मुँह के छाले मुंह में विकसित होने वाले तकलीफदेह घाव होते हैं। ये घाव छोटे पर अत्यधिक पीड़ादायक होते हैं, और इनके विकसित होने के कई कारण होते हैं। यह घाव मुँह के भीतर या मुँह के बाहर भी विकसित हो सकते हैं। मुंह में एक छोटा सा घाव होता है जिसे हम अल्सर बोलते हैं। अगर यह मुंह में छाला हो जाए तो खाने-पीने में बड़ी तकलीफ हो जाती है। इसमें काफी जलन और दर्द भी महसूस होती है। वैसे तो यह बीमारी कुछ ही दिनों के लिए होती है और हफ्ते भर में ठीक भी हो जाती है।
दांतों से जीभ को काटने से या दांतों को ब्रश करते समय मुँह में किसी चीज़ को काट लेने से मुँह के छाले विकसित होते हैं। दांतों में लगे हुए गेलीस (ब्रेसिस) भी मुँह के छालों के कारण बन सकते हैं। एफथस अल्सर मानसिक तनाव के कारण भी विकसित होते हैं, फिर अपने आप ही गायब हो जाते हैं।
जो घाव मुँह के बाहर जैसे कि होठों पर विकसित होते हैं, उन्हें 'कोल्ड सोर्स' के नाम से जाना जाता है, और यह हर्पिस वाइरस के कारण विकसित होते हैं। यह अत्यधिक संक्रामक होते हैं, और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में चुम्बन के द्वारा स्थानांतरित होते हैं। मुँह के भीतर के छाले 'एफथस अल्सर' के नाम से जाने जाते हैं।
मुंह में छाले आने के पीछे कई कारण जिम्मेवार होते हैं। मुख्य तौर पर संतुलित आहार, कब्ज, गुटखे और पान मसाले के सेवन और मुंह की गंदगी से मुंह में अक्सर छाले आते हैं। ज्यादा मिर्च-मसालों का सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार होता है, क्योंकि यदि पेट की क्रिया सही नहीं है, तो उसके साइड इफेक्ट के रुप में मुंह में छाले आ जाते हैं।
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मुँह के छाले दूर करने के लिए आसान घरेलु उपाय
चलिए आइये जानते है मुँह के छाले दूर करने के लिए आसान घरेलु उपचार।- नारियल के दूध से छालों का इलाज किया जाता है। नारियल से दूध निकालकर उससे कुल्ला करें। प्रभावी परिणाम पाने के लिए दिन में 3-4 बार यह उपाय करे।
- अलसी के कुछ दाने चबाने से भी मुँह के छालों में लाभ मिलता है।
- सुबह उठाने पर कुछ तुलसी के पत्ते पानी के साथ खाएं। तुलसी जीवाणुरोधी और किटाणुरोधी है और मुंह के संक्रमण के खिलाफ कार्य करती है और इस प्रकार आपको स्वस्थ मुंह प्रदान करती है।
- एक चम्मच ओलिव तेल की ले तथा मोमबत्ती की लो पर इसे गरम करे। जब यह हल्का गरम हो जाये तो इसे सीधे मुँहासे पर लगाये।
- मुँह के छाले कब्ज़ियत के कारण भी होते हैं, और अगर वाकई में यही कारण है तो एक सौम्य रेचक औषधि लें, जिससे आपको काफी राहत मिलेगी। त्रिफला चूर्ण एक बहुत ही उम्दा रेचक औषधि होती है।
- अच्छा होगा कि मासालेदार भोजन से बचा जाए क्योंकि इससे शरीर में गर्मी पैदा होती है। साथ ही पाचनशक्ति भी कमज़ोर हो जाती है।
- आँवला, मेहंदी या अमरुद के पेड़ की छाल को फिटकरी के साथ काढ़ा मिलाकर सेवन करने से भी छालों में लाभ मिलता है।
- 1 कप पानी में 2 बड़े चम्मच नमक मिलाएं। इस पानी से 1 मिनट कुल्ला करें। ठंडे पानी की जगह गरम पानी से भी यह इलाज किया जा सकता है।