Bhagandar Ka Ilaj: गुदा मार्ग में फुंसिया बन सकती है भगन्दर की समस्या का कारण

कई बीमारियाँ ऐसी होती हैं जिससे लोग पीड़ित तो होते है लेकिन उन्हें उस बीमारी के बारे में सही से पता नहीं होता है। ऐसी ही एक बीमारी होती है भगन्दर। इसके बारे में बहुत ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं होती है।

भगन्दर बीमारी के बारे में बहुत ही कम लोगो को पता होगा। यदि आपके साथ ही ऐसा है तो आप हमारी आज की इस आर्टिकल के माध्यम से इसके बारे में जानकारी हासिल कर सकते है।  

यह रोग दरअसल बहुत ही पीड़ादायक होता है। इसे अंग्रेजी भाषा में फिस्टुला (Fistula) के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी गुदा मार्ग में होती है जिसके कारण बहुत ज्यादा तकलीफ होने लग जाती है।  

इस बीमारी में रोगी को चलने, उठने और मल त्याग करने में परेशानी होती है। आईये इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करते है। इसके लिए पढ़िए Bhagandar Ka Ilaj के बारे में।

Bhagandar Ka Ilaj:  जाने भगन्दर की समस्या के कारण, लक्षण और बचाव के घरेलु उपचार

क्या है भगन्दर: Bhagandar Disease

  • भगन्दर गुदा मार्ग में होने वाला रोग है। शुरुआत में इस बीमारी में गुदा वाली जगह में छोटी छोटी फुंसिया होने लगती है।
  • यदि आप इन फुंसियों को बार बार छूते हैं तो उससे आपको दर्द होता है साथ ही बैठने में भी पीड़ा का अहसास होता है। धीरे धीरे यह बीमारी बढ़ती है और उन फुंसियों में से पानी जैसा मवाद निकलने लगता है और उसके बाद वह फुंसियां फूट जाती है।
  • यह बीमारी के बढ़ने से रोगी को बैठने में तकलीफ होने लगती है साथ ही इससे लेटने में भी परेशानी आती है।
  • यदि इस बीमारी का समय पर उपचार नहीं होता है तो उससे रोगी को पेट के बल और पीठ के बल लेटने में कठिनाई आती है।

भगन्दर होने के लक्षण

भगन्दर होने पर रोगी को कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते है जैसे

  • मवाद का आना
  • गुदा द्वार के पास फुंसी का होना
  • मल त्याग करने में परेशानी
  • इन्फेक्शन होने से बुखार और ठंड का लगना
  • गुदा द्वार से रक्त का स्राव होना
  • मल द्वार के समीप दर्द होना
  • मल द्वार के पास जलन का अनुभव होना
  • मल द्वार के पास सूजन का होना
  • थकान का अनुभव होना

उपरोक्त लक्षणों के होने से भगन्दर की समस्या हो सकती है।

भगन्दर या फिश्टुला का कारण

  • यदि किसी व्यक्ति को लम्बे समय तक कब्ज है तो भी इस तरह की समस्या हो सकती है।
  • यह समस्या तब भी उत्पन्न हो सकती है जब गुदा मार्ग की साफ सफाई ठीक तरीके से नहीं होती है।
  • अगर गुदा मार्ग गंदा रहेगा तो यह रोग आसानी से फ़ैल सकता है क्योंकि गुदा मार्ग की ठीक तरीके से सफाई नहीं होने पर उसमे बैक्टीरिया का जन्म होने लगता है और भगन्दर या फिश्टुला जैसी बीमारी हो जाती है।
  • कभी कभी व्यक्ति के द्वारा गुदा मार्ग की त्वचा पर अत्यधिक खुजली कर देने से भी यह रोग हो सकता है।
  • कभी कभी तो गुदा मार्ग में चोट लग जाने की वजह से भी यह समस्या उत्पन्न हो जाती है।

