Gluten Allergy - क्या आपको भी हो रही है गेहूं के सेवन के बाद एलर्जी?

कई लोगो को कुछ खाद्य पदार्थ खाने पर एलर्जी की समस्या हो जाती है। और इस एलर्जी की प्रतिक्रिया उनके शरीर पर भी दिखाई देने लगती है। इस तरह की बीमारी को सीलिएक कहा जाता है।

कई लोगो को गेहू से बने पदार्थ खाने पर पाचन सम्बन्धी समस्या हो जाती है। यह समस्या गेहू में उपस्थित प्रोटीन ग्लूटेन से एलर्जी के कारण से होती है। Gluten Allergy के कारण पाचन ठीक से नहीं हो पाता है।

इस प्रकार की समस्या 100 लोगो में से लगभग 1 को होती है। यह एक वंशानुगत बीमारी होती है जो की स्त्री या पुरुष, दोनों को ही समान रूप से प्रभावित करती है।

आपको बता दे की यह सीलिएक रोग खतरनाक तो नहीं होता परंतु यदि इस बीमारी समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह कई प्रकार की बीमारियों को उत्पन्न कर सकता है। जानते है इसके बारे में विस्तार से।

Gluten Allergy in Hindi: जानिए इसके लक्षण, कारण और उपचार

ग्लूटेन एलर्जी क्या है?

  • इसे गेहूं या अन्‍य साबुत अनाजों से होने वाली एलर्जी भी कहते है और इस बीमारी को सीलिएक कहा जाता है।
  • सीलिएक छोटी आंत की बीमारी होती है। सीलिएक बीमारी में पीड़ित लोगों को गेहूं, ओट्स और जौ में उपस्थित ग्लूटेन नामक प्रोटीन से एलर्जी होती है।
  • क्योंकि व्यक्ति इसमें गेहूं या अन्‍य साबुत अनाजों में उपस्थित ग्लूटेन नामक प्रोटीन का पाचन नहीं कर पाता है।
  • इस बीमारी का सही उपचार अभी तक संभव नहीं हो पाया है।
  • डॉक्टर इसके लिए गेहू से बने उत्पाद जिनसे एलर्जी होती है उसे न खाने की सलाह देते है।

ग्लूटेन एलर्जी के लक्षण

शोध से पता चला है की प्रत्येक व्यक्ति में इसके लक्षण अलग अलग होते है। जिसमे से मुख्य लक्षण निम्न है।

  • त्वचा पर निशान का बनना
  • खुजली का होना
  • जी मचलना या उलटी होना, चक्कर आना
  • आँखों में सूजन होना या नाक जाम होना
  • महिलाओं में मासिक धर्म का अनियमित होना
  • चक्कर आना, दस्त या कब्ज की समस्या का होना
  • जोड़ों या हड्डियों में दर्द और पेट दर्द का होना
  • वजन बढ़ना या कम होना और एनीमिया की समस्या

ग्लूटेन एलर्जी होने के कारण

अभी तक इसके सही कारणों का पता नहीं चल पाया है।

  • यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।
  • इस प्रकार की बीमारी के लक्षण तनावपूर्ण स्तिथि से गुजरने के बाद ही दीखते है जैसे सर्जरी, बीमारी, इंफेक्शन या बच्चे का जन्म।

परहेज

  • इससे बचाव करने के लिए गेहूं, जौ, राई या बीयर जैसे पेय पदार्थ का सेवन करने से बचे।
  • ऐसा कोई भी खाद्य पदार्थ जैसे रोटी, पास्ता, अनाज युक्त नाश्ता और पिज्जा जिसमें गेहूं और गेहूं उत्पाद मिले हो का सेवन करने से बचना चाहिए।

इसके उपचार

  • हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करे।
  • दिन में दो मौसमी फल का सेवन ज़रूर करे।
  • दिन में कम से कम आधा लीटर दूध का सेवन ज़रूर करे, हो सके तो दही और पनीर का सेवन ज्यादा करे।
  • प्रतिदिन सलाद को अपने सेवन में शामिल करे।