जाने स्तन (ब्रैस्ट) कैंसर के लक्षण, प्रकार और रोकथाम के उपाय

जाने स्तन (ब्रैस्ट) कैंसर के लक्षण, प्रकार और रोकथाम के उपाय

शरीर में कई प्रकार के कैंसर हो सकते हैं| जिनमे स्तन कैंसर एक तेजी से बढ़ती हुई और गंभीर समस्या है| आजकल कम उम्र की महिलाये भी इनका शिकार हो रही है| वैसे तो स्तन कैंसर महिला और पुरुष दोनों को हो सकता है, लेकिन महिलाओ को इस समस्या के होने का खतरा कुछ ज्यादा होता है|

यहाँ तक की यदि आपके परिवार में कोई महिला पहले से स्तन कैंसर (Breast Cancer) से पीडित हो चुकी है, ऐसे में आपको भी स्तन कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ जाता है। ऐसा कई बार देखा गया है कि स्तन कैंसर से पीडित 3० प्रतिशत औरतो के रिश्‍तेदारों को यह बीमारी पहले भी हो चुकी थी।

इसके अलावा ब्रेस्‍ट कैंसर के फैलने का खतरा ज्‍यादातर हमारी खराब डाइट, खूब ज्‍यादा धूम्रपान करने, ड्रग्‍स और मोटापे की वजह से भी होता है। स्तन कैंसर तब होता है जब स्तन वाहिकाओं की कोशिकाओ में कैंसर होता है|

अगर सही समय पर इसकी जानकारी मिल जाये तो इसके इलाज़ के सफल होने की संभावना ज़्यादा होती है। तो आइये जानते है Breast Cancer Symptoms in Hindi, कैंसर के लक्षणों के बारे में, जिससे इस खतरनाक बीमारी से निजाद पायी जा सके|

Breast Cancer Symptoms in Hindi: स्तन कैंसर होने के कुछ मुख्य लक्षण

 

Breast Cancer Symptoms in Hindi

 

स्तनों को छूकर और देखकर पता करे

कैंसर ज्यादातर स्तन में होने वाली गांठो में होता है| इसके बारे में जानने का सबसे बेहतर तरीका है की आप अपने स्तनों को छु कर देखे| क्या आपको स्तन में या फिर छाती के ऊपरी हिस्से में कोई गाँठ महसूस हो रही है? इसके अलावा क्या आपके छाती में सूजन है तो आपको ब्रैस्ट कैंसर होने की सम्भावना हो सकती है| इसके अलावा और भी कई लक्षण है जिनसे इसे पहचाना जा सकता है|  

स्तन में परिवर्तन

स्तनों में गड्डा हो जाना, उनमे से किसी तरल पधार्त का निकलना, स्तन के निप्पल का अंदर के तरफ मुड़ना, निप्पल का लाल होना या उसमे से रक्त आना स्तन कैंसर के शुरुवाती लक्षणों में से एक है|  

स्तनों में दर्द

Breast Cancer Symptoms का सबसे  बड़ा लक्षण है स्तनों में दर्द का रहना| अक्सर मासिक धर्म के समय स्तनों में कुछ बदलाव आता है और दर्द होने लगता है। इसलिए इन् लक्षणों को साधरण समझकर उभरने का इंतज़ार न करें, नियमित रूप से स्तनों की जांच करवाएं। यह सर्वविदित है कि रोकथाम इलाज़ से बेहतर है  

दोनों स्तनों के आकर में अंतर

यदि आपको आपके एक एक स्तन का आकर दूसरे के मुकाबले छोटा या बड़ा नजर आ रहा है तो बिना देर किया तुरंत ही अपने चिकित्सक की सलाह ले|  
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Types of Breast Cancer - स्तन कैंसर के प्रकार

इन्फ्लेमेटरी कार्सिनोमा: यह कैंसर बहुत तेजी से फैलता है। हालाँकि इस कैंसर के होने के मामले केवल 1 प्रतिशत पाए जाते हैं। अन्य स्तन कैंसरों की तुलना में यह सबसे आक्रामक और उपचार में कठिन होता है|

इन्वेसिव लोबुलर कार्सिनोमा: इन्वेसिव लोबुलर कार्सिनोमा का स्तन कैंसर लगभग 15-20 प्रतिशत मामलो में देखने को मिलता है| यह स्तन की दूध बनाने वाली लोब्यूल्स में उत्पन्न होता है। यह कैंसर शरीर के अन्य भागो में भी फ़ैल सकता है|

मेड्युलरी और ट्यूबुलर कार्सिनोमाज़: इस तरह के स्तन कैंसर के मामले 8 प्रतिशत में पाए जाते हैं। ये बहुत ही धीमी गति से बढ़ता है|

इन्वेसिव डक्टल कार्सिनोमा: लगभग 75 प्रतिशत मामलों में यही पाया जाता है। इस प्रकार का स्तन कैंसर मिल्क डक्ट्स में विकसित होता है और डक्ट-वॉल के ज़रिए फैलता है यह स्तन के चर्बी वाले टिश्युओं में प्रवेश कर रक्त प्रवाह या लिम्फेटिक सिस्टम द्वारा शरीर के दूसरे अंगों में फैलता है।

पेजेट्स डिज़ीज़: इस से ग्रसित महिलाओ को निप्पल क्रस्टिंग, स्केयलिंग, ईचिंग या इन्फ्ले मेशन की पुरानी समस्या़एं रही हो सकती हैं| इस प्रकार के स्तन कैंसर होने का प्रतिसत केवल 1 है|

स्तन कैंसर से बचाव के तरीके 

शोधो की माने तो हमारे देश में 22 प्रतिशत महिलाये स्तन कैंसर से पीड़ित है| और लगातार इसके मरीजों के संख्या बढ़ती जा रही है| निचे इसे कम करने के तरीके दिये जा रहे हैं जिससे आप ब्रेस्‍ट कैंसर का रिस्‍क कम कर सकती हैं।
  1. जो महिलाएं रोजानाा व्‍यायाम करती हैं, उन्‍हें ब्रेस्‍ट कैंसर होने का रिस्‍क कम होता है।
  2. जो लडकिया स्‍मोकिंग करती है उनके ब्रेस्‍ट कैंसर के चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है| इसलिए जितना जल्दी हो सके स्‍मोकिंग छोड़ द‍ीजिये।
  3. 18 साल की उम्र में जिन लड़कियों का वजन 30 किलो से ज्यादा है उन्हें स्तन कैंसर होने की सम्भावना रहती है|  रिसर्च बताती है कि ज्‍यादा वजन शरीर में एस्ट्रोजन को बढ़ा देता है जो कि कैंसर को पैदा करता है।
  4. कुछ शोधो के अनुसार जो महिलाएं अपने बच्‍चे को स्‍तनपान करवाती है, उन्हें ब्रेस्‍ट कैंसर होने का खतरा टल जाता है। स्‍तनपान करवाने से बच्‍चे की ही सेहत तो सुधरती ही है बल्कि इससे मां को एस्‍ट्रोजेन के लेवल को कम करने में भी मदद मिलती है।
  5. कई बार महिलाओं को जानकारी के अभाव या फिर शर्म की वजह से इलाज कराने में देर हो जाती है| जिसके चलते यह खतरनाक बीमारी लाइलाज हो जाती है। इसलिए यदि आपको आपके स्तनों में  गांठ का पता चले तो Breast Cancer Prevention के लिए अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करे|
 

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