STD Disease: यौन सम्बन्ध बनाते समय बरतें सुरक्षा, नहीं तो हो सकती है एसटीडी की समस्या

STD Disease: यौन सम्बन्ध बनाते समय बरतें सुरक्षा, नहीं तो हो सकती है एसटीडी की समस्या

आज हम एसटीडी डिसीज के बारे में जानने। एसटीडी डिसीज को हिंदी भाषा में यौन संचारित रोग के नाम से जाना जाता है। एसटीडी का फुल फॉर्म  Sexually transmitted disease होता है जिसे साधारण भाषा में गुप्त रोग भी कहा जाता है। यौन संचारित रोग होने के वैसे तो कई सारे कारण हो सकते है पर इसका मुख्य कारण असुरक्षित यौन सम्बन्ध ही होता है।

अब आपको What is STD Disease? का जवाब मिल गया होगा।  दरअसल यौन सम्बन्ध बनाते समय आम तौर पर जीवाणु के संक्रमण द्वारा ये रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाता है। यौन संचारित रोग में कई सारे रोग होते है जैसे क्लैमाइडिया, गोनोरिया, हर्पीस, त्रिकोमोनीसिस और एचआईवी एड्स आदि ये सभी रोग एसटीडी डिसीज में आते है।

इसमें से कोई भी रोग होने पर उसके लक्षणों का पता जल्दी लग जाये ऐसा जरूरी नही है। कुछ एसटीडी रोगों में 1 सप्ताह से लेकर 1 साल तक भी लक्षणों का पता चल सकता है। एसटीडी डिसीज मुख्यतः संक्रमण के माध्यम से ही होता है।

ऐसा भी जरूरी नही की एसटीडी रोग सिर्फ सेक्स के माध्यम से हो इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे किसी ऐसे व्यक्ति का खून आपको चढ़ा दिया जाये जिसे पहले से ये रोग हो या रोग ग्रस्त व्यक्ति का इंजेक्शन इस्तेमाल करने से, इसके अलावा रोगी व्यक्ति के अन्तरंग कपड़े या तौलिया आदि का इस्तेमाल करने से भी ये एसटीडी रोग आप तक फ़ैल सकता है। आइये जानते है STD Disease के बारे में।

STD Disease: जाने यौन संचारित रोग एसटीडी के लक्षण और बचाव के बारे में  

आइये जानते हैं STD Disease in Hindi

  • यौन सं‍चारित संक्रमण या रोग यौन सम्बन्ध और इसके अलावा ओरल सेक्स के माध्यम से भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकता है।
  • यौन सं‍चारित संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा इसकी रोकथाम की कोशिश जारी है साथ ही इसके लिए पूरी जानकारी न होने के कारण भी एसटीडी डिसीज होने की सम्भावना बढ़ सकती है।
  • इसके लिए जरूरी जानकारी उपलब्ध करने के लिए भी कई मुहीम चल रही है।
  • इसके अतिरिक्त कई एसटीडी रोगों का उचित उपचार किया जाये तो इससे बचना संभव है वहीं अगर अपने पार्टनर के प्रति वफादार रहा जाये तो भी इस गंभीर संक्रामक रोग से बचा जा सकता है।
  • अभी तक हर्पीस जैसे एसटीडी रोगों का ईलाज सम्भव नही हो पाया है। इसके लिए रिसर्च अभी भी जारी है।
  • अगर किसी गर्भवती महिला को यौन सं‍चारित संक्रमण हो तो उसका असर उसके गर्भ में पल रहे शिशु पर भी नजर आ सकता है।
  • हो सकता है की नवजात शिशु में भी इससे कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या देखने को मिले या नवजात विकलांगता का शिकार हो जाए।

आइये जानते है यौन सं‍चारित संक्रमण के क्या लक्षण होते है

यौन सं‍चारित रोग के लक्षण: STD Disease Symptoms

  • जननांगो के आसपास खुजली होना इसका एक संकेत हो सकता है।
  • पेशाब के दौरान दर्द होना या जलन का अनुभव होना।
  • पुरुषों को पेशाब में खून आना या पेशाब के दौरान लिंग से स्त्राव होना।
  • महिलाओं को योनी से स्त्राव होना और योनी में जलन व दर्द होना।
  • सम्भोग के दौरान दर्द या अत्यधिक जलन होना।
  • जननांगों के आस पास मस्से या लाल चत्ते होना। ये मस्से पीड़ादायक भी हो सकते है।
  • रात में अत्यधिक पसीना आना।
  • अत्यधिक तेज़ी से वजन का घटना।

