शरीर को संक्रमण मुक्त और स्वस्थ रखने में सहायक प्राकृतिक एंटीबायोटिक्स

शरीर को संक्रमण मुक्त और स्वस्थ रखने में सहायक प्राकृतिक एंटीबायोटिक्स

आज का मनुष्य इतना मजबूत नहीं है, जितना वो पहले हुआ करता  था। आजकल तो हर सीजन में हमारा शरीर किसी न किसी संक्रमण का शिकार हो ही जाता है और इनसे बचने के लिए सभी को कभी न कभी एंटीबायोटिक्स का सेवन करना ही पड़ता है। यह रोग को उत्पन्न करने वाले कीटाणुओं को ख़त्म कर देते है।

एंटीबायोटिक ऐसी दवाईयां होती हैं जो संक्रमण जनित रोगों से छुटकारा दिलाने में सहायक होते है। यह बात तो आप भी जानते है कि अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग एंटीबायोटिक दवाये होती है। लेकिन क्या आप जानते है ये दवाएं हमारे शरीर को अंदर से खोखला कर रही है। आज हम इनके इतने आदि हो गए है कि थोड़ा सिर दर्द या जुखाम होने पर हम इनका सेवन शुरू कर देते है।

इसलिए किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए आप कोशिश करें की प्राकृतिक एक्टिबियोटिक का ही प्रयोग करें, क्योंकि इनके इस्तेमाल से शरीर को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है बल्कि यह शरीर के लिए फायदेमंद भी होते है। हमारे आसपास बहुत सी ऐसी, जड़ी-बूटी, औषधियां और इनके अलावा कई प्राकृतिक एंटीबायोटिक दवाये हमारे किचन में ही मौजूद रहती है। आइये अब हम विस्तार से जानते है Natural Antibiotic in Hindi.

 

Natural Antibiotic in Hindi: शरीर को रोगमुक्त रखने में सहायक

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प्राकृतिक एंटीबायोटिक दवाओं को सेवन से सामान्य रोगों के साथ-साथ टीबी और टायफाइड जैसी बीमारियों का भी खत्म हो जाता है। इनकी खास बात यह है कि हमें इन्हें कहीं ढूंढने की जरुरत नहीं है यह सभी के घर पर बहुत आसानी से मिल जाती है।

 

हल्दी

हल्दी एक प्राकृतिक आंटिबिओटिक है यह तो आप भी बहुत अच्छे से जानते होंगे। इसमें किटाणुओं को नष्ट करने की क्षमता होती है। यही कारण है कि शरीर से जुड़े किसी भी रोग के लिए यह लाभकारी साबित होता है। चोट लगने, कटने, जलने आदि पर हल्दी वाला दूध पीने से चोट में आराम मिलता है और घाव जल्दी भर भी जाते है। कच्ची हल्दी को बारीक़ पीसकर माह में एक बार पुरे शरीर पर लगाने से त्वचा संबंधी रोग दूर होते है।

 

लहसुन

लहसुन को बतौर एंटीबायोटिक दवा के रूप में हमारे पूर्वज सदियों से  इस्तेमाल करते आये है। इसमें एंटीफंगल और एंटीवायरल तत्व मौजूद होते है। इन सबके अलावा लहसुन में कई तरह के विटामिन्स, न्यूट्रिएंट्स और मिनरल्स भी होते है जो शरीर के फायदेमंद होते है। अगर आप नियमित रूप से इसकी 2-3 कलियों का सेवन करते है तो यह निमोनिया, इन्फ्लूएंजा, हेलिकोबेक्टर तथा अन्य संक्रमण रोगों से लड़ने में हमारी मदद करता है।

 

शहद

प्राकृतिक चिकित्सा में शहद को भी एंटीबायोटिक्स की श्रेणी में गिना जाता है। इसमें एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमैटोरी (सूजन कम करने वाला) और एंटीमाइक्रोबियल गुणों की भरमार होती है। जो शरीर को मजबूत बनाते है। अमेरिका में हुए एक शोध के अनुसार शहद में इंफेक्शन से कई स्तरों पर लड़ने की ताकत होती है। इसके इस गुण के कारण बैक्टेरिया शहद के इस्तेमाल के बाद पनप नहीं पाते है। शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ यह आपकी त्वचा को कोमल और खूबसूरत भी बनाता है।

 

अदरक

अदरक में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुणों की भरमार होती है और अपने इसी गुण के कारण यह खांसी, सर्दी-जुखाम, साँस की समस्या, संक्रमण तथा अन्य बैक्टीरिया से होने वाले रोगों से बचने में हमारी सहायता करता है। इसका सेवन आप चाय या पकवान में डालकर आसानी से कर सकते है। यह आपके स्वाद और सेहत दोनों का ख्याल भी रखता है।

 

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नीम

नीम गुणों की खान है यह बात सभी जानते है। इसके पत्ते, निम्बोली और लकड़ी तक हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है। यह एक ऐसा वृक्ष है जो वर्षो से मनुष्य को लाभ पहुंचता आ रहा है। चहरे या त्वचा से सम्बंधित कोई भी परेशानी क्यों न हो, केवल इसके पत्ते को पीसकर लेप बनाकर लगा लेने से ही वो बिलकुल ठीक हो जाते है। नीम के पत्तो को उबालकर स्नान करने से कभी त्वचा रोग नहीं होता है। इसके डंठल से दातुन करने से मुंह से सम्बंधित सभी तरह के संक्रमण से मुक्ति मिलती है तथा सांस और नाक के द्वारा मुंह में पहुचने वाले कीटाणुओं को भी यह नष्ट कर देता है।

 

जैतून

जैतून की पत्तियों से मिलने वाले रस में कई प्रकार के संक्रमण से निपटने के गुण होते है। इसकी पत्तियों में अधिक मात्रा में एंटीमाइक्रोबियल गन पाए जाते है और इसके तेल में एंटीफंगल, एंटीवायरल और एंटीबॉयोटिक गुणों की भरमार होती है। अगर आपको शरीर के किसी स्थान पर सूजन हो रही है तो आप जैतून की पत्तियों से बना सत यह इसके तेल की मालिश कर सकते है। ऐसा करने से आपको बहुत जल्दी आराम मिलेगा। माह में कम से कम एक बार जैतून के तेल से बालों और शरीर की मालिश जरूर करना चाहिए। यह स्वस्थ के लिए बहुत उत्तम माना जाता है।

 

आज आपने जाना Natural Antibiotic in Hindi. इन प्राकृतिक दवाओं के नियमित प्रयोग से आप शारीरिक संक्रमण और विकारो से बचा सकते है और अपने परिवार को सुरक्षित जीवन दे सकते है। आपको सिर्फ इन प्राकृतिक एंटीबायोटिक का सेवन व्यंजन या अन्य खाद्य पदार्थो के साथ करना है।

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