Vitamin D Benefits in Hindi: जाने की विटामिन डी के लाभकारी फायदे
विटामिन डी ह्यूमन बॉडी के लिए बहुत ही ज़रुरी विटामिन होता है। इस विटामिन को आप प्राकृतिक चीज़ो से भी पा सकते जैसे धूप, दूध, हरी सब्ज़ियाँ आदि। विटामिन डी शरीर में सीरम कैल्शियम और फास्फोरस की उचित मात्रा को बनाये रखता है और साथ ही मांसपेशियाँ, हड्डियाँ और नसो को स्वस्थ भी रखता है।
विटामिन डी हमारे शरीर में तब आसानी से बनना शुरू होता है जब हम सूरज की रौशनी के संपर्क में आते है। विटामिन डी एक ऐसा विटामिन है जो बॉडी में आंतो से कैल्शियम लेकर हड्डियों में पहुँचाता है। विटामिन डी पांच प्रकार के होते है और सभी विटामिन डी के प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होते है।
वैसे देखा जाए तो आज कल सभी की बॉडी में विटामिन डी की कमी देखने को मिलती है सभी को किसी न किसी प्रकार की समस्या रहती है जो कि विटामिन डी की कमी से उत्पन्न होती है। जबकि पुराने ज़माने के लोगो में विटामिन डी की कमी नहीं होती थी क्योंकि वे ज्यादा समय के लिए धुप में रहते थे और ताज़ी हवा का आनंद लेते थे।
इस लेख में हम आपको यही बताने जा रहे है की विटामिन डी क्यों जरूरी है इसकी कमी से क्या क्या समस्या उत्पन्न हो सकती है और साथ ही विटामिन डी के क्या फायदे होते है। पढ़े इस लेख में Vitamin D Benefits in Hindi.
Vitamin D Benefits in Hindi: जाने विटामिन डी से जुड़ी लाभकारी जानकारियां
विटामिन डी क्या होता है
- विटामिन डी एक बहुत ही महत्वपूर्ण विटामिन होता है।
- विटामिन डी एक फैट सॉल्युबल विटामिन है जिसकी हमारे बॉडी को एक सीमित मात्रा में जरूरत होती है।
- विटामिन डी, सनशाइन विटामिन के नाम से भी जाना जाता है।
- बॉडी में कोई भी एक्टिविटी और दूसरे कई प्रकार के कामों को करने के लिए विटामिन डी की सही मात्रा में जरुरत होती है।
- विशेषज्ञों ने विटामिन डी को हॉर्मोन के समान माना है क्योंकि जिस तरह बॉडी में हॉर्मोन एक सीमित मात्रा में जरूरी होते है उसी प्रकार विटामिन डी भी ज़रुरी होता है।
- विटामिन डी के भी कई प्रकार होते है जिसमे विटामिन डी 2 और विटामिन डी 3 ज्यादा जरूरी होता है।
- विटामिन डी 2 हमे कई प्रकार के आहारों से मिल जाता है और इसकी कमी हम अपने आहार के जरिये पूरी कर सकते है।
- विटामिन डी 3 एक मात्र ऐसा विटामिन है जो हमे धूप से प्राप्त होता है।
- विटामिन डी 3 त्वचा से बनता है और साथ ही यह सिर्फ त्वचा के निर्माण में सहायक होता है।
विटामिन डी की कमी होने के लक्षण
अगर बच्चोंं में विटामिन डी की कमी हो तो ये लक्षण दिखेंगे
- बच्चों की मांसपेशियों में ऐठन आने लगेगी।
- बच्चों में चिड़चिड़ापन आने लगेगा।
- बच्चे देर से खड़े होना और चलना सीखेंगे
- बच्चों की सर की खोपड़ी नरम हो जाएगी।
- बच्चों के पैर घुमावदार और कमज़ोर होंगे।
- बच्चों को साँस लेने में भी समस्या आएगी।
- बच्चे बार बार बीमार होंगे और संक्रमण से घिर जाएंगे।
बड़ों में विटामिन डी की कमी के लक्षण
- हड्डियों में हमेशा ही दर्द रहना।
- पूरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द होना।
- मांसपेशियाँ समय के पहले ही कमजोर हो जाना।
- थोड़ी ही देर में शरीर में थकान महसूस होना।
