Nabhi Ka Khisakna: नाभि खिसकने पर हो सकता है पेट में लम्बे समय तक दर्द

कई बार हमारे पेट में अचानक से तेज़ दर्द होने लगता है जिसका कारण हम समझ नही पाते है और हम पेट दर्द के लिए दवाइयाँ लेने लगते हैं परन्तु फिर भी पेट दर्द बंद नही होता है। ऐसा दर्द नाभि के खिसकने के कारण हो सकता है। जिसे आम भाषा में गोला चढ़ना भी कहा जाता है। नाभि खिसकने को धरण पड़ना और धरण गिरना भी कहते है। नाभि खिसकने (नाभि टलना) पर आपको पेट में दर्द के साथ साथ उल्टी, दस्त, पेट फूलना या पेट में मरोड़ आदि की भी समस्या हो सकती है।

नाभि का खिसकना एक बहुत आम बात है। मुख्यतः यह समस्या महिलाओ में देखने को मिलती है। जब भी आपको Nabhi ka Talna जैसी समस्या हो तो आपको इसका उपचार घर में ही करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि अगर आप डॉक्टर से परामर्श लेते भी है तो वो आपको कई सारी दवाइयाँ दे देते है।

एसिडिटी के नाम पर या पेट की किसी और समस्या के नाम पर असल में नाभि के खिसकने (Navel Displacement) का इलाज डॉक्टर के पास भी नही होता आप खुद ही घरेलू नुस्खो से नाभि को सही जगह पर ला सकते है। साथ ही Nabhi Talne पर आप कुछ योग करके भी उसे जल्दी से ठीक कर सकते है।

आज कल की इस भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में हम अपने काम को इतनी तीव्रता से करने में लगे रहते है की कई बार हमे जल्दी जल्दी में ध्यान ही नही रहता और नाभि अचानक अपनी जगह से हट जाती है जिसके परिणामस्वरूप आपको पेट दर्द के साथ साथ कई तकलीफों का सामना करना पड़ जाता है। ऐसा माना जाता है की अधिक समय तक भूखे रहने के कारण भी अक्सर गोला चढ़ जाता है। जानते है Nabhi Ka Khisakna के बारे में विस्तार से।

Nabhi Ka Khisakna: जाने आखिर क्यों खिसक जाता है नाभि, इसके लक्षण और उपाय

ऐसे कई कारण है जिनकी वजह से नाभि का खिसकना (Navel Displacement) हो सकता है।

नाभि खिसकने के कारण:

  • अगर आपने बिना सावधानी के बहुत ज्यादा भारी भरकम सामान उठाया हो तो इसके कारण भी नाभि अपनी जगह से खिसक सकती है।
  • कई बार हड़बड़ी में सीढियों से उतरने या चढने के कारण भी Navel Displacement की परेशानी हो सकती है।
  • महिलाओ को अक्सर किचन में कुछ भी सामान उठाने के लिए ऊपर टान वगैरह पर चढ़ना पड़ता है अक्सर इस वजह से भी उन्हें नाभि के खिसकने की समस्या हो जाती है।
  • समय पर भोजन न करना और बहुत ज्यादा देर खाली पेट रहने के कारण भी नाभि अपनी जगह से खिसक जाती है।
  • पेट की मांसपेशियाँ अगर कमजोर हो तो ये भी एक कारण हो सकता है नाभि का बार बार अपने स्थान से खिसकने का।

नाभि के खिसकने के लक्षण:

