जानिए योग से कैसे कर सकते है पीसीओएस की समस्या दूर

जानिए योग से कैसे कर सकते है पीसीओएस की समस्या दूर

आजकल कम उम्र की लड़कियों में भी पीसीओएस (पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम) की समस्‍या देखने को मिल रही है। पीसीओएस(PCOS) को पीसीओडी (PCOD) भी कहा जाता है| वैसे तो ये महिलाओ में पाया जाने वाला एक सामान्य विकार है। लेकिन कुछ सालो पहले यह बीमारी केवल 30 के ऊपर की उम्र की महिलाओं में ही देखने को मिलती थी, लेकिन आजकल यह छोटी उम्र की लड़कियों में भी देखने को मिल रही है|

चिकित्सको की माने तो उनके अनुसार यह समस्या पिछले 10 से 15 सालो से दोगुनी हो गयी है| जो महिलाये मानसिक तौर पर परेशान रहती है उनमे हार्मोनल इम्बैलेंस होने की परेशानी बहुत रहती है| व्यायाम की कमी, ऑफिस में मिलने वाला तनाव, भावनात्मक रूप से परेशान इन् सभी चीज़ो से हमारे शरीर की कार्य प्रणाली बिगड़ती है|

अगर आपको पीसीओएस हो गया है तो आपको अब सबसे पहले अपनी दिनचर्या बदलनी होगी| आपको यह बात समझना होगा की यदि आप अपना स्वास्थ ठीक नही रख पायी तो खुद की और परिवार की जिम्मेदारी निभाना आपके लिए और मुश्किल होगा|

इसके लिए सबसे पहले तो अपने खाने-पीने का ध्यान रखना शुरू करे| अगर स्मोकिंग या ड्रिंक करते है तो उसे छोड़ दे| दिमाग को शांत रखे और सुबह जल्दी उठे| और अपनी जीवन शैली में व्यायाम को जगह दे| पीसीओएस की समस्या को काबू में रखने के लिये योग बेहद फायदेमंद है| इसलिए इस लेख में हम आपको Yoga for Pcos in Hindi के बारे में बता रहे है|
 

Yoga for Pcos in Hindi - पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम को ठीक करे योग

 

Yoga for Pcos in Hindi

  कुछ योग ऐसे है जिन्हे नियमित तौर पर करने से पीसीओएस की बीमारी ठीक हो जाती है| इसके अलावा योग करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है और अन्य बीमारियो में भी फायदा पहुचता है| पीसीओएस के लिए किये जाने योग आसनो को बताने से पहले हम आपको संक्षेप में यह बताना चाहते है की पीसीओएस क्या है?

पीसीओएस की समस्या तब होती है जब सेक्स हार्मोन में बदलाव होता है| इसका सीधा प्रभाव मासिक चक्र पे पड़ता है, जिसके चलते ओवरी में छोटी गाठ बन जाती है| आप शायद नहीं जानते होंगे लेकिन यदि इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाये तो प्रजनन छमता पर भी इसका असर देखने को मिलता है| कभी कभी तो यह कैंसर का भी रूप ले लेती है|

रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन्स पुरुष और महिलाओं दोनों में ही समान रूप से बनते है, लेकिन पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं की ओवरी में सामान्य से अधिक हारमोन बनते है| जब ओवरी में सिस्ट बनने लगते है तो यह स्थिति पोल्य्सिटिक ओवरी सिंड्रोम कहलाती है| इसके कारण अनियमित मासिक धर्म, वजन का बढ़ना, मुहांसे, बालो की ग्रोथ बढ़ना, गर्भधारण में मुश्किल होना जैसी समस्या आती है|

इन् समस्याओ को दूर करने के लिए आइये जानते हैं कुछ ऐसे Yoga for Pcos Treatment जिनसे महिलाओं में पीसीओएस की बीमारी को ठीक किया जा सकता है|
 

नाड़ीशोधन प्राणायाम

नाड़ीशोधन प्राणायाम को अनुलोम विलोम प्राणायाम भी कहा जाता है| इसमें साँस लेने और छोड़ने की विधि को दोहराया जाता है। इसके करने से मन और दिमाग से क्रोध, चिंता, भय और तनाव दूर होता है| इससे मानसिक विकार भी दूर होते है और मस्तिष्क दोनों को शांति मिलती है| यह आपके शरीर को शांति और आराम देता है और पीसीओएस की समस्या का प्राकृतिक तरीके से ठीक करता है| इसे रोज 10 मिनट तक कर सकते है|  

भद्रासन -बटरफ्लाई पोज़

जो लोग पीसीओएस की समस्या से परेशान हैं उन लोगों के लिए भद्रासन एक प्रभावी Yoga Postures for Pcos है| जिस तरह तितली अपने पंख हिलाती है, इस आसन में उसी तरह आपको अपने पैरो को हिलाना होता है| इस आसन से शरीर निरोग और सुंदर होता है इसलिए इसे भद्रासन कहते हैं। यह आसान करने से तनाव दूर होता है और मासिक धर्म सही तरह से होता है| साथ ही इसे रोज करने से कमर और पीठ के निचले हिस्से को भी ताकत मिलती है। इस आसन को ठंडे दिमाग और शांति से अभ्यास किया जाना चाहिए|  

भुजंगासन- कोबरा मुद्रा

इस आसान में शरीर की मुद्रा को सर्प के समान बनाते है| इसके करते वक्त पेट पर दबाव पढता है| इसे करने से पाचन क्रिया सुधरती है, रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है| इससे मासिक धर्म सम्बन्धी समस्याओ से भी निजाद मिलती है|  

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चक्रासन

जिन लड़कियों या औरतो के मासिक चक्र अनियमित रहते है या फिर उन्हें मासिक धर्म के दौरान दर्द रहता है उन्हें चक्रासन योग आसन को करना चाहिए| इस आसन को करते समय आपकी रीढ़ चक्र के समान मुद्रा में होती है| इसे नियमित रूप से करने पर कंधों और मेरुदंड में ताकत और लचक आ जाती है। इसके अलावा इसे करने से कई रोगो से निजाद भी मिलती है| शरीर के अंग भी इससे लचीले बनते है|  

भ्रामरी प्राणायाम

यह अकेला ऐसा प्राणायाम है जो सारे नकारात्मक कारण जैसे तनाव, चिंता, अवसाद आदि को नियंत्रण करने में सहायक है| यह आपको मूड को ठीक करने में भी सहायक होता है|  

पद्मासना- कमलासन

पद्मासन में बैठने पर शरीर की मुद्रा कमल के समान होती है| इसलिए इस आसन को कमलासन भी कहते है| यह आसन ध्यान में बैठने के लिए सर्वमान्य पद्धति हैं। इसे करने से श्रोणि क्षेत्र फैलता है और यह असंतुलित हार्मोन्स को नियंत्रित करने में भी मदद करता है|   इसके अलावा योग के अन्य आसन जैसे सुखासन, कोणासन, धनुरासन, शवासन आदि को करने से भी लाभ मिलता है| आप अपनी दिनचर्या को दुरुस्त करके ही पीसीओएस को ठीक कर सकती है| इसलिए Yoga for Pcos in Hindi पर धयान दे| क्योकि बनने वाला हार्मोन यदि सही हो गया तो पीसीओएस की समस्या अपने आप ही ठीक हो जाएगी| इसके अलावा अपने खान पान पर भी ध्यान दे|
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