CPR Procedure: आपातकालीन स्थिति में पीड़ित को बचाने हेतु अपनाये यह प्रक्रिया
CPR, Cardio Pulmonary Resuscitation का संक्षिप्त रूप है जो की Cardio यानी दिल, Pulmonary अर्थात फेफड़ों के Resuscitation यानि पुनर्जीवन से बना है।
CPR (सीपीआर) एक प्रकार की चिकित्सा पद्धति होती है जिसके द्वारा आपातकालीन परिस्थिति में व्यक्ति की जान बचाई जाती है जैसे बेहोशी, दिल का दौरा आना आदि।
कुछ समस्याएं अचानक आती है जैसे बिजली का झटका लगना, डूबना, सांसो का रुकना आदि। इन स्थितियों में रोगी को डॉक्टरी चिकित्सा मिलने तक बचाये रखने के लिए सीपीआर का इस्तेमाल किया जाता है। सीपीआर तकनीक से आप बच्चों से लेकर बूढ़े व्यक्ति तक को भी बचा सकते है।
CPR (सीपीआर) की प्रक्रिया बहुत ही आसान होती है जिसे कोई भी व्यक्ति आसानी से कर सकता है। बस इसके बारे में जानकारी रखना आवश्यक होता है ताकि आप मुसीबत के समय अपने परिजनों या पीड़ित व्यक्ति की जान बचा सकते है। जानते है CPR Procedure के बारे में विस्तार से।
CPR Procedure: यह क्या है जानिए इसे कैसे करते है और आवश्यक जानकारी?
सीपीआर क्या है?
- यह आपातकालीन समय में जीवन की रक्षा करने की प्रक्रिया होती है।
- सीपीआर की प्रक्रिया को आप दिल की धड़कन रुकने, व्यक्ति के डूबने, बिजली का झटका लगने, सांसो के रुकने, धुएं से दम घुटने, जहरीली गैसों को सूँघने, बेहोशी आदि प्रकार की परिस्थितियों में उपयोग कर सकते है।
- उपरोक्त परिस्थितयों में व्यक्ति के शरीर में रक्त का संचार सही से नहीं हो पाता है। जिसके लिए श्वास और छाती पर दबाव के द्वारा व्यक्ति को बचाया जाता है।
सीपीआर के स्टेप्स
सीपीआर की प्रक्रिया को दो चरणों में किया जाता है।
- छाती को दबाना
- मुंह से साँस को भरना
इन दोनों प्रक्रियाओं के द्वारा मस्तिष्क तक रक्त को पहुंचाया जाता है ताकि व्यक्ति की मृत्यु न होने पाए क्योंकि यदि व्यक्ति के दिमाग में यदि 3 मिनट तक रक्त नहीं पहुँचता है तो दिमाग कार्य करना बंद कर देता है जिसके कारण उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
सीपीआर से पहले की जानकारी
- पीड़ित व्यक्ति पर सीपीआर की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इस बात को अच्छी तरह से देख ले की पीड़ित व्यक्ति के आस पास के लोगो से उसे परेशानी तो नहीं है।
- यदि व्यक्ति बेहोश होने वाला है तो उसका नाम पता ज़रूर पूछ ले। इससे आपको सुविधा होगी।
- यदि व्यक्ति बेहोश हो रहा है तो उसके मुंह पर पानी का छिड़काव करे इससे भी वह बेहोश होने से बच सकता है।
- यदि फिर में असर नहीं हो रहा है तो रोगी की पीठ को थपथपाए और उसके पेट को दबाये ऐसा करने से भी रोगी को होश आ जाता है।
कैसे करे सीपीआर की प्रक्रिया
- यदि सामान्य तरीको से भी रोगी को लाभ नहीं मिल रहा है तो सीपीआर की प्रक्रिया को शुरू कर देना चाहिए।
- इसके लिए सबसे पहले व्यक्ति को पीठ के बल लेटा दे।
श्वासनली का परिक्षण
- जब व्यक्ति बेहोश होता है तो उसकी जीभ के उलट जाने के कारण साँस लेने में कठिनाई होने लगती है। इसके अतिरिक्त बेहोशी में श्वासनली सिकुड़ भी जाती है।
