Acne Kya Hota Hai: एक्ने क्या है, जाने इस समस्या की सम्पूर्ण जानकारी
आजकल के प्रतिस्पर्धा वाले जमाने में हर कोई खुद को प्रेंजेंटेबल बनाये रखना चाहता है। फर्स्ट इम्प्रेशन इज लास्ट इम्प्रेशन के तहत हर कोई किसी के साथ पहली हीं मुलाकात में अपनी अच्छी छवि पेश करना चाहता है।
ऐसा कर पाने के लिए वो हमेशा प्रेंजेंटेबल और आकर्षक दिखना चाहता है। पर आजकल के प्रदूषण और अनियमित जीवनशैली के कारण हमेशा प्रेंजेंटेबल और आकर्षक दिखना संभव नहीं हो पाता है।
इन सब में जो सबसे ज्यादा समस्या पैदा करता है वो होता है चेहरे पर होने वाले एक्ने की समस्या। Acne को बोलचाल की भाषा में हम मुहांसे भी कहते हैं। मुंहासे हमारे चेहरे की रंगत बिगाड़ कर रख देते हैं।
आज के इस लेख में हम इसी एक्ने की समस्या के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे, साथ हिन् ये जानेंगे की यह समस्या क्यूँ होती है। आइये जानते हैं आखिर Acne Kya Hota Hai?
Acne Kya Hota Hai: एक्ने क्या है, कैसे होता है, इसके लक्षण, कारण, चिकित्सा और बचाव
एक्ने क्या है और ये क्यों होता है?
- एक्ने को दरअसल चिकित्सकीय ज़ुबान में में एक्ने वल्गारिस अर्थात Acne Vulgaris के नाम से जाना जाता है। यह स्किन की एक सामान्य समस्या है जो असल में बालों के फॉलिकल्स के सबसे निचले भाग की तैलीय ग्रंथियों से जुड़ी होती है। यह परेशानी सामन्य तौर पर टीनेज अर्थात किशोरावस्था में ज्यादा होती है, क्योंकि टीनेज में स्किन के तैलीय ग्रंथियों में जान आ जाती है।
- ये तैलीय ग्रंथियां पुरुष एवं महिलाओं दोनों हीं की एड्रेनल ग्रंथियों के द्वारा निर्मित पुरुष हॉर्मोन्स द्वारा अफेक्ट होते हैं।
- ह्यूमन बॉडी में छोटे छोटे रोमछिद्र होते हैं जो स्किन के नीचले हिस्से में अवस्थित तैलीय ग्रंथियों से फॉलिकल्स की सहायता से जुड़े हुए रहते हैं।
- इन्हीं तैलीय ग्रंथियों से सीबम नाम का एक ऑयली लिक्विड निकलता है, जिसके कारण से डेड सेल्स स्किन के ऊपरी हिस्से पर आ जाती हैं और इन फॉलिकल्स पर छोटे छते रोम (बाल) उगते हैं।
- ये तैलीय ग्लैंड्स ज्यादातर चेहरे, पीठ, छाती तथा कंधों पर होते हैं। अगर ये अधिक एक्टिव हो जाते हैं तो रोमछिद्र खुदबखुद चिपचिपे होकर ब्लॉक हो जाते हैं तथा उनमें बैक्टीरिया पनप कर एक्ने की वज़ह बन जाता है।
- मुहांसे दरअसल एक स्किन डिजीज होते हैं जो की बालों की जड़ों में तेल की ग्रंथियों के कारण से होता हैं।
- अधिकतर यह देखा गया है की यह लाल रंग के दानों की तरह नजर आता हैं। यह टीनएज अवस्था में होना एक सामान्य बात होती है।
- इसके अलावा जब बॉडी में आवश्यकता से अधिक विषैले तत्व आ जाते हैं तो वे भी एक्ने के होने की वज़ह बन जाते हैं।
एक्ने के प्रकार
जैसा की ऊपर हमने बताया की मुहांसे अधिकतर चेहरे, छाती तथा पीठ पर निकलते हैं और इसके कई प्रकार भी होते हैं मुहांसे कई प्रकार के होते हैं। आइये जानते हैं इनके कुछ प्रकार के बारे में।