पुरुषों में यौन सं‍चारित रोग के लक्ष्ण जल्दी नजर आने लगते है जबकि महिलाओं को रोग होने के बहुत समय बाद में इसका पता चल पाता है।

आइये जानते हैं यौन सं‍चारित रोगों के बारे में विस्तृत तथ्य

क्लैमाइडिया: Chlamydia

  • यह एसटीडी रोग क्लैमाइडिया ट्रैकोमेटिस नामक जीवाणु के द्वारा होता है।
  • क्लैमाइडिया के शुरूआती लक्षण नजर आये ऐसा सम्भव नही होता। सामान्यत: पुरुषों में क्लैमाइडिया एसटीडी रोग होने पर उन्हें लिंग से स्त्राव, लिंग के आस पास जलन या खुजली आदि लक्षण नजर आ सकते है।
  • एंटीबायोटिक के माध्यम से क्लैमाइडिया का इलाज किया जा सकता है।
  • क्लैमिडिया यूरीन नली, योनी और गुदा को संक्रमित कर सकता है।
  • अगर किस गर्भवती महिला को क्लैमाइडिया रोग है तो इससे उसके शिशु के अंधे होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • क्लैमाइडिया सबसे ज्यादा होने वाला यौन संचारित रोगों में से एक है।
  • महिलाओ को क्लैमाइडिया के कारण बांझपन की परेशानी भी उठानी पड़ सकती है।

गोनोरिया: Gonorrhea

  • गोनोरिया के बैक्टीरिया सबसे ज्यादा तेज़ी से फैलते है।
  • गोनोरिया का संक्रमन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में शीघ्रता से फ़ैल जाता है।
  • गोनोरिया नामक जीवाणु के कारण यौन संचारित रोग गोनोरिया होता है।
  • असुरक्षित यौन सम्बन्ध के कारण यौन संचारित रोग गोनोरिया फैलता है।
  • ओरल सेक्स की वजह से भी ये फ़ैल सकता है।
  • इसके लक्षणों की अगर बात की जाये तो पुरुषों में पेशाब के दौरान खून का स्त्राव, पेशाब में जलन आदि हो सकता है।
  • महिलाओ में इसके लक्षण में व्हाइट डिस्चार्ज, पेडू में दर्द, योनी में जलन और फैलोपियन ट्यूब्स में सुजन आदि नजर आ सकता है।
  • गोनोरिया का उपचार समय पर करवाना अति आवश्यक होता है नही तो ये एक गंभीर रोग बन सकता है।
  • एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से गोनोरिया का उपचार संभव है। गोनोरिया का संक्रमन फैलने पर बुखार, जोड़ों में दर्द और संक्रमित घाव की समस्या भी हो सकती है।

हर्पीस: Herpes

  • एक अन्य सबसे सामान्य यौन संचारित रोग होता है जो जननांग में दाद की तरह उभरता है।
  • यह एचएसवी या हर्पस सिम्प्लेक्स वायरस के एक निश्चित रूप के कारण होता है।
  • इसका कारण असुरक्षित मुख, यौन और गुदा मैथुन करना होता है। ये सब करने से आपको जननांग पर मस्से हो सकते है।
  • यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरों को भी यह फ़ैल सकता है। इसके फैलने का मुख्य कारण असुरक्षित यौन सम्बन्ध होता है।

यौन संचारित रोग से बचाव: STD Disease Protection

  • एसटीडी रोग से बचाव के लिए सबसे आवश्यक है की हमेशा सुरक्षित तरीके से यौन सम्बन्ध बनाया जाये।
  • सुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने का सबसे आसान तरीका है जिसके बारे में हम सब जानते हैं और वो है कंडोम की मदद ले कर सुरक्षित सेक्स करना।
  • इसके साथ ही अपने पार्टनर के प्रति हमेशा वफादार रहे। महिलाओं के पास HP वायरस से सुरक्षा के लिए वैक्सीन लगाने का भी विकल्प होता है।
  • इसके आलावा जब भी यौन सम्बन्ध बनाये उसके पहले और बाद में अपने गुप्तांगो को अच्छे से साफ़ कर ले इससे यौन संचारित रोगों का खतरा कम हो जाता है।

आज के लेख में आपने What are STDs के बारे में विस्तार से जाना। उपरोक्त जानकारी को हमेशा याद रखे ताकि आप इस तरह की बीमारी से बचे रहे। साथ ही अपने पार्टनर का भी आप बचाव कर सकेंगे।

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