Polio Disease in Hindi: तेजी से फैलता है पोलियो, जागरूकता ही है बचाव
पोलियो एक बेहद हीं खतरनाक और गंभीर बीमारी मानी जाती है। इस बीमारी के हो जाने पर इससे पीड़ित व्यक्ति तुरंत नहीं मर जाता बल्कि जीवित रह कर भी एक मरी हुई ज़िदगी काटता है।
Polio Disease की वज़ह से पीड़ित व्यक्ति के शरीर का कोई भी अंग काम करना बंद कर सकता है। वैसे आपने ज्यादातर लोगों के पैरों में पोलियो का असर देखा होगा जिसकी वज़ह से कभी एक पैर तो कभी कभी दोनों हीं पैर काम करना बंद कर देते हैं।
वैसे तो पिछले कुछ सालों से भारत ने खुद को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया है पर फिर भी इसका खतरा बना रहता है। इसका मुख्य वज़ह भारत के आस पड़ोस के पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देश हैं जहाँ अभी भी पोलियो को खत्म नहीं कर पाया गया है।
Polio की यह बीमारी बहुत हीं शीघ्रता से फ़ैल जाती है और इस बीमारी के शीघ्रता से फैल जाने का सबसे मुख्य कारण है, पोलियो की बीमारी के बारे में लोगों के बीच जागरूकता की कमी का होना। अगर पोलियो की बीमारी के बारे में सभी के बीच जागरूकता का फैलाव हो जाये, तो ऐसा कर के हम आने वाली पीढ़ियों को पोलियो की समस्या से बचाए रख सकते हैं। पढ़ें Polio Disease in Hindi.
Polio Disease in Hindi: पोलियो क्या है, जाने इसे कैसे खत्म किया जा सकता है
जहाँ साल 1988 में पूरे विश्व के 125 देशों में पोलियो की बीमारी हुआ करती थी वहीं साल 2013 में विश्व के सिर्फ तीन देश अफगानिस्तान, नाइजीरिया तथा पाकिस्तान में ही पोलियो की बमारी के मामले देखने को मिले हैं। इन बीच के सालों में पोलियो को पूरी तरह से खत्म करने के बहुत से कार्य किये गए पर अभी भी विश्व भर में इस बीमारी के फैल सकने का खतरा बना हुआ है। अगर आने वाले कुछ सैलून में विश्व स्वास्थ्य संगठन इन तीन बचे देशों से भी पोलियो को नहीं खत्म कर सका तो ऐसा माना जा रहा है की दस साल के अन्दर अन्दर हर साल पोलियो के कम से कम दो लाख नए मामलों के सामने आ जाने की संभावना जताई जा रही है।
क्या होता है पोलियो?
- पोलियो की बीमारी को पोलियोमेलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है और यह पोलियोवायरस की वज़ह से होता है।
- पोलियो का वायरस एक संक्रामक वायरस होता है, यह वायरस किसी एक इंसान से दूसरे इंसान में फ़ैल जाता है।
- इस वायरस से संक्रमित हो जाने पर पीड़ित व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी के साथ साथ मस्तिष्क को बहुत हानि पहुँचती है।
- इस वायरस का प्रभाव बहुत बार इतना ज्यादा घातक होता है कि इससे पीड़ित व्यक्ति को लकवा तक मार जाता है।
पोलियो के दो प्रकार
पोलियो की इस बीमारी के दो प्रकार होते हैं। पहला प्रकार है नॉन-पैरालिटिक पोलियो और दोसरा प्रकार है पैरालीटिक पोलियो। आइये जानते हैं पोलियो के इन दोनों प्रकारों के बारे में विस्तार से।
- नॉन-पैरालिटिक पोलियो: इस प्रकार के पोलियो को अबोर्टिव पोलियो के नाम से भी जाना जाता है। नॉन-पैरालिटिक पोलियो के होने पर लकवा होने का जोखिम कम रहता है।
