Benefit of Virabhadrasana: वीरभद्रासन योग के अभ्यास से मिलते हैं कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे
आज मनुष्य को भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक शांति को प्राप्त करने के लिए योग करना बहुत ज़रूरी हो गया है। इसे हमे हमारी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। योग शब्द को संस्कृत के “यूज” शब्द से लिया गया है। जिसका अर्थ है जुड़ना। योग के माध्यम से आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ाव का मतलब है कि सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक साथ जुड़ना । वास्तव में व्यावहारिक स्तर पर, योग हमारे शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित कर आपस में तालमेल बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। योग हमारे जीवन को जीने का एक तरीका भी है। योग सर्वप्रथम हमारे बाहरी शरीर को लाभ पहुँचता है।
योग शब्द को हम समझे तो यह दो महत्वपूर्ण अर्थ देता है। एक है जोड़ना तो दूसरा है समाधि। यह दोनों ही अर्थ महत्वपूर्ण है, क्योंकि जब तक हम खुद से नहीं जुड़ते तब तक समाधि तक पहुँचना बड़ा ही कठिन है। आज हमारा जीवन बड़ा ही व्यस्त हो चूका है और हमारी दिनचर्या ऐसी हो चुकी है कि हमें स्वयं को स्वस्थ रखना बहुत ही मुश्किल है, परन्तु योग वो है जिसके कारण हम हमारे स्वास्थ को इस तनावपूर्ण जीवन में सुगम बनाये रखने में समर्थ है। योग के लाभ का हम शारीरिक रूप से आकलन कर सकते है, पर हम योग से होने वाले मानसिक और श्वसन सम्बन्धी लाभ का आकलन करने में असमर्थ है।
योग से होने वाले फ़ायदों को हम शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते फिर भी हम आपको योग से होने वाले फ़ायदों के बारे में बताते है। योग हमें संपूर्ण स्वास्थ लाभ पहुँचता है। यह हमारे वजन को संतुलित रखता है। यह हमे मानसिक शांति प्रदान करता है। योग से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। नियमित योग करने से हमारी ऊर्जा में वृद्धि होती है। आज हम इस लेख में आपको बतायेंगे “वीरभद्रासन” के बारे में बहुत सारी जानकारियाँ जैसे वीरभद्रासन कैसे करते है और वीरभद्रासन के लाभ आदि ।
यह बहुत सारे Yogasan में से एक ऐसा योग है जिसे करने से हमारे शरीर में बहुत प्रकार के महत्वपूर्ण लाभ होते है, जिसका नाम “वीरभद्रासन” है। वीरभद्रासन को हम Warrior Pose के नाम से भी जानते है। वीरभद्रासन का नाम भगवान शिव के एक अवतार वीरभद्र के नाम पर रखा गया है। यह योगासन हमारे कंधो, जांघो, हाथों और कमर की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है।
Benefit of Virabhadrasana: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर करेगा वीरभद्रासन योग
वीरभद्रासन को किस तरह करे
- वीरभद्रासन करने के लिए सबसे पहले पैरों को फैला कर 3 से 4 फ़ीट की दूरी पर सीधे खड़े हो जाएँ।
- अब अपने दायें पैर को 90 डिग्री तक घुमाये और बाएं पैर को 15 डिग्री तक घुमाये।
- अपने दोनों हाथों को अपने कंधो की बराबरी तक उठाएँ और दोनों हाथों की हथेलियां आसमान की तरफ खोले।
- अपने सर को दाहिने ओर घुमाकर देखे।
- अब अपने शरीर को स्थिर कर के दोनों हाथों को जोड़कर थोड़ा अपनी और खींचे।
- अब साँस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएँ।
- साँस छोड़ते हुए दोनों हाथों को अपने बाज़ू से नीचे लाये।
