Cataract in Hindi: इन उपायों से रखे आँखों को स्वस्थ

अक्सर देखा जाता है की जैसे जैसे उम्र बढ़ती है व्यक्ति की आँखें कमजोर होने लगती है और आँखों को कई तरह की समस्यायों का सामना करना पड़ता है जैसे कैटरेक्ट। कैटरेक्ट को आम भाषा में मोतियाबिंद और सफ़ेद मोतिया भी कहते है। मोतियाबिंद आँखों में होने वाला एक रोग है जिसके कारण आँखों को दिखाई देना बंद हो जाता है।

यह आँखों में मौजूद प्यूपिल अर्थात पुतली के माध्यम से लेंस तक जाने वाले दृश्यों में व्यवधान पैदा करता है। इसके हो जाने पर लेंस के ऊपर सफ़ेद रंग का एक धब्बा जैसा हो जाता है। जिसके कारण व्यक्ति को चीजें धुंधली दिखाई देती है। मोतियाबिंद की समस्या ज्यादातर अधिक उम्र के लोगो में देखी जाती है।

मोतियाबिंद एक आँख या फिर दोनों आँखों में भी हो सकता है। यह धीरे धीरे फैलता भी है, यदि एक आँख में इसकी समस्या है तो यह दूसरी आँख में ही हो सकता है।

इसका समय पर उपचार ना करने पर व्यक्ति अँधा भी हो सकता है। इसलिए इसके बारे में सारी जानकारी रखे ताकि समय रहते इसे ठीक किया जा सके। इसके लिए जानते है Cataract in hindi.

Cataract in hindi: जानिए इसके प्रकार, कारण, लक्षण और उपचार

मोतियाबिंद के प्रकार

मोतियाबिंद के कई प्रकार होते है जिनमे से कुछ प्रकार मुख्य है जैसे-

ट्रॉमेटिक मोतियाबिंद

  • इस प्रकार का मोतियाबिंद तब होता है जब आंख में किसी प्रकार की चोट लग जाती है।
  • यह आंख में चोट लगने के तुरंत बाद नहीं होता है बल्कि कई सालों के बाद नजर आता है।

कन्जेनिटल मोतियाबिंद

  • कन्जेनिटल मोतियाबिंद बचपन में ही हो सकता है।
  • यह जन्म के समय ही कुछ बच्चों में दिखाई देता है।
  • आपको बता दे की यह जन्म के समय बहुत ही छोटा होता है जिस कारण यह दिखाई नहीं देता है।
  • साथ ही यह दृष्टि को प्रभावित भी नहीं करता है।
  • कन्जेनिटल मोतियाबिंद में आँखों की लेंस को बदलना पड़ता है।

रेडिएशन मोतियाबिंद

  • रेडिएशन मोतियाबिंद तब होता है जब व्यक्ति किसी प्रकार के रेडिएशन के संपर्क में आ जाता है।

सेकेंडरी मोतियाबिंद

  • सेकेंडरी मोतियाबिंद आंख में किसी समस्या के कारण भी हो सकता है। यह ग्लूकोमा जैसी सर्जरी के बाद भी हो सकता है।
  • साथ ही यह कुछ रोगों के कारण भी हो सकता है जैसे - डायबिटीज

मोतियाबिंद के लक्षण

  • आँखों से कोई भी चीज दो दो नज़र आने लगना
  • आंखों के लेंस पर सफेद रंग का एक परत सा जम जाना
  • आँखों से धुंधला नजर आना
  • बार-बार चश्मे का नंबर बदल जाना
  • तेज रोशनी होने पर देखने में कठिनाई होने लगना
  • रात को सड़क पर वाहन चलाने में परेशानी का सामना करना
  • शाम होने पर आंखों की रोशनी का और भी ज्यादा कमजोर हो जाना

मोतियाबिंद के कारण

  • उम्र बढ़ने के साथ लेंस की पारदर्शिता कम हो जाती है जिस कारण मोतियाबिंद की समस्या हो जाती है।
  • आंख में मोतियाबिंद जन्मजात भी हो सकता है।
  • मोतियाबिंद की समस्या डायबिटीज होने पर भी हो सकती है।
  • धूम्रपान या शराब के कारण भी मोतियाबिंद होता है।
  • आँखों में चोट लगने के कारण भी यह कई बार हो जाता है।

