गर्भावस्था के दौरान स्त्रियां करें योग का अभ्यास होगा सामान्य प्रसव

गर्भावस्था के दौरान स्त्रियां करें योग का अभ्यास होगा सामान्य प्रसव

बदलती जीवन शैली और परिवेश के चलते आज हमारे रहन-सहन और खानपान में बहुत अंतर आ गया है। जिस कारण आज अधिकतर महिलाओ की सामान्य डिलीवरी न होकर सर्जरी के द्वारा की जाती है। वैसे तो सर्जरी से शरीर को नुकसान तो नहीं होता है, लेकिन पहले जैसी क्षमता और एनर्जी कही न कही लुप्त हो जाती है।

अगर ग्रामीण इलाकों की बात की जाये तो वहां आज भी महिलाओं का सामान्य प्रसव हो रहा है, लेकिन इसकी तुलना में शहर में रहने वाली स्त्रियों में यह बहुत होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य प्रसव का मुख्य कारण वहां का शुद्ध वातावरण और गर्भधारण के दौरान महिलाओं का सक्रीय रूप से काम करना है, लेकिन शहरी स्त्रियां इस समय में अधिक से अधिक आराम करना पसंद करती है।

जिसके चलते वो किसी भी तरह की शारीरिक क्रियाएं नहीं करती है। जिसके परिणाम स्वरुप प्रसव के समय उन्हें अधिक तकलीफ तो होती है ही साथ ही सर्जरी का भी सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में अगर आप डिलीवरी सेहतमंद और बिना सर्जरी के करना चाहती है तो आप कुछ योगासन को अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा जरूर बना लें। यह योग आपके साथ-साथ आपके होने वाले बच्चे के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होंगे। आइये जानते है Normal Delivery Yoga in Hindi.

 

Normal Delivery Yoga in Hindi: जाने इनकी विधि और लाभ  

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हर माँ का सपना होता है उसका होने वाला बच्चा स्वस्थ और निरोगी हो, लेकिन कभी-कभी जानकारी के आभाव में महिलाएं केवल आराम करती है और किसी तरह का कोई काम नहीं करती है। यह बात सही है कि शुरूआती दिनों में कार्य कम करना चाहिए, लेकिन वो इसलिए कहा जाता है ताकि किसी तरह की कमजोरी शरीर में न आये। यह जरुरी है कि भारी सामान न तो उठाये और न उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर रखें तथा घर का सामान्य काम कर सकते है। साथ ही आपको योग का सहारा लेना चाहिए ताकि आपके शरीर की मांसपेशिया मजबूत हो और प्रसव के समय अधिक दर्द न हो। आइये अब हम जाने Yoga for Normal Baby Delivery.

 

सुख भद्रासन

  • सबसे पहले किसी साफ स्थान पर आराम से बैठा जाये और दोनों पैरो के तलवो को आपस में मिलाने का प्रयास करें।
  • इसके बाद अपने पैरों को शरीर के नजदीक लाने का प्रयास करें।
  • आसानी से जितना स्ट्रेच कर सकते है करें, लेकिन अधिक जोर लगाकर ना करें।
  • स्ट्रेच करते समय आप हाथों की मदद से तलवों को आपस में चिपकाये रख सकते है।
  • अब हाथों को घुटनों पर रखे और गहरी साँस लें।
  • अंत में सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाये।

सुख भद्रासन के लाभ

सुख भद्रासन के अभ्यास से गर्भावस्था के समय महिलाओं के यूट्रस की मांसपेशिया लचीली और कमर मजबूत होती है।

 

तितली आसन

  • सबसे पहले अपने दोनों पैरों को घुटने से मोड़ते हुए तलवों को आपस में चिपका लें।
  • अब दोनों हाथों की उंगलियों को क्रॉस करते हुए पैरो के पंजो को पकड़ लें।
  • इसके बाद अपने पैरों तितली के पारो की तरह ऊपर नीचे करें।
  • इसे करते समय ध्यान रखें कि आपकी पीठ और बाजू बिलकुल सीधे होना चाहिए।
  • शुरुआत में इसे 30 से 50 बार कर सकते है और धीरे-धीरे 100 तक ले जाये।

तितली आसन के लाभ

तितली आसन का अभ्यास गर्भवती महिलाओं को तीसरे माह से शुरू करना चाहिए। यह प्रसव के समय होने वाली कठिनाइयों को कम करने में सहायक होता है। इसे करने से जांघो की मांसपेशियों, पेट की आंतो और घुटनों पर जोर पड़ता है। जिसके चलते अधिक समय तक खड़े रहने या चलने पर होने वाली थकान से मुक्ति मिलती है।

 

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सहज वक्रासन

  • सबसे पहले पद्मासन या सुखासन की स्थिति में बैठ जाये।
  • उसके बाद दायें हाथ की हथेली को बायें पैर के घुटने पर रखते हुए साँस लें तथा इस स्थिति में कमर को सीधा रखें।
  • अब सांस को छोड़ते हुए बायें हाथ को कमर पर रखकर बायीं तरफ मोड़े।
  • इस स्थिति में रुक कर 10 तक गिनती गिने और फिर सामान्य अवस्था में आ जाये।
  • इस आसन को दोनों तरफ से दोहराए।
 

गर्भावस्था के दौरान किये जाने वाले आसन

  • सम्पूर्ण गर्भावस्था के समय - बैठकर शरीर का संचालन करना अर्थात शरीर के हर जॉइंट को एक्टिव करना।
  • 4 माह से प्रसव पूर्व तक - पीठ के बल या सीधे लेट कर ऐसे आसान करें, जिनसे आपके पैरों में मूवमेंट हो।
  • 8 माह पूर्ण होने पर - इस समय में पंजे के बल बैठकर किये जाने वाले आसनों का अभ्यास करें।
  • 9 माह तक - ध्यान और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से गर्भावस्था के समय ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है
 

गर्भावस्था में योग के फायदे

  1. गर्भवती महिला के शरीर में रखता का प्रभाव ठीक तरह से होता है।
  2. योग चिंता और तनाव को दूर करने में सहायक होता है।
  3. पाचन तंत्र ठीक होता है और कब्ज से रहत मिलती है।
  4. योग रक्चचाप सामान्य रखने का सबसे बेहतर उपाय है।
  5. कमर दर्द और मांसपेशियों में होने वाला खिंचाव दूर होता है तथा शरीर लचीला बनता है।
 

आज हमने आपको बताये है Normal Delivery Yoga in Hindi. इन आसनों के नियमित अभ्यास गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय होने वाली परेशानियां काम तो होती है ही साथ ही आपकी डिलीवरी सामान्य भी होने संभावनाएं बड़ जाती है।