Jatamansi Benefits: नपुंसकता, बवासीर और थकान को दूर करने में सहायक औषधि
जटामांसी ठंडी जलवायु में उत्पन्न होती है। इसलिए यह आसानी से नहीं मिल पाती है। यह ज्यादातर हिमालय में उगती है। इसके अतिरिक्त यह भूटान, कश्मीर, सिक्किम और कुमाऊं जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में अपने आप ही उगती है।
इसे जटामांसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी जड़ों में जटा अर्थात बाल जैसे तन्तु लगे होते हैं। जटामांसी एक आयुर्वेदिक औषधि होती है जो कई रोगों को दूर करने में सहायक होती है।
जटामांसी को श्बालछड़ष, बालछड़, स्पाइक नाड, नार्डोस्टकिस आदि नामो से जाना जाता है। इसका उपयोग तीक्ष्ण गंध वाला इत्र बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग तेलो को सुगन्धित बनाने व रंगने के भी काम में आता है।
जटामांसी की जड़ दिखने में काले रंग की होती है। इसके पत्ते 15 से 20 सेंटी मीटर तक लम्बे होते है। और इसके फूल सफेद व गुलाबी या नीले रंग के एक गुच्छे में लगते हैं। इसके फल छोटे, गोल, सफेद और रोयेदार होते है। जानते है Jatamansi Benefits के बारे में।
Jatamansi Benefits in Hindi - जटामांसी के इतने फायदे नहीं जानते होंगे आप
नपुंसकता
- यदि कोई नपुंसकता की समस्या से पीड़ित है तो उसके लिए जटामांसी का सेवन लाभकारी होता है।
- इसके सेवन के लिए जटामांसी, जायफल, सोंठ और लौंग को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें।
- इस चूर्ण का प्रति दिन में तीन बार सेवन करने से नपुंसकता से छुटकारा मिलता है।
थकान से मुक्ति दिलाने में सहायक
- जटामांसी थकान को दूर करने में बहुत ही लाभकारी होती है।
- इसके उपयोग के लिए जटामांसी के चूर्ण को कम खुराक के साथ ही प्रारम्भ करना चाहिए।
- इसका चूर्ण 500 मिली ग्राम दिन में दो बार लेने से मानसिक थकावट कम होती है और मस्तिष्क पर आरामदायक प्रभाव भी पड़ता है।
बवासीर से निजात :
- बवासीर से छुटकारा दिलाने के लिए भी जटामांसी फ़ायदेमंद होती है।
- इसके उपचार के लिए जटामांसी और हल्दी बराबर की मात्रा में पीसकर मस्सों पर लगायें।
- ऐसा करने से बवासीर की समस्या दूर हो जाती है।
- जटामासी के तेल को मस्सों पर लगाने से मस्सें सूख जाते हैं।
त्वचा पर लाभ
- जटामासी में जीवाणुरोधी गुण पाया जाता है। जटामासी का तेल त्वचा के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।
- यह तेल त्वचा पर कवक संक्रमणों,खाने से हुए संक्रमण, डर्मेटाइटिस, त्वचा पर खुजली, त्वचा में दाग, और छालरोग
- आदि बीमारियों का इलाज करने में मदद करता है।
बैक्टीरियल संक्रमण को रोकता है
- यह कई रोगो के लिए लाभकारी होता है जो त्वचा के संक्रमण के कारण होते है।
- यह न केवल त्वचा पर काम करता है बल्कि शरीर के अंदर बैक्टीरिया के विकास को भी समाप्त करने में मदद करता है।
- इसे बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाने के लिए घावों पर लगाया जाता है।
- मूत्रमार्ग, मूत्राशय और गुर्दे में बैक्टीरिया के संक्रमण का इलाज करने के साथ-साथ एथलीट के पैर, हैजा, फ़ूड पोइज़निंग और टिटनस के उपचार में भी प्रभावी होता है।