- पैरालीटिक पोलियो: पोलियो के इस प्रकार को लकवाग्रस्त पोलियो के नाम से भी जाना जाता है। आंकड़ों के मुताबिक़ 100 में से सिर्फ 1 % बच्चो के केस में हीं लकवाग्रस्त पोलियो होने की सम्भावना होती है। इस प्रकार का पोलियो कम देखने को मिलता है। इस प्रकार के पोलियो की वज़ह से मस्तिष्क तंत्र और रीढ़ की हड्डी या दोनों ही लकवे का शिकार हो सकते।
पोलियो के लक्षण: Polio Symptoms
नॉन-पैरालिटिक पोलियो के लक्षण
- पीठ में हमेशा दर्द का रहना
- पैर में हमेशा दर्द होना
- गर्दन में हमेशा दर्द होना
- माँसपेशियों में अकड़न की समस्या
- माँसपेशियों में दर्द तथा ऐंठन की समस्या
- बहुत अधिक थकान महसूस करना
- हल्का हल्का ज्वर रहना
- दस्त की समस्या होना
- उल्टी आने की समस्या होना
- चिड़चिड़ापन की समस्या
पैरालीटिक पोलियो के लक्षण
- पेट का फूल जाना
- चिड़चिड़ापन की समस्या
- मुँह में अत्याधिक लार बनने लगना
- कुछ भी निगलते समय परेशानी होना
- साँस लेने में समस्या पेश आना
- माँसपेशियों में हमेशा दर्द रहना
- गर्दन में जकड़न की समय
- पेशाब करते समय परेशानी पेश आना
- कब्ज की परेशानी रहना
- माँसपेशियों में शक्ति महसूस नहीं करना
पोलियो के कारण: What Causes Polio
- पोलियो की समस्या का संक्रमण फ़ैलाने वाला वायरस दरअसल सर्वप्रथम मल-मौखिक द्वार के जरिये फैलता है।
- यह ऐसी जगहों पर ज्यादा फ़ैल सकता है जहाँ पर बहुत ज्यादा गन्दगी रहती है। इसके वायरस प्रदूषित जल, खराब आहार और पोलियो की समस्या से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आ जाने से फैल सकता है।
- इस पोलियो के वायरस का संक्रमण इतना ज्यादा होता है कि पोलियो से संक्रमित हुए व्यक्ति के संपर्क में रहने भर से भी पोलियो की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।
- पोलियो का वायरस पोलियो से पीड़ित व्यक्ति के मल के द्वारा महीनो तक फ़ैलता रहता है।
- पोलियो के वायरस से संक्रमित इंसान के खांसने या छींकने से भी यह रोग सामने वाले व्यक्ति में फ़ैल सकता है।
- छोटे उम्र के बच्चे इस पोलियो के वायरस के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील होते है, और इनके इस वायरस के चपेट में आ जाने की संभावना ज्यादा रहती है।
- एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के कमजोर हो चुके इम्यून सिस्टम की वज़ह से भी यह बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
पोलियो से कैसे बचे: Polio Prevention
- पोलियो की चपेट में आने से बचने का एक हीं सबसे सुरक्षित उपाय है और वो है पोलियो का टीका।
- पोलियो के वायरस से बचाव के लिए का एक विशेष टीका बच्चों को लगाया जाता है, इस टीके को लगा देने के बाद पोलियो की समस्या बच्चों को नहीं हो पाती है।
- यह टीका हर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर मुफ्त में हर बच्चे को लगाया जाता है। इस टीकाकरण के हो जाने के बाद बच्चों की पोलियो के खतरे से हमेशा के लिए सुरक्षा हो जाती है।
आज के इस लेख में आपने पोलियो की समस्या के बारे में जाना। इस बीमारी के खतरनाक परिणामों को जान लेने के बाद आप इस बीमारी से अपने बच्चों की रक्षा ज़रूर करेंगे और उनका टीकाकरण ज़रुर करवाएंगे। इस टीकाकरण के बाद आपका बच्चा सारी उम्र इस पोलियो के खतरे से बचा रहेगा और ज़िदगी ख़ुशियों के साथ बीता पायेगा।