Health Effects Of Water Pollution: हैजा, टाइफाईड जैसे घातक रोगो का कारण है जल प्रदूषण
आज पूरी दुनिया प्रदूषण की समस्या से परेशान है, यह पूरी दुनिया में फ़ैल चुका है। फिर चाहे वह वायु प्रदूषण हो या जल प्रदूषण। यह तेजी से फेल रहा है। जल हमे जीवन प्रदान करता है इसलिए जल को साफ रखना ज़रुरी होता है लेकिन आजकल जल को प्रदूषित किया जा रहा है।
जल में कई रासायनिक पदार्थों को डाला जा रहा है जिसके कारण जल में कई तरह के संक्रमण पेड होने लग जाते हैं। साथ ही लोग जल में कूड़ा कचरा भी डाल देते है जिससे पानी दूषित हो जाता है।
दूषित पानी को पीने से शरीर में कई तरह की बीमारियां होती है जो घातक भी होती है। इसलिए दूषित पानी से होने वाले नुसकान के बारे में पता होना चाहिए ताकि पानी को गन्दा होने से बचाया जा सके।
इस लेख में हम आपको बता रहे है की जल प्रदूषण के कारण आपको किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आईये जानते है Health Effects Of Water Pollution के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।
Health Effects Of Water Pollution: जल प्रदूषण क्या है, जाने इसके कारण, प्रभाव और बचाव के उपाय
जल प्रदूषण क्या है: What is Water Pollution
- जल पर्यावरण का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग होता है। जल के लिए कई नदियांँ और झीलें है जिनसे हमे स्वच्छ जल प्राप्त होता है।
- परन्तु आजकल मनुष्य जल स्रोतों में कई तरह के पदार्थों को डाल रहा है जिसके कारण जल में हानिकारक पदार्थ मिल रहे है जो जल को दूषित करते है।
- जल का दूषित होना ही जल प्रदूषण कहलाता है।
जल प्रदूषण के कारण: Causes of Water Pollution
जल प्रदूषण के कई कारण हो सकते है जिनमे से कुछ इस प्रकार है।
- जल में परमाणु परीक्षण किया जाता है जिसके कारण जल में कई हानिकारक तत्व मिल जाते है और जल दूषित हो जाता है।
- कारखानों और फैक्टरियों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को भी नदियों और जल स्त्रोतों में छोड़ दिया जाता है। जिसके कारण भी जल दूषित हो जाता है और इस जल को पीने से कई बीमारियाँ हो जाती है।
- जल प्रदूषण का एक कारण जनसंख्या वृद्धि भी होती है क्योंकि लाखों करोड़ों लोगो द्वारा जल में अपशिष्ट पदार्थ और कूड़ा कचरा फेका जाता है जो की जल को दूषित करते है और यह बीमारियों के फैलने में सहायक भी होते है।
- कई गाँव में जल स्त्रोतों में बर्तन और कपड़े धोये जाते है जिससे रासायनिक पदार्थ जल में मिल जाते है और पानी को गन्दा कर देते है।
- इसके अतिरिक्त त्योहारों के समय मूर्तियों को भी जल स्त्रोतों में बहाया जाता है। जो की जल प्रदूषण का कारण बनते है। साथ ही मृत शरीर को जल में बहाने से जल दूषित हो जाता है।
- जहाजों से होने वाले तेल के रिसाव से ही जल प्रदूषित होता है। इसलिए इन पर ध्यान देना बहुत ही ज़रूरी हो गया है।
- जल प्रदूषण का कारण ग्लोबल वार्मिंग भी होती है।
- मिट्टी के कटाव के कारण भी जल प्रदूषित होता है इसलिए मिट्टी का संरक्षण करना भी ज़रुरी है।
