Metastasis Cancer: सोनाली बेंद्रे को हुआ मेटास्टेसिस कैंसर है कितना खतरनाक
नब्बे के दशक की खूबसूरत फिल्म अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया की उन्हें कैंसर है और वो इसका इलाज कराने के लिए विदेश में हैं, उनके इस पोस्ट को पढ़ कर बॉलीवुड के लोग और उनके तमाम प्रशंसक सकते में हैं।
अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने अपने ट्विटर और इन्स्टाग्राम अकाउंट पर 4 जुलाई को पोस्ट कर के बताया कि उन्हें हाई ग्रेड का कैंसर हुआ है और यह मेटास्टेटिक नेचर का कैंसर है। ये जानने के बाद लोग उनके लिए दुआ करने लगे साथ हीं ये भी जानने की कोशिश करने लगे की आखिर ये किस प्रकार का कैंसर है और कितना घातक है।
सोनाली बेंद्रे ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी लिखा कि वो अपने शरीर में दर्द को लगातार फील कर रहीं थी इसके बाद जब उन्होंने इसकी जांच करवाई तो उनको कैंसर की समस्या का पता चला।
आज के इस लेख में हम जानेंगे सोनाली बेंद्रे को होने वाली इस बीमारी के बारे में। साथ हीं इसके उपचार और जोखिमों के बारे में भी जानेंगे। पढ़ें Metastasis Cancer.
Metastasis Cancer: जानिए इससे जुड़े कुछ फैक्ट्स
सोनाली बेंद्रे की बीमारी के बारे में सब बात कर रहे हैं और उनके जल्दी ठीक होने के लिए दुआएँ भी कर रहे हैं। अभी कुछ हीं समय पहले अभिनेता इरफान खान ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से हीं खुद को कैंसर होने की बात बता कर सभी फैंस को सकते में डाल दिया था, और अब सोनाली को हाई-ग्रेड कैंसर हुआ है और इसके इलाज के लिए वह इन दिनों न्यूयॉर्क में हैं।
आइए अब जानते है कि इसी हाईग्रेड कैंसर और Metastatic Cancer से जुड़े कुछ फैक्ट।
हाई ग्रेड कैंसर क्या होता है
- जब किसी व्यक्ति में हाई ग्रेड कैंसर डिटेक्ट होता है तो इसका मतलब होता है की इस दौरान उनके शरीर में इसके सेल्स बहुत तेजी से फैल रहे होते है।
- इसके फैलने की गति लो ग्रेड कैंसर के सेल्स से कई गुना ज्यादा तेजी से बढ़ते है।
- जब बॉडी में वाइट और रेड ब्लड सेल्स का संतुलन बिगड़ने लग जाता है और साथ हीं नए सेल्स का बनना बंद हो जाता है तब कैंसर की स्थिति बनती है।
- इसी पूरी प्रक्रिया को हीं Metastatic Disease के अंतर्गत आने वाले मेटेस्टिक कैंसर के नाम से जाना जाता है और इसे हीं हार्ड ग्रेड कैंसर भी कहते है। ये दरअसल कैंसर का चौथा स्टेज होता है।
- जिस किसी को भी गुर्दे का आखिरी स्टेज का कैंसर हो जाता है उसके पास सिर्फ चार से पांच वर्ष का हीं समय बचता है जीवित रहने के लिए।
- Metastasis कैंसर को प्राथमिक कैंसर भी कहा जा सकता है। उदाहरण स्वरूप अगर किसी महिला को ब्रेस्ट कैंसर हुआ और वो गुर्दों तक फैल गया है तो उसे मेटेस्टिक ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति कहा जाएगा।
- इस ग्रेड में आ जाने वाले कैंसर के मरीज को तुरंत उपचार देना बहुत आवश्यक हो जाता है।
मेटास्टेसिस कैंसर का पता लगाना मुश्किल
- जिन व्यक्तियों में मेटास्टेसिस कैंसर की समस्या पायी जाती है उनमे इसके लक्षणों को पता लगाना बहुत मुश्किल होता है।
