जाँच भी करवा सकते है और डॉक्टर से कानों को साफ़ भी करवा सकते है।
ध्यान रहे की अपने शरीर के हर अंग को साफ सुथरा रखे और बीमारियों से बचे।