Marjariasana: पीठ दर्द से राहत सहित कई दूसरे फ़ायदों के लिए करें मार्जरी आसन
हर कोई चाहता है की वह फिट रहे। जिसके लिए वह बहुत कुछ प्रयास करता है जैसे की जिम में पसीना बहा कर वर्क आउट करना, डायटिंग, स्विंमिंग आदि। हमारे पूर्वज प्राचीन काल से योग के द्वारा खुद को स्वस्थ्य और फिट रखते आ रहे है।
योग हमें स्वस्थ्य और निरोग रखने में मदद करता है। योग को कई तरीकों से किया जा सकता है जिसके अंतर्गत अनेक आसन होते है। कुछ आसन के नाम उनके आकार और स्थिति के आधार पर रखे गए है।
ऐसा ही एक आसन है Marjari Asana. इसके नियमित अभ्यास से अनेक फायदे होते है।
पीठ के दर्द से मुक्ति दिलाने में मदद करता है साथ ही पीठ की मांसपेशियों को भी राहत दिलाता है।
यदि आप मार्जरी आसन को करना चाहते है तो आपको इसे करने के तरीके और इसके फ़ायदों के बारे में जानकारी रखना ज़रुरी है ताकि आप इसे अपनी आवश्यकता के अनुसार कर सके और सही ढंग से कर सके। जानते है Marjariasana बारे में विस्तार से।
Marjariasana: जाने इसे करने की विधि, इसके फायदे और सावधानियों के बारे में
मार्जरी आसन:
- इसे अंग्रेजी में कैट पोज़ (Cat Pose) कहा जाता है।
- मार्जरी आसन में मार्जर का अर्थ बिल्ली से होता है।
- इस आसन को आसानी से किया जा सकता है।
- इस आसन को करते समय पीठ में खिचाव होता है जिस प्रकार बिल्ली अपने शरीर में खिचाव लाती है।
मार्जरी आसन को करने का तरीका
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक आसन को बिछा ले और उस पर वज्रासन मुद्रा में बैठ जाए।
- इसके बाद अपने घुटनो की मदद से खड़े हो जाए। अब अपने घुटनो और पैरों के मध्य करीब करीब एक फुट का डिस्टेंस रखे।
- आपको इसमें इस तरह की स्थिति बनानी है जैसे की मेज रखी हो।
- आपकी हथेलियां ज़मीन से सटी होनी चाहिए। साथ ही गर्दन को सीधा और सामने की तरफ रखे। धीरे धीरे साँस को अंदर लेते हुए अपने मुँह को ऊपर की तरफ उठाये।
- इस बात का ध्यान रखे की आपकी कमर नीचे की तरफ रहनी चाहिए। जिस प्रकार धनुष होता है ठीक उसी प्रकार अपने पीठ को ऊपर की तरफ उठाये।
- इस स्थिति में थोड़ी देर तक रुके। इसके बाद अपनी साँस को बाहर की तरफ निकाले और अपने मुँह को नीचे की तरफ लाये। अब अपने पेट की तरफ देखे। इस आसन को कम से कम 10 बार करे।
Marjariasana Benefits-
पीठ के दर्द लिए फ़ायदेमंद
- यह आसन पीठ के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
- अक्सर लगातार एक ही स्थान पर बैठे रहने से पीठ में दर्द होने लगता है।
- मार्जरी आसन के नियमित अभ्यास से पीठ दर्द की समस्या दूर हो जाती है।
- यह पीठ की मांसपेशियों में खिचाव लाता है जिससे मांसपेशियों में होने वाले तनाव को कम किया जा सकता है।
- यह रीढ़ की हड्डी को भी स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। साथ ही रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में मदद मिलती है।
कमर में खिचाव लाये
- मार्जरी आसन को करने से कमर में भी खिचाव होता है जिससे दर्द की समस्या से निजात मिल जाता है।
- आप कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए बहुत से योग कर सकते है परन्तु यह आसन कमर दर्द के लिए बहुत असरकारी होता है साथ ही करने में भी आसान होता है।
- यह कमर की मांसपेशियों में खिचाव लाकर उनके तनाव को कम कर देता है।
पाचन क्रिया में सुधार
- गलत और अनियमित खानपान के चलते पेट से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
- पाचन तंत्र को मजबूतhttp:// बनाने के लिए इस आसन को करना उत्तम होता है। यह पाचन क्रिया में सुधार लाने में मदद करता है।
- इस आसन को नियमित रूप करने पर गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याएं भी दूर हो जाती है।
- साथ ही यह आसन पेट को सुडोल बनाने में भी सहायता करता है।
कंधे और कलाईयों में मज़बूती लाये
- यह आसन कंधे और कलाईयों को मजबूत बनाने का कार्य भी करते है।
- यदि आपके कंधे में दर्द से तो इस आसन को करने से दर्द से छुटकारा मिल जाता है। इसलिए इसका नियमित अभ्यास करना चाहिए।
गर्भावस्था में फ़ायदेमंद
- यह आसन महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए।
- प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों में आप इस आसन का अभ्यास कर सकती है।
- यह आसन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
मार्जरी आसन को करने के अन्य लाभ -
- यह मासिक धर्म की समस्या से भी निजात दिलाने में मदद करता है और उस दौरान होने वाले दर्द को भी कम करने में मदद करता है।
- इस आसन को रोज करने से शरीर में रक्त का संचार भी सुचारु रूप से चलने लगता है। जिसके कारण शरीर में स्फूर्ति आती है और मन भी शांति का अनुभव करता है।
- पेट की चर्वी को कम करने में भी इस आसन का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
- इस आसन को करने से तनाव भी दूर हो जाता है।
- शरीर को लचीला बनाने में यह आसन मददकारी होती है। इस आसन का नियमित अभ्यास करना चाहिए।
मार्जरी आसन को करने से पहले करने वाले आसन
मार्जरी आसन को करने से पहले आप निम्न आसन का भी अभ्यास कर सकते है।
- गरुड़ासन
- बालासन
मार्जरी आसन को करने के बाद करने वाले आसन
- बितिलासन
- ऊर्ध्व मुख श्वानासन
- भुजंगासन
उपरोक्त आसनो का अभ्यास मार्जरी आसन के बाद कर सकते है।
मार्जरी आसन को करते समय ध्यान रखने वाली सावधानियां
- जिन लोगो को घुटनो में दर्द रहता है उन लोगो को इस आसन को नहीं करना चाहिए साथ ही यदि वह इस आसन को करना चाहते है तो अपने चिकित्सक से परामर्श कर सकते है।
- जिन लोगो की गर्दन में दर्द रहता है उन्हें भी इस आसन को नहीं करना चाहिए। यदि इस आसन को करना है तो अपनी गर्दन को ज्यादा नीचे की तरफ नहीं झुकाना चाहिए।
- गर्दन में चोट लगने पर भी इस आसन को ना करे।
- यदि आपकी कमर में कोई चोट हो तो इस आसन को नहीं करना चाहिए। कंधे या फिर कलाईयों में चोट होने पर भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
नोट - इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से करे ताकि आपको इसके फ़ायदों का लाभ मिल सके।