Hanumanasana: हनुमानासन के नियमित अभ्यास से अपने शरीर को दें आकर्षक आकार
हर कोई आज फिटनेस के प्रति जागरूक होने लगा है। ढीला ढाला डील डौल अब पुराने जमाने की बात हो गई है क्योंकि हर कोई अपने आप को दूसरों से ज्यादा बेहतर दिखाना चाहते हैं और अपने आप को आकर्षक बनाना चाहते हैं। इस कारण हीं आज कई सारे फिटनेस सेंटर्स हर शहर हैं और उसमे लोगों की भीड़ लगी रहती है। सुबह सुबह जॉगर्स पार्क में भी बहुत सारे लोग वाक या रनिंग कर के अपने शरीर का एक्स्ट्रा फैट घटाने की कोशिश में लगे मिल जाते हैं।
ख़ास कर के महिलाएं भी आज अपने को फिट रखने के लिए बहुत सारी एक्टिविटीज करते रहते हैं। जिम में पसीना बहाने के अलावा एरोबिक्स, स्विमिंग, साइक्लिंग और योग का सहारा भी महिलायें आजकल बहुत ज्यादा लेने लग गई हैं। महिलाएं ना सिर्फ अपना वज़न घटना चाहती हैं बल्कि वे अपने फिगर को भी आकर्षक बनाना चाहती हैं और इसमें उनकी मदद करता है Hanuman Yoga Pose.
यह आसन दरअसल एक मध्यम अवस्था का योग आसन माना जाता है। नाम से हीं पता चल रहा है की है यह आसन भगवान् हनुमान जी से जुड़ा हुआ है। कथाओं के अनुसार जब भगवान हनुमान समुद्र तट से रावण की नगरी श्रीलंका छलांग लगा कर जा रहे थे तो उसी छलांग पर इस योग आसन की उत्पत्ति हुई अथवा ऐसा भी कह सकते हैं की उसी छलांग पर यह आसान आधारित है।
इस योग आसन को करते समय योग करने वाले साधक अपने शरीर की मुद्रा एक बन्दर के जैसी कर देते है जिसमे वो अपने पांव से छलांग लगाने की कोशिश करता हुआ नजर आता है। इस कारण से इस आसन को Monkey Pose के नाम से भी जाना जाता है। यह आसान विशेषकर कूल्हों की सभी मासपेशियो के लिए अत्यंत फायदेमंद है। इसके अलावा यह आसन जाँघों तथा पैरों को भी लचीला बनाने में मदद करता है। साथ हीं इससे कमर व कूल्हे से सम्बंधित समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। आइये आज के लेख में पढ़ते हैं इसी Hanumanasana के बारे में विस्तार से।
Hanumanasana: जाने हनुमानासन करने की विधि और इसके फायदे
महिलाओं को ऐसी कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिन परेशानियों का उपचार किसी प्रकार की दवा आदि से नहीं किया जा सकता है। इसीलिए महिलाओं को इन परेशानियों से निजात पाने के लिए योग का सहारा लेना अच्छा माना जाता है क्योंकि इन समस्याओं को योग के माध्यम से ठीक कर सकते हैं। हनुमानासन भी महिलाओं को कई सारी परेशानियों से दूर करते हुए उन्हें आकर्षक शरीर पाने में मदद करता है। आइये जानते हैं इस Monkey Pose Yoga के बारे में।
हनुमान आसन ख़ासकर के कूल्हे के हिस्से की मांसपेशियों को खोलने में मदद करता है और पेट तथा जाँघों के जोड़ और घुटने के पृष्ठ भाग की मांसपेशियों में सुखद खिचाव लाता है। इस आसन का अभ्यास करने से पहले अपने कूल्हे को खोलने के लिए कुछ वार्मअप वर्कआउट जरूर करें। आइये जानते है इस आसान को करने की विधि।
हनुमान आसन की विधि
- इस आसान के अभ्यास के लिए सबसे पहले घुटनो के बल पर खड़े हो जाएँ और दोनों घुटनो के मध्य थोड़ा अंतर बना लें।