जल प्रदूषण के प्रभाव: Effects of Water Pollution
जल प्रदूषण के कारण मनुष्य को अनेक बीमारियाँ होती है।
- दूषित पानी के सेवन से हैजा, उदर सम्बन्धी रोग, पेचिस आदि समस्याएं उत्पन्न होती है।
- प्रदूषित जल के कारण पीलिया, पोलियो, वायरल फीवर, मियादी बुखार जैसी बीमारियाँ भी होती है।
- इसके अतिरिक्त दूषित जल को पीने से व्यक्ति के जोड़ों में दर्द की समस्या भी पैदा होती है।
- साथ ही हृदय रोग और गुर्दे से जुड़ी परेशानियाँ भी होने लगती है क्योंकि दूषित जल में शीशा मिला होता है जो इस तरह के रोगों के लिए जिम्मेदार होता है।
- दूषित जल से संक्रामक रोग भी हो सकते है जैसे की हेपेटाईटिस, टाइफाईड आदि।
- इसके अलावा दूषित जल के कारण त्वचा के रोग, अतिसार, सांस सम्बन्धी समस्याएं भी हो सकती है।
- आपको बता दे की दूषित जल में मच्छर और मक्खी पनपते है जो की बीमारियों को फैलने में मदद करते है।
- दूषित पानी पीने से सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर होता है। इसके कारण कई बच्चों की मौतें भी हो जाती है।
इस तरह जल प्रदूषण के कारण अनेक बीमारियाँ होती है जो की मनुष्य के लिए घातक भी हो सकती है। ज़रुरी है की जल को दूषित होने से बचाया जाए ताकि सभी को स्वच्छ जल मिल सके और जल से होने वाली बीमारियों से भी बचा जा सके।
पेड़ पौधे और जीव जन्तु भी होते है प्रभावित
- जल प्रदूषण के केवल मनुष्यों को ही नहीं बल्कि पेड़ पौधों और जानवरों को भी हानि होती है।
- जल प्रदूषण के कारण जल में उपस्थित जीव भी हानिकारक रसायनों के कारण मर जाते है।
- ऐसा ही पेड़ पौधों के साथ भी होता है। हानिकारक रसायनों के प्रभाव से पेड़ पौधे भी पनप नहीं पाते है और वह सूख जाते है। इसलिए जल प्रदूषण को रोकना बहुत ही ज़रुरी है।
जल प्रदूषण से बचने के उपाय
- जल प्रदूषण से बचने के लिए फैक्टरी और कारखानों से निकलने वाले रासायनिक पदार्थों को जल स्त्रोतों में नहीं बहाना चाहिए।
- साथ ही जल में परमाणु परीक्षण आदि करने से भी बचना चाहिए।
- जल के जीवाणुओं को ख़त्म करना चाहिए इसके लिए पानी में ब्लीचिंग पाउडर जैसे पदार्थों का उपयोग किया जाना चाहिए।
- जल स्त्रोतों में शव दाह और मूर्तियों के विसर्जन पर भी रोक लगानी चाहिए।
- जल स्त्रोतों पर नहाना, कपड़े धोना, बर्तन आदि धोने की मनाही होनी चाहिए।
- नदियों और जल स्त्रोतों की सफाई भी आवश्यक होती है ताकि उसमे किसी भी प्रकार की कोई गन्दगी ना रहे।
- प्लास्टिक के कारण भी जल प्रदूषित होता है। इसलिए प्लास्टिक का इस्तेमाल भी बंद होना चाहिए।
- पानी में होने वाले तेल के रिसाव को रोके ताकि वह तेल पानी को दूषित ना कर पाए।
- कूड़े कचरे और अपशिष्ट पदार्थों को पानी में ना डाले।
अब तो आप समझ ही गए होंगे ही जल स्त्रोतों को साफ रखना कितना ज़रुरी हो गया है। आज गंगा जैसी नदी जिसमे करोड़ों लोग अपने पाप धोने के लिए स्नान करते है उसे ही दूषित कर दिया गया है। देश में ऐसी कई नदियां है जो की जीवन देती है लेकिन दूषित हो जाने के कारण उनका पानी जहरीला हो गया है। उसमे उपस्थित जीव मर चुके है।