Ecchymosis: त्वचा पर आने वाली नीलेपन की समस्या बन सकती है एकाइमोसिस बीमारी की वजह

जब कोई चोट या खरोंच लगती है तब सबसे ज्यादा नुक्सान त्वचा को होता है।  इसकी वजह से त्वचा पर निशाँ बन जाते हैं। त्वचा का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी होता है तभी वह स्वस्थ्य और अच्छी रहती है। साथ ही इसका विशेष ख्याल रखने पर इसमें कुदरती चमक भी बनी रहती है। त्वचा के कारण ही बढ़ते उम्र की पहचान भी हो पाती है।

त्वचा में कभी कभी ऐसी चीजे हो जाती है जिसे हम देखते तो है लेकिन उस बीमारी के बारे में जानते बहुत कम है। इसी प्रकार की त्वचा से संबंधित एक बीमारी होती है एकाइमोसिस। आमतौर पर इस बीमारी के बारे में बहुत ही कम लोगो के पास जानकारी होती है लेकिन इस बीमारी को बहुत से लोगो ने देखा होगा। इस बीमारी में त्वचा का रंग नीला पड़ जाता है।  

एकाइमोसिस शब्द दरअसल डिस्कलोरेशन का वैज्ञानिक शब्द है जो की चोट लगने से भी हो सकता है। कई बार त्वचा पर चोट लगने से त्वचा पर नीलापन आ जाता है। जिसे अधिकांश  लोगो ने देखा होगा पर ज्यादातर लोग इसे सामान्य समस्या मान कर इसका ध्यान नहीं देते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को एकाइमोसिस होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।

चोट के अतिरिक्त भी एकाइमोसिस के कई अन्य कारण भी हो सकते है। इसकी अन्य वजहों और इससे जुड़े अन्य तथ्यों के बारे में आज के आर्टिकल में हम आपको जानकारी देने वाले हैं। आइये अब जानते है इसी Ecchymosis नामक समस्या के बारे में विस्तार से।

Ecchymosis: जाने क्या है एकाइमोसिस? इसके कारण लक्षण और उपचार

क्या है एकाइमोसिस: Ecchymosis Definition?

  • चोट व्यक्ति को किसी भी कारण से लग सकती है लेकिन किसी व्यक्ति को जब शरीर के किसी भाग में चोट लगती है तो चोट लगने के कारण प्रभावित स्थान के नीचे की त्वचा में रक्त जम जाता है। जिसे ब्लड क्लॉटिंग के नाम से जाना जाता है।
  • यदि लगने वाली चोट छोटी मोटी होती है तब तो यह अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन यदि आपको शरीर के जिस हिस्से पर चोट लगी है और उस जगह पर ब्लड क्लॉट हो गया हो और उसके ऊपर फिर से कोई अन्य चोट लग जाती है तो ऐसा होने से रक्त का बहाव शुरू हो सकता है जो की संक्रमण की वजह भी बन सकता है। ऐसा होने से Ecchymotic Patches की समस्या भी हो सकती है।

क्या होते हैं एकाइमोसिस के कारण: Ecchymosis Causes

एकाइमोसिस आम रूप से चोट के लिए एक चिकित्सीय शब्द है। इसके होने का मुख्य कारण चोट लगना होता है। इसके अन्य कारण भी हो सकते है। आइये अब जानते इसके होने के सभी कारणों के बारे में बारी बारी से।

चोट

  • त्वचा पर चोट लगने से त्वचा पर नीले रंग की परत बन जाती है।
  • चोट किसी भी तरह से लग सकती है जैसे की यह चोट किसी टक्कर लगने, झटका लगने और गिरने के कारण भी आ सकती है।
  • इन्हीं चोटों की वजह से जब शरीर के चोटिल हिस्से की त्वचा नीली पड़ जाती है और उसमे दर्द भी होता है तो यह एकाइमोसिस का कारण हो सकती है।

प्लेटलेट काउंट में असामान्यताएं

  • कभी कभी कम प्लेटलेट काउंट के कारण भी त्वचा पर नीलापन आ जाता है और व्यक्ति को एकाइमोसिस हो जाता है।

शरीर में पोषक तत्वों की कमी

शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण भी एकाइमोसिस की समस्या आ सकती है।
इस तरह की समस्या ज्यादातर छोटे बच्चों को जो की पांच साल से कम होते हैं उन्हें हो सकती है। छोटे बच्चों के शरीर में सारे पौष्टिक तत्व नहीं पहुंच पाते है इसलिए उन्हें ये समस्या होती है।
इसके साथ ही साथ यह समस्या व्यस्क में भी हो सकती है यदि उनमे भी विटामिन की कमी हो।
विटामिन की कमी शरीर में होने से एकाइमोसिस बड़ी आसानी से हो सकता है, इसलिए अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए।

एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक से सेवन से

  • एंटीबायोटिक दवाओं के कारण भी इस तरह की समस्या आ सकती है।
  • इसलिए यदि आपको दवाओं के सेवन से त्वचा पर कुछ प्रभाव दिख रहा है तो आपको तुरंत ही चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

अन्य कारण

एकाइमोसिस का अन्य कारण भी हो सकते है जैसे

  • सर्जरी के कारण भी ऐसा हो सकता है।
  • किसी कारण वश फ्रैक्चर और टूटी हुई हड्डियाँ भी इसका कारण बन जाती है।
  • हीमोफिलिया
  • डेंगू बुखार
  • ल्यूकेमिया
  • लिवर जनित समस्याएं
  • बुलीमिया

उपर्युक्त वजहों के कारण भी एकाइमोसिस को समस्या उत्पन्न हो सकती है।

एकाइमोसिस के लक्षण

एकाइमोसिस के खास लक्षण नहीं होते है लेकिन कुछ लक्षणों के कारण इसे पहचाना जा सकता है जैसे -

  • त्वचा पर नीला या लाल निशान पड़ जाना।
  • प्रभावित स्थान पर चोट लगने से ब्लड क्लॉटिंग के साथ साथ दर्द भी होना।
  • प्रभावित स्थान पर धब्बे के साथ सूजन का आना साथ ही लालिमा का भी दिखाई देना।
  • कुछ लोगो को त्वचा में प्रभावित स्थान पर जलन की समस्या भी आने लगती है।

इस तरह कुछ लक्षणों को पहचानकर एकाइमोसिस का पता लगाया जा सकता है। उपरोक्त लक्षणों के दिखने पर इस तरह के घाव को डॉक्टर को ज़रूर दिखाना चाहिए।

क्या है इसका उपचार: Ecchymosis Treatment?

  • एकाइमोसिस के बारे में पता चलना थोड़ा मुश्किल होता है इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है। इसके उपचार में बहुत बार तो ऐसे घाव आसानी से अपने आप ही चले जाते है जिसके लिए किसी तरह के उपचार की जरुरत नहीं होती है।
  • इसके अलावा डॉक्टर आपको दवाएँ भी दे सकता है जो आपके दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती है।
  • यदि किसी व्यक्ति को चोट नहीं आई है और एकाइमोसिस का कारण कारण स्पष्ट नहीं है, तो इसके लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट भी करवा सकता है। चोट लगने की गंभीरता के आधार पर, वह एक्स-रे या एमआरआई स्कैन की सलाह भी दे सकते हैं।
  • डॉक्टर इस बीमारी का सही पता लगाने के लिए किसी व्यक्ति की प्लेटलेट काउंट और क्लॉटिंग कारकों की जांच करने के लिए रक्त भी ले सकता है।

एकाइमोसिस से बचाव

  • इस बीमारी के उपचार के लिए रोगी को आराम करने की भी जरुरत होती है। आराम करने से रोगी के चोट पर जल्दी असर होता है।
  • चोट के लगने पर प्रभावित स्थान की सिकाई करे ऐसा करने से चोट पर सूजन या दर्द नहीं होता है।
  • अधिकांश लोगो को खेल को खेलते समय चोट लगती है इसके लिए खेल को खेलते समय सुरक्षात्मक उपकरण ज़रुर पहने।
  • अपने घर के फर्नीचर को व्यवस्थित तरीके से रखे ताकि उससे चोट लगने की संभावनाएं कम हो।
  • जिस स्थान पर आप चलते है उसे साफ सुथरा रखे ताकि आपको किसी वस्तु से चोट ना लग सके।
  • रात को सोते समय अपने बेडरूम और बाथरूम में एक नाइटलाइट जलाकर जरूर रखें।
  • अंधेरे वाले स्थानों पर जाने से पहले अपने सेल फोन पर टॉर्च का उपयोग करें या ऐसी कोई चीज रखे जिससे आपको लाइट मिल सके और आप आसानी से उस स्थान को देख सके क्योंकि अँधेरे के कारण भी चोट लगने का खतरा रहता है।

अब तो आप जान ही गए होंगे की चोट लगने से क्या हो सकता है। इसके लिए अपने शरीर को चोट लगने से बचाये और साथ ही पौष्टिक आहार का सेवन भी करे।