- सादे मुहांसे: ऐसे मुंहासे सामान्यतः काले तथा सफ़ेद रंग के होते हैं। इनकी आक्रति काले सफ़ेद तिल की तरह होती है। ऐसे मुंहासे तैलीय ग्रंथियों के बंद हो जाने के बाद अक्सर त्वचा पर देखने को मिल जाते हैं।
- मध्यम मुहांसे: ऐसे मुंहासे अक्सर समूम में होते है और एक साथ 10-40 मुहांसों का समूह निकल जाने से और फिर उनक्र अन्दर मवाद जम जाता है। ऐसे मुंहासे माध्यम मुंहासे के नाम से जाने जाते हैं।
- कठोर मुहांसे: ऐसे मुहांसे बहुत ज्यादा ही कठोर होते हैं साथ हीं इनके अन्दर मवाद भी भरा रहता है। इसके बाद इस मुंहासे के चारों तरफ एक सीस्ट का निर्माण हो जाता है। ये सिस्ट स्किन के बहुत ज्यादा अंदर तक चलें जातें हैं और इस प्रकार के मुंहासे का शीघ्र उपचार करवाना जरुरी हो जाता है।
एक्ने के उपचार
ऐसे तो कहा जाता है की एक्ने की समस्या का पूरी तरह से कोई उपचार संभव हैं हीं नहीं पर इसका उपचार ना हो तो इसका इन्फेक्शन और सूजन बढ़ जाएगा और निशाँ भी पड़ सकते हैं। इन सब से बचने के लिए इसके विभिन्न उपचार इस प्रकार हैं।
- सामायिक इलाज: मुंहासे होने पर इसके लिए सामायिक इलाज करवाए जा सकते हैं इसके अंतर्गत आपकी संक्रमित त्वचा के ऊपर कुछ दवाइयों का उपयोग किया जाता हैं। इन दवाइयों में क्रीम, जेल तथा क्लेंसेर्स का आम तौर पर इस्तेमाल किया जाता है जो मार्केट में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
- एंटीबायोटिक्स से इलाज: एंटीबायोटिक्स के बारे में तो आपने सुन हिन् रखा होगा, यह दवाइयाँ सामान्यतः बैक्टीरिया के इन्फेक्शन को ख़त्म कर देती हैं। मुहासे से छुटकारा पाने के लिए आप इन एंटीबायोटिक्स के साथ साथ तवचा पर तेल तथा लगाने वाली दवाई का भी उपयोग कर सकते हैं।
- एसिड से इलाज: इसके अंतर्गत मुंहासों पर चिरायता एसिड अप्लाय किया जाता है जिससे मुंहासे में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाता हैं। इस इलाज को किसी जानकार की मौजूदगी में हीं करें।
- हार्मोन नियंत्रण: हार्मोन में होने वाले असुंतलन से भी त्वचा का तेल सूखने लगता है और मुंहासे हो जाते हैं। इसके लिए हारमोंस को नियंत्रित रखने के लिए भी कार्य किया जाता है।
- रेटिनोइड्स उपचार: ये उपचार बहुत गंभीर मुहांसे हो जाने पर इस्तेमाल किये जाते हैं। इस इलाज में भी क्रीम तथा तेल का भी इस्तेमाल किया जाता हैं। इस इलाज को गर्भावस्था के दौरान करवाने की सलाह नहीं दी जाती है।
- स्टेरॉयड के सेवन से: ऐसे इलाज के माध्यम से मुंहासे में हो जाने वाले सुजन को कम किया जाता हैं। इस दौरान सुई के माध्यम से दवाएं शरीर में लिए जाते हैं।
- सर्जरी उपचार: मुंहासे की समस्या में इस तरह के उपचार को बहुत कम इस्तेमाल में लाया जाता है। अधिकतर इस तरह का इलाज स्किन पर मुहांसों के छोड़े हुए मार्क्स को हटाने के लिए हीं लोग इस्तेमाल करते हैं।
आज के इस लेख में हमने मुंहासे अर्थात एक्ने की समस्या के बारे में बहुत साड़ी जानकारियाँ हासिल की। अगर आप या आपके परिवार में कोई इस समस्या से परेशान हो तो ये लेख आपकी बहुत ज़्यादा मदद करेगा।