Mom and Baby Yoga: माँ और बच्चे के लिए उपयोगी योगासन

माँ बनना हर महिला के लिए दुनिया का सबसे बेहतरीन अनुभव होता है। इस पूरी प्रक्रिया में 9 महीने तक अपनी गर्भ में बच्चे को संभाल कर रखना। गर्भ में अपने बच्चे के हरकतों को महसूस करना और आखिर में असहनीय दर्द के बाद अपने नवजात बच्चे को अपने बगल में देखना दुनिया के किसी भी अनुभव से अनोखा अनुभव होता है।

जिस तरह से गर्भवती महिला का ख्याल गर्भावस्था के दौरान रखा जाता है उसी तरह बच्चे के जन्म के बाद भी उनका और उनके बच्चे का ख्याल रखने की जरुरत पड़ती है।

नवजात बच्चे के जन्म के बाद महिला के शरीर में बदलाव आते हैं जिस पर अगर ध्यान ना रखा जाए तो महिला को मोटापे जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। माँ के साथ साथ अगर बच्चे का भी ख्याल ना रखा जाए तो उसकी हड्डियाँ मजबूत नहीं हो पाती है और साथ हीं उसकी ग्रोथ भी अच्छे से नहीं हो पाती है।

हम बच्चे के जन्म के बाद बच्चे और माँ की देखभाल के लिए योग का सहारा ले सकते हैं। योग के ना तो किसी तरह के नुक्सान होते हैं और ना हीं कोई साइड इफेक्ट होते हैं। आज इस लेख में जानते हैं Mom and Baby Yoga.

Mom and Baby Yoga: इन योगासनों से स्वस्थ्य रहें माँ और बच्चे

इस लेख में आप जानेंगे माँ और बच्चे को सेहतमंद बनाये रखने के लिए उपयोगी योगासनों के बारे में। जानते कुछ उपयोगी आसनों के बारे में विस्तार से।

माँ के लिए उपयोगी योग (Mom Yoga)

ये सवाल बहुत लोग पूछते हैं की बच्चे के जन्म के पश्चात कितने दिनों के बाद माँ को योग के आसनों का अभ्यास शुरू कर देना चाहिए? तो इसका जवाब आपके प्रसव के तरीके पर निर्भर करता है।

  • योग करने के लिए महिला के शरीर का पूरी तरह से स्वस्थ्य रहना आवश्यक होता है।
  • अगर प्रसव सामान्य हुआ हो तो 6 हफ्ते के बाद आसनों का अभ्यास किया जा सकता है।
  • अगर आपका प्रसव सर्जरी के माध्यम से हुआ है तब आपको ज्यादा समय रिकवर करने में लगता है। ऐसे में आपको अपने चिकित्सक से राय ले कर हीं योग अभ्यास की शुरुआत करनी चाहिए।
  • प्रसव के बाद योग करते समय महिला को अपने शरीर की क्षमताओं का ख्याल रखते हुए हीं योग का अभ्यास करना चाहिए।
  • इस दौरान आपको योग करते समय ज्यादा जोर लगाने की जरुरत नहीं होती है।
  • प्रसव के बाद योग सिर्फ इस उद्देश्य से किया जाता है की आपका शरीर विश्राम और आराम का नियमित रूप से अभ्यास कर सके।

प्राणायाम से करें शुरुआत

  • प्राणायाम के माध्यम से शरीर के साथ साथ मन भी स्वस्थ्य होता है।
  • इसे करने में माँ को ज्यादा जोर भी लगाने की जरुरत नहीं पड़ती है।
  • अनुलोम विलोम प्राणायाम से इसकी शुरुआत करें। इसमें भी शुरुआत में एक लय में सांस लेने का प्रयास करें।
  • इस प्राणायाम को करते समय जब आप गहरी साँसे ले पाने में सक्षम हो जाएंगी तब आपकी ज्यादातर परेशानियां दूर हो जाएंगी।

