Vomiting in Children: छोटे बच्चों में उल्टी की समस्या से संबंधित जानकारी
छोटे बच्चों को खाना खिलाने के बाद वह खाने को बाहर निकाल देते है। ऐसा करना उनके लिए सामान्य बात होती है। क्योंकि उस समय वह खाना खाना सीख रहे होते है। इसलिए यदि आपका बच्चा भी ऐसा करता है तो इसमें घबराने वाली बात नहीं है।
छोटे बच्चों का खाना या फिर दूध को बाहर निकालना अच्छा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है की जो भी बच्चे ऐसा करते है वह स्वस्थ रहते है।
लेकिन यदि बच्चे को उलटी की समस्या असामान्य लग रही है या फिर वह रोने के साथ उलटी करता है या डकार आने के बाद उलटी करता है तो बच्चे को डॉक्टर को ज़रुर दिखाना चाहिए।
जो महिलाएं पहली बार माँ बनती है उन्हें भी बच्चे की इस प्रकार की उलटी के बारे में जानकारी होनी चाहिए। जानिए Vomiting in Children के बारे में विस्तार से।
Vomiting in Children: जानिए बच्चों को उल्टी क्यों होती है और डॉक्टर को कब दिखाए?
बच्चों में उलटी करने के क्या कारण होते है?
- लम्बे समय तक रोते रहने के कारण
- ख़ासी आने के कारण
- चलती गाड़ी में यात्रा करने के कारण
- अपच होने के कारण
- खाना खिलाने के बाद बच्चे को उल्टा लेटाने से
- हिचकी आने के कारण
- जरुरत से ज्यादा खिलाने पर
यदि बच्चा छोटा है तो उसमे उल्टी की समस्या आम बात होती है। परन्तु यदि आपका बच्चा थोड़ा बड़ा हो गया है तो भी उसे उल्टी की समस्या हो रही है तो इसके लिए आपको सावधानी बरतनी पड़ेगी।
बच्चों में उलटी के साथ दिखने वाले अन्य लक्षण
- मुंह सूखना, आँसुओ की कमी और धंसे हुए गाल का होना
- पानी की कमी का होना
- पीली और धसी हुई आँखें
- ज्यादा समय तक उल्टी करना, या फिर ज्यादा बल के साथ उल्टी करना
- यदि बच्चे के पेट में कीड़े हैं तो भी उसे उल्टी हो जाती हैं
- बच्चे के पेट में यदि दर्द है तो भी उल्टी होती है
- बच्चे को उल्टी में लगातार खून की कुछ मात्रा आ रही है तो
- भूरा, लाल, या हरे रंग की तरल पदार्थ उल्टी में आ रहा है तो
- वजन नहीं बढ़ रहा है
ऊपर दिए गए लक्षणों में से अपने बच्चे में कोई लक्षण दिखाई देते है तो अपने डाक्टर से ज़रूर संपर्क करे।
उल्टी से परेशान बच्चे की सही देखभाल
- यदि बच्चा अत्यधिक उलटी कर रहा है तो बच्चे को ORS का घोल पिलाये
- बच्चे को हलके पौष्टिक खाद्य पदार्थ ही खिलाये
- इस बात का ध्यान रखिये की उसे पानी की कमी न हो
- जितना हो सके फलो का रस पिलाये
- नारियल का पानी पिलाये
- बच्चे को आराम करने दे
- ध्यान रहे की माँ का दूध देना बंद न करे