आजकल की तनाव भरी जीवनशैली में शरीर को सिर्फ बाह्य रूप से नहीं बल्कि भीतरी रूप से भी ठोस होने की जरुरत है। ऐसे में हम सिर्फ खान पान पर ही डिपेंड नहीं रह सकते। हमें इस्से ज्यादा की जरुरत है। योग इसमें हमारी मदद कर सकता है। योग एक ऐसी सुगम एवं प्राकृतिक पद्धति है जिससे स्वस्थ मन एवं शरीर के साथ अन्य आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं| योग के जरिये लगभग सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज हो सकता है। वास्तव में, अगर आप नियमित रूप से योगाभ्यास करते है तो आपका शरीर हर तरह के रोग से मुक्त हो सकता है और यदि आपके शरीर में कुछ बीमारियों का विकास हो रहा है तो योगा करके प्राकृतिक तरीके से इलाज करना संभव है।
योग एक ऐसी व्यायाम पद्धति है जिसमें ना ही किसी तरह का व्यय लगता है, और ना ही किसी सामग्री की जरुरत पड़ती है। चाहे अमीर हो या गरीब, स्त्री हो या पुरुष हर कोई योग का लाभ उठा सकता है। योग के आसनों में जहां मांसपेशियों को ऐंठने, तानने और सिकोड़ने वाली क्रियायें करनी पड़ती हैं, वहीं दूसरी ओर साथ-साथ तनाव-खिंचाव दूर करने वाली क्रियायें भी होती रहती हैं, इस तरह से शरीर की सारी थकान मिट जाती है और आसनों से व्यय शक्ति वापिस मिल जाती है। बहुत कम लोग यह जानते होंगे की योग को नियमित तौर पर करने से अस्थमा और गठिया जैसे पुराने रोगों का इलाज संभव है। यहाँ तक की योगा से डायबटीज तक का इलाज भी हो सकता है| आइये जाने अन्य Benefits of Yoga in Hindi.
रोजाना करिये योग और रहिये निरोग
मधुमेह में फायदेमंद(Diabetes)
ऐसा कहा जाता है की मधुमेह ऐसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है| दरहसल आप इन्सुलिन प्रतिरोधक का इलाज नहीं कर सकते है। किन्तु ब्लड शुगर को कंट्रोल करना आपके हाथ में है। और योगासन की मदद से आप इसे आसानी से कंट्रोल कर सकते है।मधुमेह के सबसे बड़े कारणों में से एक कारण तनाव है। इससे शरीर में ग्लुकागोन(ऐसा हारमोन जो ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को बढ़ाता है) का स्राव बढ़ता है। योगासनों व कुछ मिनटों के नियमित ध्यान से तनाव को कम करने में मदद मिलती है और शरीर पर इसके सकारात्मक प्रभाव पड़ने शुरू हो जाते हैं।
आधासीसी से छुटकारा(Migraine)
जीवन की व्यस्तता के साथ ही माइग्रेन के रोगियों की संख्या बढ़ते जा रही है माइग्रेन को कई लोग आधासीसी के नाम से भी जानते है। दिमाग में प्रॉपर तरीके से ब्लड के सर्कुलेशन ना होने पर माइग्रेन की समस्या होती है। योगा की मदद से दिमाग तक आसानी से ब्लड पहुंच जाता है। मांइड में फ्रेशनेस बनी रहती है। माइग्रेन में सिरसासन या हेडस्टैंड करने से लाभ मिलता है।आप यह भी पढ़ सकते है:-Paschimottanasana Benefits: पश्चिमोत्तासन करने से स्वस्थ को लाभ
दर्द दूर करने में प्रभावी है योग
योग से लचीलापन और शक्ति बढ़ती है जिससे जोड़ों और पीठ का दर्द जैसी समस्यायें दूर होती हैं। जिन लोगों को मेज पर काम करना होता है या लम्बे समय के लिये गाड़ी चलानी होती है, उन्हें रोजाना योग करना चाहिये क्योंकि इससे रीढ़ की हड्डी में दबाव और जकड़न से राहत मिलती है। इसके साथ ही यह आपकी संरचना को भी सुधारता है जिससे खराब मुद्रा से होने वाले दर्द से बचा जा सकता है।
सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए
अच्छा स्वास्थ्य का मतलब केवल बीमारियों से दूर रहना ही नहीं है बल्कि अपने मन और भावनाओं के बीच सन्तुलन स्थापित करना है। योग के जरिये आपको सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त होता है, इससे न केवल कई बीमारियाँ दूर होती हैं बल्कि यह आपको तेजस, खुश और उत्साही बनाता है।
मन की शांति के लिए करे योग
आज का ज्यादातर वक्त हम तनाव में बिताते है। जिससे की मानसिक शांति नहीं मिल पाती। लेकिन योग की मदद से तनाव वाली दिनचर्या के बाद भी आप अच्छा महसूस कर सकते है। यहाँ तक की योग करने से आप अपने मस्तिष्क के सोचने और सृजनात्मकता वाले हिस्सों में सन्तुलन स्थापित कर सकते हैं।योग के सम्पूर्ण रूप से साँस लेने और सन्तुलन वाले आसनों पर केन्द्रित होने के कारण मस्तिष्क शांत होता है और शरीर सन्तुलित होता है। इसके कारण हम अपने मस्तिष्क के दोनों भागों से काम लेते हैं जिससे आन्तरिक संचार बेहतर होता है जो शायद हम दैनिक कार्यों से हासिल नहीं कर पाते हैं।
अन्य लाभ- यह भी जाने
- योगासन का स्त्रियों की शरीर रचना के लिए विशेष महत्व हैं। वे उनमें सुन्दरता, सम्यक-विकास, सुघड़ता और गति, सौन्दर्य आदि के गुण उत्पन्न करने में मदद करते है।
- योगासन पेशियों को शक्ति प्रदान करते हैं। इससे मोटापा घटता है और दुर्बल-पतला व्यक्ति तंदरुस्त होता है।
- योगासनों से बुद्धि की वृद्धि होती है ऊपर उठने वाली प्रवृत्तियां जागृत होती हैं और आत्मा-सुधार के प्रयत्न बढ़ जाते हैं।
- योगासन शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक वरदान से कम नहीं है। क्योंकि इनमें शरीर के समस्त भागों पर प्रभाव पड़ता है, और वह अपने कार्य सुचारु रूप से करते हैं।
- योगासनों द्वारा पेट की अच्छी तरह से सफाई होती है और पाचन अंग पुष्ट होते हैं। जिससे की पाचन-संस्थान में गड़बड़ियां उत्पन्न नहीं होतीं।