सेतुबंधासन

  • प्रसव पश्चात इस योग का अभ्यास कर के महिलाएं अपनी पीठ दर्द की समस्या को दूर कर सकती हैं।
  • इस आसान के अभ्यास से तनाव और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।
  • इसके नियमित अभ्यास से मन को शांति मिलती है साथ हीं इससे अवसाद की समस्या से भी निजात मिल जाती है।
  • इस आसान से सिर में होने वाले असाध्य दर्द की परेशानी से भी छुटकारा मिल जाता है।
  • ये नई नई बनी माँ के लिए बहुत उपयोगी आसान है।

भुजंगासन

  • भुजंगासन को अंग्रेजी में कोबरा पोज के नाम से भी जाना जाता है।
  • ये योग Mom Yoga की सूची में एक बहुत हीं उपयोगी योगासन माना जाता है।
  • इसके नियमित अभ्यास से कमर में होने वाले दर्द से निजात मिल जाती है।
  • नव माताओं के लिए यह आसान भी बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है।

गोमुखासन

  • गोमुखासन के माध्यम से नई माताओं को होने वाले कंधे तथा गर्दन के दर्द से राहत मिल जाती है।
  • माँ को अपने बच्चे को खिलाते या सुलाते समय कई घंटों तक एक हीं अवस्था में रहना पड़ता है जिससे गर्दन और कन्धों में दर्द हो जाता है। इन दर्द से गोमुखासन निजात दिलाता है।

विपरीत करनी मुद्रासन

  • नई बनी माँ को अक्सर बच्चों के कारण देर रात तक उठना पड़ता है और उनका रूटीन बिगड़ जाता है। इस कारण से माँ को थकान की समस्या हो जाती है।
  • थकान की समस्या से राहत के लिए विपरीत करनी मुद्रासन का अभ्यास बहुत उपयोगी होता है।

बच्चे के लिए उपयोगी योग (Baby Yoga)

जैसे माँ को प्रसव के बाद योग की जरुरत पड़ती है वैसे हीं बच्चों को भी योग की जरुरत पड़ती है जिससे उनके नाजुक शरीर में शक्ति का संचार होता है। आइये जानते हैं बच्चों के कुछ योग।

  • अगर आपका शिशु तकरीबन 1 माह से 4 माह के बीच का है तो ऐसे वक़्त में बच्चा अपने शरीर को ज्यादा अच्छे से समझ नहीं पाता है।
  • ऐसे समय में वो आपके शरीर की हरकतों को देख कर भी समझ नहीं पता है किस से तरह से उसे अपने शरीर को हिलाना है।
  • इसलिए उसे शुरूआती समय में हल्के स्ट्रेच हीं देने चाहिए।

शिशु को मॉर्निंग स्ट्रेच दें

  • अपने नवजात शिशु को उसकी पीठ के बल पर सुला दें।
  • इसके पश्चात उसकी बाहों को खोलने का प्रयास करे।
  • साथ ही कोशिश करें की उसके पैर को अपनी तरफ फैला दें।
  • कुछ देर इस अभ्यास को दोहरा कर फिर इसे रोक दें।

वाईन्ड रिलीविंग पोज़

  • इस पोज का अभ्यास करवाते समय सबसे पहले अपने बच्चे को उसकी पीठ के बल पर सुला दें।
  • अब अपने बच्चे के पैरो के नीचे के हिस्से को धीमे धीमे प्रेस करें।
  • इसके बाद बच्चे के घुटने को उसकी छाती की ओर ले जाने की कोशिश करें।
  • 2-3 सेकेण्ड के लिए अपने बच्चे को इस अवस्था को महसूस करने दें।
  • पुनः पुरानी स्थिति में रुक जाएँ और फिर अपने बच्चे को आराम करने के लिए छोड़ दें।

नी टू चेस्ट पोज़

  • अपने बच्चे को को उसके पीठ की तरफ से सुला दें।
  • फिर अपने शिशु के घुटने को उसके सीने की तरफ मोड़ दें।
  • इसके बाद अपने बच्चे के घुटनों को एक एक कर के मोड़े।
  • एक या दो सेकेण्ड के लिए रुक कर इस प्रक्रिया बंद कर दें।

तो आज आपने इस लेख में जाना माँ और बच्चे के लिए उपयोगी कुछ योगासनों के बारे। में आप भी इन योगासनों का अभ्यास कर के अपना तथा अपने बच्चे का ख्याल रख सकती हैं।