- अब अपने दाहिने पांव के पंजे को आगे की तरफ बढ़ाते हुए ऐसे रखें आपकी एड़ी फर्श को टच करती रहे और पांव की उँगलियाँ ऊपर आसमान की तरफ रहे।
- अब अपने साँसों को धीरे धीरे बहार छोड़ते हुए अपने बॉडी के अपर पार्ट आगे की तरफ झुकाये और हाथों की उँगलियों को फर्श से टच करवाएं।
- अब धीमे धीमे अपने बांये पैर के घुटने पीछे की तरफ लाते हुए पंजे को कुछ ऐसे रखें की तलवे आसमान की तरफ हों और साथ हीं अपने दाएं पांव को आगे की तरफ बढ़ाते हुए पूरा फर्श पर रख दें।
- अब बाएं पांव को पीछे की तरफ एवं दाएं पांव को आगे की तरफ मूव करते हुए अपने दोनों पांवों को स्प्लिट पूरी तरह से खोल दें।
- इस दौरान दाएं पांव की उँगलियाँ आसमान की तरफ एवं बांये पांव की उँगलियाँ फर्श से टच करती रहे। हाँ तलवा आसमान की तरफ होना चाहिए।
- अब अपने हाथों को उठाये और हथेलियों को जोड़ते हुए दोनों बाजुओं को ऊपर आसमान की तरफ खींचते हुए अपने पीठ को हल्का पीछे की तरफ झुकाये।
- इस मुद्रा में कुछ समय तक बने रहें और फिर धीरे धीरे अपनी बाजुओं को फिर से नीचे की तरफ लेकर आ जाएँ।
- इस आसन के अभ्यास से बाहर आते समय अपने बॉडी का वेट अपने हाथो को फर्श पर टिका कर हाथो पर ले लें।
- अब धीमे धीमे अपने दाएं तथा बाएं पंजो को प्रारंभिक अवस्था में लेकर आ जाएँ और फिर एक बार बांये पांव को सामने की तरफ एवं दाएं पांव को पीछे की तरफ करते हुए इस आसन की मुद्राओं को दोहराये।
हनुमान आसन के फायदे: Hanumanasana Benefits
- हनुमान आसन के नियमित अभ्यास से जांघ, उरुसंधि तथा घुटनों के पिछले हिस्से की मांसपेशीयों में सुखद तनाव आता है और इससे उन्हें मजबूती मिलती है।
- इस आसन के अभ्यास से पेट के निचले भाग में भी उद्दीपन होता है और वहां के बाकी अंगो के काम में सुधार आता है इसके अलावा इससे कूल्हे की मांसपेशियां भी लचीली हो जाती हैं।
- इसके अभ्यास से नाभि के निचले भाग की हड्डियाँ लचीली बनती हैं।
- यह साइटिका की समस्या में होने वाले दर्द या फिर नर्वस सिस्टम के दर्द को समाप्त कर देता है।
- इसके नियमित अभ्यास से महिलाओं की कमर पतली हो जाती है और मांसपेशियाँ शक्तिशाली होती है।
- स्त्रियों की सारी बीमारियां जैसे मासिक धर्म सम्बन्धी व रक्त स्त्राव आदि भी इस आसान की मदद से दूर हो।
सावधानियां
- उरुसंधि तथा घुटने के पिछले हिस्से के मसल्स में अगर किसी प्र्रकार की चोट लगी हो तो इस आसन के अभ्यास से बचना चाहिए।
- इस आसान के दौरान दोनों पांवों के पूरी तरह ओपन हो जाने के अभ्यास के समय धैर्य रखनी चाहिए, और इस दौरान किसी प्रकार की ज़बरदस्ती नहीं करनी चाहिए, इससे बॉडी को प्रॉब्लम हो सकती है।
- यह एक प्रकार की मध्यम श्रेणी का योग आसन है, नियमित तौर पर योग का अभ्यास करने वाले भी इस आसान के अभ्यास में पूरी तरह पांवों को नहीं खोल पाते हैं इसलिए आप अपने घुटनों तथा एड़ियों के नीचे एक कम्बल रख कर भी यह आसान कर सकते हैं, ऐसा करने से दर्द तथा परेशानी कम हो जाएगी।
आज के लेख में आपने हनुमानासन के बारे में पढ़ा यह आसान शरीर के निचले हिस्से का एक अच्छा व्यायाम माना जाता है। इसके अभ्यास से महिलाएं एक अच्छा फिगर प्राप्त कर सकती है।