यदि प्रेग्नेंट है तो नहीं पीना चाहिए प्लास्टिक की बोतल से पानी, होते हैं ये नुकसान
महिला जब गर्भवती होती है तो उसे बहुत सी बातों का ख्याल रखना पड़ता है। उसे खान पान से लेकर अपने रहन सहन और अपने चारों ओर कि सफाई का भी ध्यान देना होता है ताकि बच्चा स्वथ्य और हेल्दी रहे।
गर्भावस्था के दौरान महिला को हर बात का ध्यान इसलिए रखना होता है क्योंकि वह जो भी करती है उसका असर उसके बच्चे पर भी पड़ता है।
महिला को अपने बच्चे कि 9 महीने तक देखभाल करनी होती है। इसलिए ज़रुरी है कि उसे पता होना चाहिए कि जो भी कर रही है वह उसके बच्चे के लिए फ़ायदेमंद है कि नही।
क्या आप जानती है कि यदि आप ख़राब क्वालिटी या BPA युक्त प्लास्टिक की बोतल से पानी पीती है तो यह भी आपके और आपके बच्चे कि सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना सेहत के लिए खतरनाक होता है जानिए यह कैसे खतरनाक है।
Pregnancy Tips: प्लास्टिक कि बोतल कहीं बन न जाए आपके लिए खतरा
खराब क्वालिटी या BPA युक्त प्लास्टिक बोतल के नुकसान
- एक शोध में पाया गया है कि यदि गर्भवती महिला खराब क्वालिटी या BPA युक्त प्लास्टिक बोतल से पानी का सेवन करती है तो जन्म लेने वाले बच्चो को भविष्य में पेट से संबंधित बीमारियाँ होने का खतरा होता है।
- प्लास्टिक में मिलने वाले BPA रसायन के कारण पेट में उपस्थित अच्छे और बुरे जीवाणुओं का संतुलन बिगड़ जाता है। इस कारण लीवर में दर्द और पेट में सूजन होने लगती है।
- शोधकर्ताओ ने पाया कि जन्म से पूर्व गर्भ में रहने के दौरान ही बच्चे खतरनाक रसायनों के संपर्क में आ सकते हैं।
- साथ ही जन्म के ठीक बाद भी मां के दूध से उनमें खतरनाक रसायन जा सकते हैं।
- आपको बता दे कि BPA के नाम से प्रचलित बिस्फेनॉल ए एक तरह का औद्योगिक रसायन है, जिसे साल 1960 से प्लास्टिक बनाने के लिए उपयोग किया जाता आ रहा है।
- BPA प्लास्टिक के कई कंटेनरों और बोतलों में उपस्थित रहता है। सस्ते और खराब क्वालिटी वाले बोतलों में BPA आसानी से पाया जा सकता है।
- शोध में पाया गया है कि ऐसे ऐसे प्लास्टिक के बर्तनों में रखा गया खाना आसानी से बीपीए रसायन को सोख लेता है।
बच्चे के विकास को प्रभावित करती है प्लास्टिक बोतल
- रिसर्च में ये भी पाया गया है कि प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से गर्भवती महिलाओं में भूख को नियंत्रित करने वाले हारमोन प्रभावित हो सकते हैं।
- इससे गर्भवती महिलाओं में भूख लगना कम हो जाती है और इसके कारण से बच्चे में मोटापा होने और इसके विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- कई रिसर्च मे यह भी सामने आया है कि प्लास्टिक के बर्तनों में पाए जाने वाले बिस्फेनोल ए (BPA) रसायन के कारण प्रेग्नेंट महिलाओं में एस्ट्रोजन बहुत अधिक सक्रिय हो जाता है। यह बच्चे के विकास को प्रभावित करता है साथ ही महिलाओं को प्रजनन संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है।