गर्भवती न पिए मीठे पेय पदार्थ, बच्चों को होगा मोटापे और दमा का खतरा
कहा जाता है कि जब कोई औरत माँ बनती है तो वो उसके लिए एक नया जन्म होता है। उसकी जिंदगी में कई परिवर्तन आ जाते है।
गर्भावस्था के दौरान ही महिला को अपना बहुत ख्याल रखना होता है, ताकि वो एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सके। यदि महिला अपना ध्यान नहीं रखती है तो उसे कई तरह की दिकत्ते आती है।
इसलिए ही जब कोई महिला गर्भवती होती है उसके परिवार वाले भी उसका बहुत ध्यान रखते है। उसके लिए खाने पिने की कई चीज़े लाते है।
इस टाइम पर महिला का जो भी खाने का मन करता है उसकी हर इच्छा पूरी होती है। लेकिन हम आपको बतादे की महिला को इस दौरान अपने खानपान पर सावधानी रखनी चाहिए। यहाँ जानिए Effect of Sugary Drinks during Pregnancy.
Effect of Sugary Drinks during Pregnancy: मीठे पेय पदार्थ से बना लें दूरी
मीठे पेय पदार्थ से बच्चों में दमा
- गर्भावस्था के दौरान हार्मोंस में आने वाले परिवर्तन मां की कुछ खाने की इच्छा को बढ़ा देते हैं।
- ऐसे में यदि मां चीनी युक्त मीठे पदार्थ का सेवन करती है, तो बच्चों को 7 से 8 साल की उम्र में दमा होने की संभावना बढ़ जाती है।
- एनल्स ऑफ द अमेरिकन थोरेसिक सोसाइटी में प्रकाशित एक अध्यन के मुताबित फ्रक्टोज की मात्रा और बच्चों में होने वाले दमा के बीच गहरा संबंध है।
- इसलिए प्रेगनेंसी और बाल्यावस्था के दौरान चीनी युक्त पदार्थ का सेवन कम करके बचपन में होने वाले दमा के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
क्या कहता है शोध?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की शेरिल एल रिफास शिमान द्वारा की गयी रिसर्च में सामने आया की फ्रक्टोज वाले मीठे कॉर्न सिरप के सेवन से बच्चों में दमा का खतरा बढ़ जाता है।
और यह बात पूरी तरह साबित हो चुकी है कि शिशु के शुरूआती विकास चरण में यदि मां फ्रक्टोस का सेवन करती है तो उसका असर स्वास्थ्य पर पढ़ता है और उनके बच्चों को दमा का खतरा अधिक होता है।
इस सर्वे में गर्भवती रह चुकी महिलाओं से जब उनके पहली और दूसरी तिमाही के बारे में सवाल पूछे गए तो सामने आया की जिन महिलाओ ने प्रेगनेंसी के दौरान मीठे पेय का अधिक प्रयोग किया उनके बच्चों में दमा के लक्षण देखे गए, वही जिन्होंने संतुलित पेय पदार्थ पीए उनके बच्चों में इसके लक्षण नहीं थे।
मीठे पेय पदार्थ से बच्चों में मोटापा
- गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को सॉफ्ट डिंक पीने की इच्छा होती है जो कि बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- इसके अलावा आमतौर पर महिलाएं बहुत ज्यादा कॉफी, चाय और कत्रिम दूध आदि का सेवन भी करती है।
- इन सब में शुगर की भरपूर मात्रा होती है जो बच्चों में मोटापे के खतरे को बढ़ा सकती है।
क्या कहता है शोध?
इस अध्ययन में 3,033 मां-शिशु की जोड़ी का आकलन किया। इस अध्यन में मां द्वारा प्रेगनेंसी में लिए जाने वाले पेय पदार्थो का शिशु के बॉडी मास इंडेक्स पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन किया गया।
इस शोध अनुसार जिन महिलाओ ने नियमित तौर कृत्रिम पेय पदार्थों जैसे सॉफ्ट ड्रिंक और चाय-कॉफी के सेवन किया था उनकी संतान के पहले साल में मोटापे के दोगुने जोखिम की संभावना देखने को मिली।