  • अगर आपको अचानक से पेट में दर्द का अनुभव हो तो ये नाभि खिसकने का संकेत हो सकता है।
  • अगर आपको लग रहा है की आपकी नाभि अपने जगह से खिसक गई है तो सबसे पहले आप जमीन पर चटाई बिछाकर लेट जाये उसके बाद अपने अंगूठे से नाभि पर थोडा दबाव बनाकर उसे चेक करे अगर नाभि की जगह पर हलचल महसूस हो रही है तो नाभि अपनी जगह पर ही है पर अगर नाभि के आस पास की जगह पर हलचल महसूस हो रही हो तो इसका मतलब नाभि अपनी जगह से खिसक गयी है।
  • दोनों पैरो को पास रखकर में सीधे खड़े हो जाएँ अपने दोनों हाथ सीधे करें हथेलियां खुली रखकर इस तरह समानांतर रखें की दोनों हाथ की छोटी ऊँगली पास में रहें हथेली की रेखा मिलाते हुए दोनों छोटी ऊँगली की लंबाई चेक करें। यदि छोटी ऊँगली की लंबाई में फर्क नजर आता है और एक छोटी ऊँगली बड़ी तथा दूसरी छोटी नजर आती है तो इसका मतलब है की आपकी नाभि अपनी जगह से खिसकी हुई है।
  • पुरुषों की नाभि चेक करने के लिए धागे की मदद ले। धागे से पुरुष की नाभि और एक छाती के केन्द्रक के बीच की दूरी नापें अब नाभि से दूसरी छाती के केन्द्रक की दूरी नापें यदि नाप अलग अलग आये तो इसका मतलब नाभि खिसकी हुई है।
  • कई बार नाभि खिसक कर ऊपर छाती की तरफ चढ़ जाती है जिससे आपको जी घबराना, उलटी होना आदि की समस्याएं होने लगती है।
  • नाभि खिसक जाने पर 2-3 दिन तक लगातार सुबह सुबह खाली पेट सरसों के तेल की कुछ बुँदे नाभि में डाले और धीरे धीरे नाभि की हलचल अनुभव हो रहा हो वहां उसे अंगूठे से खिसकाते हुए नाभि के केंद्र में लाये। इससे नाभि अपने स्थान पर आने लगती है।
  • मरीज को सीधा लिटाकर नाभि के चारों ओर सूखे आँवले का आटा बनाकर उसमें अदरक का रस मिलाकर बाँध दें इस प्रकार उसे दो घण्टे तक लिटाकर रखें एक दिन में दो बार ऐसा करने से नाभि अपने आप अपने सही स्थान पर आ जाएगी। नाभि अपने स्थान पर आने के बाद करवट लेकर ही उठे सीधे नही उठना है।
  • सूखें आंवले को पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर नाभि के चारों तरफ बाँधकर रोगी को 2 घंटा जमीन पर लेटा दें . दिन में 2 बार ऐसा करने से नाभि अपने स्थान पर वापस आ जाएगी।
  • काला धागा पैर के अंगूठे पर बांधने से भी बार बार नाभि का अपने स्थान से खिसकना बन्द हो जाता है।
  • 10 ग्राम सौंफ को पीस कर उसमें 50 ग्राम गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट खाएं 2-3 दिन इसका सेवन करने से नाभि अपनी जगह पर आ जाएगी।
  • एक लाल टमाटर लेकर उसे बीच में से काट ले और सुहागी को भुनकर उसे टमाटर के बीच में रख कर इसे चूसे। ऐसा करने से नाभि अपने स्थान पर आने लगती है।

नाभि को जगह पर लाने के लिए योगा (Yoga for Navel Displacement):

  • सुबह खाली पेट पीठ के बल लेट जाये। इसके बाद अपने हाथों को जमीन पर सीधे रखे। अब अपने दोनों पैरो को धीरे धीरे ऊपर की तरफ 45 डिग्री तक उठाये फिर धीरे धीरे वापस नीचे ले जाये इस प्रक्रिया को कम से कम 4-5 बार अवश्य दोहराए ऐसा करने से नाभि बहुत जल्दी अपनी जगह पर आने लगती है।
  • ज़मीन पर दरी बिछा लीजिये और बच्चों के खेलने वाली गेंद ले इसके बाद उल्टा लेट जाए तथा गेंद को नाभि के बीच में रख लीजिये। आपको पांच मिनट तक ऐसे ही लेटे रहना है खिसकी हुई नाभि अपनी जगह पर आने लगेगी। अब धीरे धीरे करवट ले कर उठ जाए और थोड़ी देर दोनों पाँव के बाल बैठे रहे।
  • सुबह खाली पेट दरी बिछाकर पीठ के बल सीधे लेट जाएँ। अब एक पैर को मोड़ें और दोनों हाथों से पैर को पकड़ लें। दूसरा पैर सीधा ही रखें जिस प्रकार शिशु अपने पैर को पकड़ कर पैर का अंगूठा मुँह में डालने की कोशिश करता है उसी प्रकार आप पैर को पकड़ कर अंगूठे को धीरे धीरे अपनी नाक की तरफ बढ़ाते हुए नाक से अड़ाने की कोशिश करें। सर को थोड़ा ऊपर उठा लें अब धीरे धीरे पैर सीधा कर लें इसी तरह अब दूसरे पैर से इस प्रक्रिया को दोहराए।

आज के लेख में आपने नाभि खिसकने की समस्या और इस समस्या से जुड़े घरेलू उपचारों के बारे में जाना। अगर भविष्य में आप भी इस समस्या का सामना करते हैं तो आप आसानी से इस समस्या से निकल पाएंगे।