Warrior Pose Yoga: शरीर को चुस्त फुर्तीला और सुडोल बनाए वीरभद्रासन
जैसा की आप सभी लोगो को पता है कि योगासन हमारे लिए बहुत फायदेमंद होते है और हमे कई प्रकार के स्वस्थ लाभ पहुंचाते है। ऐसे में आपको अपनी किसी भी समस्या के लिए योगासनों का अभ्यास करना चाहिए।
आपको अपने शरीर को हमेशा के लिए फुर्तीला और चुस्त रखने के लिए भी योगासनों का सहारा लेना चाहिए। आप किसी स्पोर्ट्स पर्सन या फिर सेलेब्रिटीज को ही देखे लीजिए। सभी अपनी नियमित दिनचर्या में योगसन जरूर करते है।
आपको अपने शरीर को हमेशा के लिए स्फूर्तिवान बनाने के लिए वीरभद्रासन करना चाहिए। इसे वारियर पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन का नाम भगवान् शिव के अवतार वीरभद्र, एक अभय योद्धा के नाम पर रखा गया है।
Warrior Pose Yoga के अभ्यास से कंधों, हाथों, जांघों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत किया जा सकता है। आइये जानते है वीरभद्रासन कैसे किया जाता है और इसके लाभ क्या है।
Warrior Pose Yoga: जाने वीरभद्रासन की विधि और इससे होने वाले लाभ
Virabhadrasana in Hindi: वीरभद्रासन के प्रकार
- वीरभद्रासन - 1
- वीरभद्रासन - 2
- वीरभद्रासन - 3
Virabhadrasana - 1 करने की विधि
- इस आसन को करने के लिए पहले आप सीधे खड़े हो जाएं।
- इसके बाद अपने पैरों में 3 से 4 फ़ीट की दूरी बना लें।
- अब अपने दाँये पैर को 90 डिग्री और बाँये पैर को 15 डिग्री तक घुमाएं।
- आपके दाँये पैर की एड़ी बांये पैर की सीध में होना चाहिए।
- अब अपने दोनों हाथो को अपने कंधो तक ऊपर उठाएं और सीधा रखें।
- आपके हाथो की हथेलियाँ आसमान की तरफ खुली हुई होना चाहिए।
- अब अपनी सांसे छोड़ते हुए अपने दांये पैर को घुटनो से मोड़े।
- इस स्थिति में आपका दांया घुटना दांये पैर के पंजे की सीध में होना चाहिए उससे बाहर नहीं जाना चाहिए।
- अब अपने बॉडी के पेल्विक एरिया को थोड़ा नीचे करे और साँस सामान्य तौर पर लेते रहे और छोड़े।
- इस स्थिति में थोड़ी देर रुके और अपनी बॉडी को स्थिर रखे और मुस्कुराए।
- इसके बाद सांसे छोड़ते हुए फिर ऊपर उठे।
- आप इस पूरी क्रिया को बांयी तरफ से दोहराइए।
लाभ
- Warrior 1 Pose हाथो, पैरों और कमर को मजबूती प्रदान करता है।
- इससे आपके शरीर में संतुलन बढ़ता है और साथ ही सहनशीलता भी बढ़ती है।
- यह उन लोगो के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होता है जो लोग अपना ज्यादातर कार्य बैठ कर करते है।
- यह कंधो में जो जकड़न की समस्या होती है उसमे भी आपकी सहायता करता है।
- कंधो के दर्द से राहत दिलाता है और मन को शांति प्रदान करता है।
Virabhadrasana - 2 करने की विधि
- इस आसन को करने के लिए पहले आप मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
- इसके बाद सांसे अंदर की ओर खींचे।
- अब अपने दोनों पैरों के बीच में 3 से 4 फ़ीट की दूरी बना लें।
- इसके बाद अपने पैर को पीछे की ओर उठाये।
- साथ ही अपनी अपर बॉडी को आगे की ओर झुकाते हुए अपने पैर की एड़ी को स्पर्श करें।
- आपने जिस पैर को पीछे की ओर उठाया है उस पैर की साइड वाले हाथ को अपने सिर की सीध में उठाये और सीधा रखे।
- ध्यान रखे कि आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
- सामान्य साँस लेते रहे और कुछ देर इस स्थिति को बनाए रखे।
- इसके बाद इसे अपने दूसरे पैर से दोहराइए।
लाभ
- यह आपकी बॉडी को संतुलित रखता है और साथ ही बॉडी के सभी पार्ट्स को बैलेंस करता है।
- यह आपकी रीढ़ की हड्डी के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
- यह रीढ़ की हड्डी में फ्लेक्सिबिलिटी बनाये रखने में सक्षम है।
- यह कंधो और पैरों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
- एकाग्रता भी बढ़ाता है और मन को शांति प्रदान करता है।
Virabhadrasana - 3 करने की विधि
- वीरभद्रासन के इस प्रकार को करने के लिए पहले आप ताड़ासन में खड़े हो जाएं।
- इसके बाद अपने दोनों पैरो के बीच में 3 से 4 फ़ीट की दूरी बना लें।
- अब साँस अंदर की ओर लें और अपने पेट को फुलाएं।
- अब अपने दाँये पैर के पंजे को सीधा रखें और अपने बांये पैर के पंजे को बांयी ओर घुमाएं।
- इसके बाद अपनी अपर बॉडी को दांयी ओर घुमाएं।
- और सांसो को अंदर की ओर खींचे।
- इसी के साथ अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर लें जाएं और सीधा रखें।
- अब इस अवस्था में कुछ देर के लिए रुके।
- इसके बाद धीरे धीरे सामान्य साँस लेते हुए सामान्य अवस्था में आ जाए।
लाभ
- वीरभद्रासन - 3 करने से शरीर को काफी फायदा मिलता है।
- इसे करने से गर्दन, कंधे, छाती, पेट और फेफड़ों में खिंचाव होता है। जिससे मांसपेशियां मजबूत होती है।
- साइटिका के मरीजों के लिए फायदेमंद।
- चेस्ट पैन में राहत दिलाता है।
- गर्दन और पेट की समस्या दूर होती है।
- इस पोज़ को करने से आपके पेट और कंधो में काफी खिंचाव आता है जो आपकी बॉडी को काफी रिलैक्स स्ट्रेचिंग देता है।
- इससे आपकी बॉडी की मांसपेशिया भी मजबूत बनती है और मसल्स को शेप लाने में मदद मिलती है।
अगर आप नियमित रूप से वीरभद्रासन करते है तो आपको किस तरह के लाभ होते है और यह आपकी बॉडी को कैसे सेहतमंद बनाये रखता है इसके बारे में आज हमने आपको बताया। आपको वीरभद्रासन के तीनो प्रकार का अभ्यास करना चाहिए। उन्हें करने से बोहे, कंधे, छाती और पैर मुख्य रूप से कार्य करते है। इन अंगों को शक्ति और दृढ़ता प्रदान करने में यह आसन सहायक होता है। इससे आपके शरीर को एक सुडोल शेप भी मिलता है।