बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए जरुरी है सेक्स एजुकेशन

बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए जरुरी है सेक्स एजुकेशन

ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता है, यह तो सभी जानते है| सामान्य जीवन में भी इसका उपयोग हर व्यक्ति करता है। ऐसे में ज्ञान को बढ़ाना ही समझदारी है। लेकिन कुछ बाते ऐसी होती है, जिन्हे समय के पूर्व जानना भी जरुरी होता है| हमारे माता पिता या बड़े बुजुर्ग हमे नई-नई ज्ञानवर्धक बाते बताते रहते है। जिनसे हमे अलग अलग जानकारी मिलती रहती है|

सामान्य विषयों पर तो सभी बाते करते है लें जहाँ सेक्स की बात आती है सब लोग पीछे हट जाते है, क्योकि उन्हें इस विषय पर बात करने में या इसकी जानकारी देने में शर्म महसूस होती है| परन्तु अन्य विषयो की तरह सेक्स का ज्ञान होना भी उतना ही आवश्यक है।

सेक्स एजुकेशन को भी सामान्य ज्ञान की तरह वर्णित किया जाना चाहिए, क्योकि यह भी भविष्य में काम आने वाला कार्य है। इसके ज्ञान का आभाव होने के कारण कई प्रकार की समस्याएं पैदा हो जाती है, जो बाद में किसी बड़ी मुश्किल में डाल सकती है| आज हम आपको Sex Education in Hindi के सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ दे रहे है|

 

Sex Education in Hindi: जाने कुछ महत्वपूर्ण पहलुओ को

 

Sex Education in Hindi
 

भारत एक ऐसा है जहां सम्मान और सहजता की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहाँ बच्चे आज भी कुछ करने से पहले अपने बड़े-बुजुर्गो से सलाह जरूर लेते है। ऐसे में सेक्स जैसे विषय पर बात करना या सेक्स एजुकेशन के बारे में सोचना भी बहुत बड़ी बात होती है। परन्तु आज की युवा पीढ़ी की सोच तेजी से बदल रही है उनमे खुलापन आया है। यह पीढ़ी हर विषय पर खुलकर बात करती है और सेक्स जैसे विषय पर भी अपनी बात रखना चाहती है, क्योकि सेक्स ज्ञान के आभाव में यह कई प्रकार के अंधविश्वास में उलझे हुए है और जानना चाहते है क्या सच है और क्या गलत|

 

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सेक्स एजुकेशन क्यों है जरुरी

एक अध्यन के अनुसार, अगर सही आयु में सेक्स का ज्ञान दिया जाये तो काम उम्र में माँ बनना, अनचाहे गर्भ, योन अपराध, गुप्त रोग, HIV जैसे अनेक सेक्स सम्बंधित रोगो से बचा जा सकता है। साथ ही इससे सम्बंधित अन्य समस्याए जैसे हस्तमैथुन, स्वपनदोष, लिंग का आकर छोटा होना आदि बीमारियो से भी बचा जा सकता है|

सेक्स के प्रति युवाओ की अधूरी जानकारी न केवल सेक्स के प्रति धारणाओं को बदल रही है साथ ही इन् पर शारीरिक और मानसिक रूप से नकारात्मक असर को भी उन्हें झेलना पड़ता है|

साइकोलौजिस्ट अरुणा ब्रूटा कहती हैं, सेक्स एजुकेशन की शुरुवात बच्चो और किशोरों को सबसे पहले अपने घर से मिलनी चाहिए। क्योकि पेरेंट्स ही उनके सबसे करीब होते है इसलिए इस विषय पर उनसे अच्छी समझाइश कोई ओर नहीं दे सकता है। किन्तु पेरेंट्स इस सम्बन्ध में बात करना ठीक नहीं समझते है उन्हें शर्म सी महसूस होती है। लेकिन वे यह भूल जाते है बच्चो में सेक्स की जानकारी न होने से उनका भविष्य ख़राब हो सकता है|

यदि हम उन्हें सेक्स के बारे में नहीं बताएँगे या उनसे इस विषय पर बात नहीं करेंगे तो यह इसके प्रति उनका ऐटीट्यूड वल्गर होता चला जायेगा। हालाँकि सेक्स कोई वल्गर चीज नहीं है यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो स्त्री-पुरुष के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है|

 

पेरेंट्स की भूमिका

विश्व स्वस्थ संगठन के अनुसार, सेक्स एजुकेशन उन सभी बच्चो को देना चाहिए जिनकी आयु 12 वर्ष या उसके ऊपर है। खासकर जिस तरह से देश में काम आयु में प्रेग्नेंसी और HIV के मामले सामने आ रहे है, ऐसे में यह बहुत ही गंभीर विषय बनता जा रहा है|

आज कल तो बच्चे स्कूल में भी सुरक्षित नहीं है। आपने भी न्यूज़ चैनल और अखबार में इस प्रकार की खबरे पड़ी होंगी, स्कूल के आसपास के इलाको में बच्चो के साथ हो रहे है शोषण और बलात्कार, स्कूली छात्र-छात्राओं को डरा धमका कर उनके साथ जबरदस्ती की जा रही है|

ऐसे में माता पिता से बेहतर कोई शिक्षक नही है जो इस विषय पर खुलकर बात कर सके और उन्हें योन शिक्षा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी अपने तरीके से दे सके|

 

Sex Education in Schools: स्कूलों में शामिल हो सैक्स ऐजुकेशन

सेक्स एजुकेशन की शुरुवात घर से हो और स्कूल में इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। ताकि बच्चे पढाई के साथ-साथ भविष्य में उनके साथ होने वाले शारीरिक बदलाव को भी वह समझ सके और योन शिक्षा के बारे में सामान्य जानकारी हासिल कर सके, इसलिए Sex Education in Schools भी जरुरी है|

ऊपर अपने जाना Sex Education in Hindi, समय पर इस विषय की जानकारी होने से भविष्य में होने वाले तनावों से मुक्ति मिल सकती है। यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा अगर भारत में भी योन शिक्षा अनिवार्य हो जाये|

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