भगन्दर का इलाज: Bhagandar Treatment

भगन्दर को आप घरेलू उपचार की मदद से भी ठीक कर सकते है।

काली मिर्च का उपयोग

  • काली मिर्च का इस्तेमाल करके आप इस समस्या को दूर कर सकते है। इसके उपयोग के लिए काली मिर्च के 10 दानो को ले लें और उसमे पांच ग्राम कत्थे को भी मिला ले। फिर इस मिश्रण को अच्छी तरह से पीस ले।
  • इसका जो लेप तैयार होगा उसे आप प्रभावित स्थान पर लगाए। ऐसा करने से आपको जल्दी फायदा मिलेगा और आप दर्द से राहत पा सकेंगे।

नीम की पत्तियों द्वारा उपचार

  • नीम की पत्तियां भी भगन्दर के लिए बहुत ही लाभकारी होती है।
  • आप इसका उपयोग भी आसानी से कर सकते है। इस का उपयोग करने के लिए नीम की कुछ पत्तियों को ले लें और उसमे घी को मिला ले।
  • साथ ही 5 ग्राम तिल को मिला कर इस मिश्रण को अच्छी तरह से पीस ले। इसके बाद इस मिश्रण में 20 ग्राम जौ का आटा भी मिला दे।
  • इतना करने के बाद इसमें थोड़ा सा पानी मिला कर लेप तैयार कर ले। पानी को आपको उतना ही मिलाना है जितने में आपका लेप बनकर तैयार हो जाए।
  • यह लेप भगन्दर की समस्या में बहुत राहत प्रदान करता है।

अरंडी की जड़ों का उपयोग

  • अरंडी भी इस बीमारी के दर्द को दूर करने में लाभकारी होती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए अरंडी की जड़ों को ले लें साथ ही इसमें मुलेठी और तिल को भी मिला दे।
  • इस मिश्रण को कच्चे दूध में मिला कर पीस ले। इस लेप को प्रभावित स्थान पर लगाने से बहुत ही जल्दी राहत मिलती है और इसके इस्तेमाल से दर्द भी दूर हो जाता है।

केले का उपयोग

  • आप भगन्दर के उपचार के लिए केले का उपयोग भी कर सकते है। यह भी इस बीमारी को दूर करने के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है।
  • इस का उपयोग करने के लिए एक पका हुआ केला ले लें और उसमे बीच से एक चीरा लगा दे फिर इस चीरे के बीचो बीच थोड़ा सा कपूर रख दे। इसके बाद इस केले को खा ले।
  • आपको इसका सेवन करते समय इस बात का भी ख्याल रखना है की इस केले को खाने से एक घंटे पहले और बाद में कुछ और नहीं खाना है।

आंवलों का रस भी है लाभकारी

  • आंवलों के रस का उपयोग कर के भी आप इस समस्या से मुक्ति पा सकते है।
  • इसका इस्तेमाल करने के लिए आंवलों का रस ले लें और उसमे दंती की जड़ और थोड़ी सी मात्रा में हल्दी को भी मिला दे।
  • फिर इन सबको बहुत ही महीन पीस ले। इसके बाद इस लेप को प्रभावित स्थान पर लगाए।
  • इसका उपयोग करने से भी भगन्दर की समस्या जल्दी ठीक हो जाती है और आपको राहत मिल जाती है।

उपरोक्त उपायों द्वारा आप  Fistula ka Ilaj आसानी से कर सकते है। लेकिन यदि आपको उपरोक्त उपायों के इस्तेमाल के बाद भी राहत नहीं मिल रही है तो आपको इसके लिए बिना देर किये हुए इस समस्या को अपने डॉक्टर को बताना चाहिए ताकि वह इसका दवाओं द्वारा इलाज कर सके और आपको इस बीमारी से मुक्त करा सकेंगे। साथ ही यदि आपको उपरोक्त लक्षण नजर आते है तो उन्हें अनदेखा ना करे और उनका जल्दी ही उपचार करवाए क्योंकि इस बीमारी के बढ़ने से आपको परेशानी बढ़ सकती है।