जर्मोफोबिया (Mysophobia) क्या है? जाने इसके कारण व उपचार

हर व्यक्ति किसी न किसी चीज़ से डरता है, लेकिन सबके लिए डर की वजह अलग अलग होती है। जैसे कि कुछ लोगो को अंधेरे से डर लगता है तो कुछ लोग ऊचाई से घबरा जाते है।

इस प्रकार का डर यदि बढ़ जाये तो फोबिया का रूप ले लेता है। और फोबिया होने पर लोग उसे दूर करने के बजाय उसके उपाय खोजने लगते है।

ऐसा ही एक फोबिया है जर्मोफोबिया। इस फोबिया को लोग माइसोफोबिया के नाम से भी जानते है। आज के लेख में हम आपको Mysophobia के कारण और उपचार के बारे में बता रहे है।

धूल, मिट्टी और गन्दगी को साफ करना हर किसी के लिए अच्छा होता है। परन्तु कुछ लोग इस चीजो के अत्यधिक आदि हो जाते है कि उनको हर समय गन्दगी और कीटाणु होने कि आशंका रहती है। इस प्रकार के फोबिया को ही जर्मोफोबिया कहा जाता है।

Mysophobia in Hindi- जर्मोफोबिया के कारण, लक्षण और उपचार

Mysophobia Causes: जाने इसके कारण

  • यदि किसी व्यक्ति को अतीत में गन्दगी के कारण से बड़ी समस्या हुई हो या फिर उसका अनुभव इस विषय में बहुत ही अधिक ख़राब हुआ है तो उस व्यक्ति को जर्मोफोबिया की समस्या हो सकती है।
  • उदाहरण के तौर पर जैसे बचपन में आप कभी बीमार हुए हो, या फिर लम्बे समय तक गंदगी वाले स्थान रहने के कारण किसी क़रीबी व्यक्ति की मृत्यु हो जाना, ऐसे अनुभव के चलते जर्मोफोबिया कि समस्या हो सकती है।
  • साथ ही यदि किसी विज्ञापन में बार बार जर्म्स से होने वाले नुकसान के बारे में पढ़ना और देखना भी इस समस्या का एक बड़ा कारण बन सकता है।

Mysophobia Symptoms: जाने इसके लक्षण

  • इस दौरान थोड़ी सी धूल होने पर रोगी को घबराहट, धड़कन बढ़ना, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द और कंपकंपी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • इसमें व्यक्ति बार बार साबुन से हाथ धोने लगता है और बार बार घर कि सफाई करने लगता है।
  • फोबिया को लोग इतना ध्यान नही देते है परन्तु उसे कम करने के उपाय खोजते रहते है।

Mysophobia Treatment: जाने इसके उपचार

  • इस प्रकार के फोबिया को मनोचिकित्सा कि सहायता से आसानी से दूर किया जा सकता है।
  • कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी) के द्वारा भी इस फोबिया को दूर किया जाता है।
  • जर्मोफोबिया से निपटने का सबसे सुरक्षित उपचार संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी है जो ओसीडी या अन्य प्रकार के फोबिया होने पर उपयोग कि जाती है।
  • इस थेरेपी के द्वारा थेरेपिस्ट पीड़ित को धीरे-धीरे उसके डर का सामना करना सिखाता है।
  • इसके शुरूआत में पीड़ित को किसी से हैंड शेक करने के पश्चात् अगले 5-10 मिनट तक हाथ न धोने की एक्सरसाइज भी करायी जा सकती है।

आपको बता दे कि जर्मोथेरेपी के लक्षणों को पहचानने में परिवार कि भूमिका बहुत ही अधिक होती है। क्योंकि वह रोगी के साथ ज्यादा समय व्यतीत करते है। इसलिए उसके लक्षणों को उसके व्यवहार के अनुसार आसानी से पहचान सकते है।