- श्वासनली को खोलने के लिए रोगी को सीधे लिटा दे और फिर उसके माथे को पीछे की तरफ करे।
- रोगी के मुंह को चेक करे की कही उसके मुंह में कोई चीज फंसी तो नहीं है यदि ऐसा है तो उसे अपनी ऊँगली की सहायता से बाहर निकाल दे।
- इसके बाद यह भी देख ले की व्यक्ति के नाक में कोई चोट तो नहीं आयी है यदि ऐसा है तो अपने हाथों से रोगी के जबड़े को खोलने का प्रयास करे।
- रोगी के सांसों की आवाज़ को सुनने का प्रयास करे।
कृत्रिम साँस
- यदि रोगी को साँस नहीं मिल पा रही है तो उसे कृत्रिम साँस दे।
- कृत्रिम साँस देने के लिए रोगी की नाक को अपने हाँथ की एक अंगुली और अंगूठे की सहायता से दबाये और रोगी के मुँह को खुला रखे।
- इसके बाद अपने फेफड़ो में हवा को भरे और फिर अपना मुँह रोगी के मुँह पर रख कर सारी हवा रोगी के मुँह में डाल दे।
- इस प्रक्रिया को दोहराये जब तक की रोगी के छाती में हवा नहीं भर जाती है।
- ऐसा करने से रोगी की साँस प्रभावित होती है और वह साँस लेने लगता है।
छाती पर दबाब
- छाती पर दबाव डालने के लिए रोगी को पीठ के बल लिटा कर अपने एक हाँथ की अँगुलियों को छाती के निचले हिस्से से धीरे धीरे खिसकाते हुए ले जाए और जिस स्थान पर छाती की अन्य हड्डियाँ मिल रही है वहां पर रखे। ठीक इसी प्रकार अपनी दूसरे हाँथ की अँगुलियों को भी रखे। दोनों हाथों की अँगुलियों को क्रॉस की तरह बांध ले।
- इसके बाद छाती को नीचे की तरफ दबाने का प्रयास करे। उसके बाद थोड़ा रुक जाए। इस प्रकार की प्रक्रिया को कुछ देर तक करे।
- ध्यान रहे की इस प्रक्रिया में दबाव डालने और छोड़ने का समय बराबर होना चाहिए।
उपरोक्त दोनों प्रक्रियाओं को साथ में भी किया जा सकता है इसके लिए यदि आप चाहें तो किसी अन्य व्यक्ति की सहायता भी ले सकते है ताकि दोनों प्रक्रियाएं एक ही समय में बराबर हो सके।
बच्चों के लिए सीपीआर प्रक्रिया
- यदि आप किसी बच्चे को सीपीआर की सहायता दे रहे है तो इस बाद का ध्यान रखना चाहिए की जब भी आप बच्चे की छाती पर दबाव डाले तो वह व्यस्क की तुलना में कम होना चाहिए।
- बच्चे के लिए एक ही हाँथ की हथेली का उपयोग करना उचित होगा और दबाब को भी एक तिहाई ही रखे।
आवश्यक जानकारी
- उपरोक्त समस्या आने पर सबसे पहले डॉक्टर या एम्बुलेंस को फ़ोन करे उसके बाद ही सीपीआर प्रक्रिया को करे।
- रोगी की छाती पर दबाब डालते समय यह भी ध्यान रखे की दबाव ज्यादा नहीं होना चाहिए।
- व्यक्ति के बेहोश होने पर सबसे पहले यह जाँच कर ले की उसकी सांसे चल रही है की नहीं। साथ ही उसकी रक्त संचार की भी जाँच कर ले।
- किसी व्यक्ति के बेहोश होने पर लोगो की भीड़ जमा हो जाती है जिसके कारण भी रोगी को शुद्ध हवा नहीं मिल पाती है। इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए ही रोगी की सीपीआर प्रक्रिया शुरू करे।
नोट- उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखे इससे आप किसी व्यक्ति की जान बचा सकते है साथ ही इस जानकारी को दूसरों को भी बता सकते है।