मोतियाबिंद के उपचार

मोतियाबिंद के लिए कई तरह के घरेलू उपचार भी किये जा सकते है, क्योंकि आंखे सही रहेगी तब ही आप चीजों को अच्छे से देख पाएंगे ।

पालक का सेवन

  • पालक मोतियाबिंद को कम करने के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
  • आंखों के लिए एंटीऑक्सीडेंट और बीटा कैरोटीन फायदेमंद होता है जो की पालक में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
  • पालक का सेवन नियमित रूप से करने पर मोतियाबिंद की समस्या दूर हो जाती है।
  • साथ ही आँखों की रोशनी भी बढ़ती है।

शहद

  • शहद भी आँखों के लिए लाभकारी होता है। इसके लिए यदि आँखों में शुद्ध शहद को सप्ताह भर प्रतिदिन एक से दो बार डाले तो ऐसा करने से आँखों की रौशनी बनी रहती है।
  • साथ ही यदि उम्र बढ़ती है तो भी आँखों की रौशनी बढ़ती है।

बादाम है लाभकारी

  • बादाम खाना भी आँखों के लिए फ़ायदेमंद होता है।
  • बादाम के असर के लिए रोज रात को 4 बादाम पानी में भिगो कर रख दें और सुबह के समय 4 कालीमिर्च ले कर उसे बादाम के साथ पीस ले। इसे मिश्री के साथ खाये और फिर दूध पीले।
  • इसका सेवन करने से मोतियाबिंद दूर हो जाता है।

कच्ची सब्जियों का सेवन

  • कच्ची सब्जियों का सेवन करना सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है। साथ ही यह आँखों के लिए भी फ़ायदेमंद होता है।
  • आँखों के लिए विटामिन ए और पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। कच्ची सब्जियों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
  • यदि आप अपनी आँखों को स्वस्थ रखना चाहते है तो इनका सेवन करना शुरू कर दे।

ग्रीन टी का सेवन

  • ग्रीन टी का सेवन आँखों के लिए असरकारी होता है। यह आँखों की समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है।
  • प्रतिदिन ग्रीन टी पीने से आँखों की रौशनी बढ़ती है।
  • ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते है जो आँखों को स्वस्थ रखते है ।

कच्चा पपीता

  • कच्चे पपीते के सेवन से भी मोतियाबिंद की समस्या में राहत मिलती है।
  • मोतियाबिंद रोगियों को प्रोटीन के पाचन में परेशानी होती है।
  • आपको बता दे की पपीते में पपेन नामक एंजाइम पाया जाता है। यह एंजाइम प्रोटीन को पचाने में सहायता करता है। इसलिए यह मोतियाबिंद रोगियों के लिए फ़ायदेमंद होता है। कच्चे पपीते का सेवन प्रतिदिन करने से लाभ मिलता है।

प्याज का उपयोग

प्याज भी मोतियाबिंद के लिए लाभकारी होता है। इसे कई प्रकार से उपयोग कर सकते है जैसे -

  • सफेद प्याज का रस 10 मिलीलीटर ले और उसमे अदरक का रस 10 मिलीलीटर, नींबू का रस 10 मिलीलीटर और 50 मिलीलीटर शहद को मिला ले। इस मिश्रण का प्रतिदिन 2-2 बुँद आँखों में डाले इससे मोतियाबिंद दूर हो जाता है।
  • इसके अतिरिक्त सफेद प्याज का रस 10 मिलीलीटर ले, उसमे शहद 10 मिलीलीटर, भीमसेनी कपूर 2 ग्राम और इन्हे अच्छी तरह से मिला ले। इसे रात को सोने से पहले आँखों में लगाए। इसके उपयोग से मोतियाबिंद दूर हो जाता है।
  • प्याज और अदरक के 10 - 10 मिलीलीटर रस को 40 ग्राम शहद में मिला ले और इस मिश्रण को सुबह और शाम के समय आँखों में लगाए, इससे मोतियाबिंद में फायदा मिलता है।

उपरोक्त उपायों को अपना कर आप मोतियाबिंद की समस्या से निजात पा सकते है। यदि आपको इसमें कोई परेशानी होती है डॉक्टर से सलाह ले सकते है। समय पर इनके लक्षणों को भी पहचान करें ताकि इस समस्या का जल्द ही निदान किया जा सके।