इस आसन को इसी तरह से बायीं और से करे। वास्तव में आप इस आसन को नियमित रूप से करते है तो यह आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है।
वीरभद्रासन (Warrior Pose) करने के फायदे
हम इस बारे में पहले ही जानते है कि वीरभद्रासन की दो मुद्रा होती है। पहली मुद्रा को करने से पैरों में मज़बूती आती है, और हमारे पैरों में होने वाला कम्पन दूर हो जाता है। वीरभद्रासन की दूसरी मुद्रा भी पहली वाली के जैसी ही होती है पर हम इस Yogasan को एक जगह खड़े होकर करते हैं। इस योगासन को करने से हमारी बाहें और कंधों के बीच में खिंचाव होता है, और इस वजह से हमारी छाती भी फैलने लगती है, जो हमारे फेफड़ों के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। इस योग को करने से हमारे शरीर को बीमारियों का कम सामना करना पड़ता है, या फिर हम कह सकते है कि इस योग से बीमारियाँ होने की सम्भावना कम हो जाती है। वीरभद्रासन करने से हमारे शरीर में चुस्ती और फुर्ती आती है। अगर हम इस आसन को सही तरीके से करते है तो ये हमें जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में बहुत ही फ़ायदेमंद होता है।
शरीर को मज़बूती प्रदान करता है
- वीरभद्रासन करते समय हमारे कमर, घुटनो, कंधो, हाथों पर दबाव बढ़ता है जिस कारण से यह हमारे कमर, घुटनो, कंधो, हाथों को मजबूत करता है। इन में होने वाले दर्द को भी दूर करता है।
संतुलन बनाये रखने में सहायक है
- Warrior Pose को करने से हमारे शरीर के भिन्न अंगो में खिंचाव उत्पन्न होता है जो हमारे शरीर में संतुलन बनाये रखने में सहायक होता है।
सहनशीलता को बढ़ाता है
- वीरभद्रासन को करते समय हमारे शरीर में तनाव उत्पन्न होता है जिसे हम आसानी से सहन कर लेते है।
- हम इसे नियमित रूप से करते हैं तो हमें इसकी आदत पड़ जाती है और यह हमारी सहनशीलता को बढ़ाता है।
- यह हमारे लिए बहुत फ़ायदेमंद है क्योंकि यह हमारे चिड़चिड़ापन को दूर करता है, ग़ुस्सा व कलह की भावना को खत्म करता है।
- साथ ही ये हमारे कंधे की जकड़न में भी बहुत उपयोगी है, जो कंधो की जकड़न को दूर करके उसे चेतना प्रदान करता है।
कन्धों के तनाव को दूर करता है
- हमारे सोने में या दिनचर्या में हम कभी कभी कई ऐसी गलतियों कर देते है जिसके कारण हमारे कंधे में तनाव आ जाते हैं, और हम इस Yogasan की मदद से ये तनाव को दूर बहुत ही आसानी से दूर कर सकते हैं।
धैर्य को बढ़ाने में मदद करता है
- Warrior Pose Yoga के द्वारा हम हमारे धैर्य को बढ़ाकर किसी भी विकट परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता प्राप्त कर लेते हैं।
तनाव को दूर करके मानसिक शांति को प्रदान करने में
- वीरभद्रासन को नियमित रूप से करने से हमारा मन एकाग्र होता है जिसके कारण यह हमारे मानसिक तनाव को दूर करता है साथ ही यह मानसिक शांति को बढ़ाता भी है।
वीरभद्रासन के अन्य फायदे
- इसका अभ्यास खून के बहाव को संतुलित रखता है।
- पाचन क्रिया को नियंत्रित रख कर उसे मजबूत रखता है।
- पेट की बीमारियों को दूर करता है।
दोस्तों आज हमारे लेख में आपने पढ़ा की योग क्या है और यह हमारे जीवन के लिए क्यों उपयोगी है। साथ ही हमने वीरभद्रासन (Warrior Pose Yoga) के बारे में पढ़ा और इसे कैसे किया जाता है इस बारे में भी जानकारी हासिल की। साथ ही हमने जाना की यह हमारे जीवन के लिए क्यों लाभदायक है और इस Yoga का मानव जीवन में क्या क्या प्रभाव पड़ता है। इसे नियमित रूप से अगर आप करते है तो अवश्य ही इसका लाभ आपको मिलेगा।