Osteoarthritis क्या है? जानिए इसके बारे में मुख्य जानकारी
ओस्टियोआर्थराइटिस में एक या अधिक जोड़ों के कार्टिलेज धीरे-धीरे घिसते हैं या फिर टूट जाते हैं। ओस्टियोआर्थराइटिस को टूट-फूट वाला आर्थराइटिस कहा जाता है।
शरीर में ऊतकों के समूह को कार्टिलेज कहा जाता हैं। कार्टिलेज शरीर के ऊतकों को मजबूत बनाने का कार्य करते हैं साथ ही शरीर के जोड़ों को लचीला भी बनाते हैं।
कार्टिलेज को जब हानि पहुँचती है तब हड्डियाँ आपस में रगड़ने लगती है। जिसके कारण जोड़ों में दर्द और सूजन उत्पन्न हो जाती है। महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। अधिकतर ओस्टियोआर्थराइटिस की समस्या कूल्हों, घुटनों, हाथ-पैरों में होती है।
ओस्टियोआर्थराइटिस को अंग्रेजी में विअर एंड टिअर या डिजनरेटिव आर्थराइटिस भी कहा जाता हैं। इस प्रकार की समस्या वजन के बढ़ने, उम्र के बढ़ने आदि के कारण होती है। ओस्टियोआर्थराइटिस की समस्या से निपटने में समय भी लग सकता है। जानते है Osteoarthritis के कारण और लक्षण के बारे में।
Osteoarthritis in Hindi: जानिए इसके लक्षण, कारण व प्राकृतिक उपचार
ओस्टियोआर्थराइटिस के कारण
- चोट लगना
- अधिक वजन होने के कारण
- अनुवांशिकता के कारण
- बढ़ी हुई उम्र भी इसके लिए जिम्मेदार है
- ऐसा काम जहाँ किसी खास जोड़ पर लगातार जोर पड़ता रहे
- माँसपेशियों की कमज़ोरी के कारण
ओस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण
- प्रभावित जोड़ में सूजन आना
- दिनभर की गतिविधि के पश्चात् जोड़ों में दर्द का बढ़ना
- जोड़ को घुमाने में कठिनाई होना और मांसपेशियों में कमज़ोरी आना
- लम्बे उपयोग के या लम्बे आराम के बाद जोड़ के प्रभावित क्षेत्र में पीड़ा होना
- लंबी निष्क्रियता के पश्चात् दर्द और जकड़न जो गतिशील होते ही तुरंत चली जाती है
- दर्द और जकड़न की वजह से संतुलन, शारीरिक भंगिमा और चलने की स्थिति में गिरावट आना
ओस्टियोआर्थराइटिस के बारे में अन्य जानकारी
- ओस्टियोआर्थराइटिस में दर्द को कम करने के लिए और कार्टिलेज को पुनः बनाने के लिए दवाएँ दी जाती हैं। साथ ही वजन में कमी की सलाह भी दी जाती है।
- अगर जीवन स्तर में सुधार नहीं आता है तो शल्यक्रिया के द्वारा जोड़ बदलवाने की राय दी जाती है।
- ओस्टियोआर्थराइटिस को ठीक नहीं किया जा सकता, परन्तु रोग के बढ़ने की गति को धीमा किया जा सकता है। केवल जोड़ को बदलवाना ही इसका उपचार होता है।
- यदि जोड़ को बदल दिया जाये तो जीवन जीने के स्तर में सुधार हो सकता है साथ ही बिना कठिनाई के रोगी स्वयं कार्य कर पाता है। यदि एक बार जोड़ बदल जाने के पश्चात् ये रोग लौट नहीं सकता।
ओस्टियोआर्थराइटिस में लेने वाले आहार
- आप विटामिन C से समृद्ध आहार जैसे स्ट्रॉबेरी, खट्टे फल, मिर्च, कीवी, हरी-पत्तेदार सब्जियाँ, टमाटर, आलू आदि का सेवन कर सकते है
- बीटा-कैरोटीन युक्त आहार जैसे पीले, लाल और नारंगी रंग के फल और सब्ज़ियाँ खा सकते है।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध आहार जैसे ठन्डे-पानी की मछली, अखरोट, सोया आहार, जैतून, अलसी और अलसी का तेल भी अपने सेवन में शामिल कर सकते है।
ओस्टियोआर्थराइटिस में परहेज करने वाले आहार
- नमक और शक्कर युक्त उत्पादों का इस्तेमाल सीमित करें
- रिफाइंड और प्रोसेस्ड आहार ना ले
- वसा युक्त आहारों जैसे तले और तैलीय आहार, रेड मीट, मिठाइयों और पेस्ट्रीज से परहेज