Baby Growth in Pregnancy: कैसे होता है नौ महीनो तक बच्चे का विकास?

गर्भवास्था एक ऐसी अवस्था होती है जो की हर महिला के लिए एक सुखद अनुभव है। गर्भवती महिला को अपना और अपने होने वाले बच्चे दोनों का ख्याल रखना आवश्यक होता है।

गर्भवती महिला को कई सावधानियों को बरतने की जरुरत होती है और साथ ही खाने में उचित पोषक आहार के होने का भी ख्याल रखना पड़ता है ताकि माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहे।

जैसे जैसे गर्भवस्था के दिन बढ़ते जाते वैसे वैसे महिला को कई तरह के परिवर्तन महसूस होते हैं। ये प्रत्येक हर महीने होते हैं, जिनसे पता चलता है की महिला और बच्चा कितना स्वस्थ है। और बच्चे की ग्रोथ सही ढंग से हो पा रही है या नहीं।

हर महीने में बच्चे की ग्रोथ कैसे होती है इसके बारे में जानकारी रखना भी आवश्यक होता है। इसके लिए जानते है Baby Growth in Pregnancy के बारे में।

Baby Growth in Pregnancy: जानिए हर महीने बच्चे के विकास की प्रक्रिया

पहला महीना

  • गर्भावस्था के पहले महीने में महिला को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे की मॉर्निंग सिकनेस, मितली की समस्या आदि।
  • साथ ही कुछ चीजों का भी ख्याल रखना पड़ता है जैसे की भारी चीजें न उठाना, धचके लगने से बचना आदि।
  • गर्भावस्था के पहले महीने में बच्चे का मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, सिर और दिल अपना आकार लेने लगते हैं।

दूसरा महीना

  • दूसरे महीने में बच्चे के कई अंग विकसित होने लगते है जैसे की हड्डियाँ, मांसपेशियाँ, हाथ और पैर।
  • साथ ही इस महीने में बच्चे का चेहरा भी विकसित होने लगता है और श्वसनतंत्र, मूत्र प्रणाली व् पाचनतंत्र भी आकार लेने लगते हैं।
  • इस महीने में बच्चे के चेहरे और कानों का भी विकास होना शुरू हो जाता है।
  • इस महीने में ही भ्रूण का हिलना शुरू हो जाता है परन्तु गर्भवती महिला को इसका एहसास नहीं हो पाता है।
  • दूसरे महीने में बच्चे का वजन लगभग 9.45 ग्राम और बच्चा 2.54 ग्राम लंबा होता है। पलकें बनने लगती हैं परन्तु पलकें कई दिनों तक खुलती नहीं हैं।

तीसरा महीना

  • तीसरे महीने में बच्चे में और विकास हो जाता है।
  • इस दौरान हाथों की उँगलियों और पैर की उँगलियों में भी वृद्धि होने लगती है।
  • बच्चे में त्वचा भी आने लगती हैं साथ ही भ्रूण का चेहरा सही से बनने लगता है।
  • सिर का आकर गोल शेप में होने लगता है। कान का आंतरिक भाग भी ठीक से विकसित हो जाता है और बाहरी कान विशिष्ट आकार लेता है।
  • इस महीने में बच्चा अपनी मुट्ठी को खोल और बंद कर पाता है। पैर के नाख़ून बन जाते हैं।
  • दाँत का बनना भी शुरू हो जाता है और प्रजनन अंग भी बनना शुरू हो जातें हैं।
  • बच्चे का परिसंचरण और मूत्र तंत्र कार्य करने लगते हैं।
  • इस महीने में बच्चे के दिल की धड़कन भी आने लगती है लेकिन इसे सुना नहीं जा सकता, इसे अल्ट्रासाउंड में ही सुना जा सकता है।

चौथा महीना

  • चौथे महीने में आप अपने बच्चे को अल्ट्रासाउंड के जरिये देख सकते हैं।
  • चौथे महीने में बालों और नाखूनों की गति तेजी से बढ़ती है, और बच्चे का विकास भी तेजी से होता है।
  • शरीर के आकार के अनुपात में बच्चे का सिर बढ़ने लगता है।
  • सभी अंग अच्छे से बनने लगते हैं साथ ही उनके जोड़ों में सख़्ती आना शुरू हो जाती है।
  • इस महीने में बच्चा अंगूठा चूसने लगता है, साथ ही वह अंगड़ाई और जम्हाई लेने में भी समर्थ हो जाता है।
  • बच्चे का वजन 112 ग्राम का हो जाता है।

पांचवा महीना

  • इस महीने के दौरान बच्चे के वजन में वृद्धि होने लगती है और शरीर के अंगों में बदलाव होने लगता हैं।
  • बच्चे के सिर और बाल की लम्बाई तेजी से बढ़ने लगती है, अल्ट्रासाउंड के जरिये हाथ और पैरों के निशान को देखा जा सकता है।
  • बच्चे के अंगों पर बाल का भी विकास होने लगता है।
  • पांचवें महीने से आप अपने बच्चे की हलचलों को महसूस कर सकती हैं।
  • इस महीने के दौरान बच्चे का वजन लगभग 500 ग्राम का हो जाता है।

छटा महीना

  • यह महीना ऐसा होता है जब आपका बच्चा आपकी आवाज़ सुन सकता है।
  • बच्चे का दिल पहले से ज्यादा धड़कने लगता है।
  • इस महीने से आप अपने बच्चे के किक को भी अच्छे से महसूस कर सकती हैं।
  • छठे महीने में बच्चे का वजन करीब एक किलो का हो जाता है।
  • त्वचा का रंग लाल हो जाता है, और पलकें आँखों से अलग हो जाती हैं।
  • बच्चा आंखे खोलने लगता है।

सांतवा महीना

  • सातवें महीने में बच्चा पूरी तरह विकसित हो जाता है।
  • बच्चा अपनी आँखें अच्छे से खोले और बंद करने लगता है।
  • बच्चे के शरीर में वसा उपस्थित होने लगता है।
  • सातवें महीने में बच्चा करवटे लेना शुरू कर देता है।
  • उसका वजन 1 से 2 किलो तक का हो जाता है।
  • सुनाने की क्षमता और अधिक विकसित हो जाती है।

आठवां महीना

  • इस महीने में बच्चे के मस्तिष्क का विकास तेजी से होने लगता है।
  • बच्चा देखने और सुनने में समर्थ हो जाता है।
  • इस महीने में बच्चा पहले से अधिक लात मारने लगता है।
  • बच्चे का वजन 2.27 किलो के लगभग हो जाता है, साथ ही बच्चे की लम्बाई 18 इंच तक हो जाती है।

नौवां और अंतिम महीना

  • नौवें महीने तक बच्चे का पूर्ण रूप से विकास हो जाता है, साथ ही उसके वजन में भी वृद्धि बहुत तेजी से होती है।
  • नौवें महीने तक फेफड़ों का भी विकास हो चूका होता है।
  • नौवें महीने में बच्चा जन्म लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है ।
  • जन्म के दौरान बच्चे का वजन 3.2 किलो का होना चाहिए और बच्चे की लम्बाई 18 से 20 इंच तक।

आपको चाहिए की समय समय पर डॉक्टर को ज़रूर दिखाए और प्रेगनेंसी डाइट को लेना न भूलें, ताकि माँ और बच्चा दोनों संपूर्ण रूप से स्वस्थ्य रह सके।