- बॉडी में ज्यादा मात्रा में पसीना आना।
- बेचैनी महसूस होना।
- जब भी सीढ़िया चढ़ना हो तो पैरो में दिक्कत होना।
- मनोबल कम होना या फिर मनोबल में कमी आना।
- बालों को सवारते समय बालो का ज्यादा झड़ना।
- दांतो का समय के पहले ही कमजोर पड़ जाना।
- कलाई और ऐड़ियो में सूजन जैसा होना मतलब उनका फूल जाना।
- सोरायसिस हो जाना।
- डायबिटीज की समस्या हो जाना
- ब्लड प्रेशर हमेशा ही हाई रहना।
- कब्ज की शिकायत रहना।
- दस्त की समस्या हो जाना।
विटामिन डी के फायदे
- विटामिन डी हड्डियों के लिए काफी ज्यादा फ़ायदेमंद होता है जिससे की आपकी हड्डियों को मजबूती मिलती है।
- विटामिन डी एक कैल्शियम सीरम को बनाने में मदद करता है इसलिए यह हड्डियों के लिए फ़ायदेमंद है।
- विटामिन की मदद से आंतो से कैल्शियम हड्डियों में जाता है।
- यह शरीर में कैल्शियम के अब्सॉर्प्शन के लिए भी बहुत जरूरी है।
- विटामिन डी अस्थमा के मरीजों के लिए भी काफी ज्यादा फ़ायदेमंद होता है।
- विटामिन डी बॉडी में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रखता है।
- विटामिन डी की वजह से दिमाग में भी फुर्ती रहती है और दिमाग की गतिविधि करने की क्षमता बढ़ती है।
- विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में अगर बॉडी में होता है तो यह मोटापा नहीं बढ़ने देता है।
- टीबी से ग्रसित लोगो के लिए भी यह काफी फ़ायदेमंद होता, इसके तत्व इसे टीबीके लक्षणों से लड़ने में मददगार होते है और टीबी की बीमारी से छुटकारा दिलाने में फ़ायदेमंद होते है।
- दिल की समस्या से भी राहत दिलाने में विटामिन डी सक्षम होता है क्योंकि इससे ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है।
- यह कैंसर की बीमारी में भी लाभदायक होता है और साथ ही इसके लक्षणों को रोकता है।
- एक शोध में यह भी पता चला है की कोई महिला अगर गर्भवती है और उसकी बॉडी में विटामिन डी की कमी है तो गर्भ में पल रहे बच्चे को साँस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो जाती है और साथ ही बच्चों की पसलियाँ भी कमजोर होती है।
- इतना ही नहीं बल्कि बच्चों के सर की खोपड़ी और पैर भी कमजोर हो जाते है।
- अगर किसी की बॉडी में विटामिन डी की कमी है तो वह किडनियों पर भी बुरा प्रभाव डालती है।
- इसलिए जरूरी है की सभी को नेचुरल तरीके से विटामिन डी मिले और इसके लिए आपको प्रतिदिन धूप की जरूरत होती है।
विटामिन डी के प्रमुख स्त्रोत
- सूरज की रौशनी शरीर के लिए बहुत ही अच्छी होती है और यह विटामिन डी के लिए एक बहुत ही अच्छा स्रोत मानी जाती है।
- सुबह 8 बजे के पहले जितना हो सके अपने शरीर को सूरज की रौशनी में रखे।
- इसके आलावा आपको अपने आहार में दूध और डेरी उत्पाद को शामिल करना चाहिए।
- मशरूम, मछली, अंडा, कॉड लिवर आयल जैसी चीज़ो का सेवन करना चाहिए जिससे की बॉडी में विटामिन डी की कमी पूरी हो जाएगी।
ऊपर दिए गए लेख में अपने जाना की आपके लिए विटामिन डी कितना जरूरी है और यह शरीर में किस तरह से काम करता है। साथ ही आपने जाना इसके फायदे क्या होता है। तो आप भी अपने शरीर में विटामिन डी की कमी न होने दे और ऊपर दिए गए स्रोतों के जरिये अपने शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करे।