- यहाँ तक की डॉक्टर भी इसका पता आसानी से नहीं लगा पाते हैं कि आखिर पीड़ित व्यक्ति में यह कैंसर की समस्या की शुरुआत कहाँ से हुई है।
- इस बीमारी के उपचार में जितनी ज्यादा देरी होती जाएगी पीड़ित की हालत उतनी ज्यादा बिगड़ती और काबू से बाहर होती चली जायेगी।
- डॉक्टरों का कहना है की इस ग्रेड में आ जाने के बाद कैंसर का इलाज काफी इंटेसिव अर्थात सघन हो जाता है।
मेटास्टेसिस कैंसर का आरंभ कहाँ से होता है
- शरीर के अंदर कैंसर का ट्यूमर बनता है और फिर जब यह टूटता है तो टूटने के बाद शरीर में बहने वाले खून के माध्यम से यह कैंसर पूरे बॉडी में फैलता है और सबसे पहले यह हड्डियों को अपना शिकार बना देता है।
- हड्डियों को अपना शिकार बना देने के बाद यह कैंसर फेफड़ों, लिवर तथा दिमाग आदि में फैल जाता है।
- इसके बाद यह कैंसर का ट्यूमर गर्भाशय, मूत्राशय, बड़ी आंत तथा ब्रेन बोन की दिशा में अपना रुख कर देता है।
Cancer Metastasis होने के लक्षण
- आजकल की हमारी जीवनशैली तथा खानपान आदि का रूटीन बिलकुल खराब हो गया है, ना तो हम अच्छी नीद लेते हैं और ना हीं आहार इस वज़ह से हीं कैंसर जैसी समस्याओं से बड़ी आवादी ग्रस्त होने लग गई है।
- विशेषज्ञ कहते हैं की अगर कैंसर के लक्षणों को शुरूआती अवस्था में या फिर समय रहते देख लिया जाए और उसके उपचार आरम्भ कर दिए जाएँ तो इससे आसानी से बचा जा सकता है।
- पर जैसा की हमने पहले भी बताया की मेटास्टेसिस कैंसर हो जाने पर अक्सर इसके किसी प्रकार के कोई लक्षण आदि दिखाई हीं नहीं देते।
- जब यह शरीर में उभरते हैं तो इनकी नेचर तथा फ्रीक्वेंसी मेटास्टेसिस के ट्यूमर के आकार और उसके स्थान पर नही निर्भर करती है।
आइये अब जानते हैं इसके कुछ मुख्य लक्षण
- पेशाब तथा शौच आदि करते वक़्त समय खून का आना इसका एक मुख्य लक्षण माना जाता है।
- खून की अल्पता से एनीमिया हो जाने पर भी कैंसर का खतरा बन जाता है।
- अगर आपको बहुत खांसी हो रही है और खांसी करते वक़्त खून आने की समस्या हो तो यह भी इसका एक लक्षण हो सकता है।
- इस कैंसर का असर सबसे पहले हड्डियों पर होता है अतः इसमें हड्डियों में दर्द होना और मल मूत्र पर नियंत्रण नहीं रख पाना भी इसके लक्षण माने जाते हैं।
- अगर गले में किसी भी प्रकार की कोई गांठ हो जाए या फिर शरीर में कहीं भी नीले रंग का दाग पड़ जाए तो ये भी इसके लक्षण माने जाते हैं।
- खून में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाना आदि भी इनके लक्षणों में से हैं।
आज के इस लेख में आपने सोनाली बेंद्रे को हुए मेटास्टेसिस कैंसर से जुड़े बहुत सारे महत्वपूर्ण फैक्ट्स पढ़ें । अगर आपके आस पास भी किसी को लेख मे बताये लक्षण दिखें तो तुरत उन्हें डॉक्टर के पास ले जाएँ और उनका इलाज आरम्भ करवाएं ताकि अगर उन्हें मेटास्टेसिस कैंसर की समस्या हो तो वो शुरूआती अवस्था में हीं खत्म हो जाए और व्यक्ति की जान बचाई जा सके, इस समस्याओं में जानकारी के आभाव में भी बहुत सारे लोगों की जान चली जाती है इसलिए इसकी जानकारी रखना बहुत जरूरी होता है।