जरुरत से ज्यादा सेल्फी ले सकती है आपकी जान - रहें सावधान

जरुरत से ज्यादा सेल्फी ले सकती है आपकी जान - रहें सावधान

आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है। साइंस ने आज इतनी तरक्की कर ली है कि चाँद को छुना भी कोई बड़ी बात नहीं रह गई है। एक तरह जहां इन् अविष्कारो के अनेक फायदे है तो इसके विपरीत कई नुक्सान भी है। आज एक नया ट्रेंड मार्केट में चल रहा है फोन्स के जरिये सेल्फी लेने का, बच्चा, बूढ़ा हो या जवान आज हर कोई इस दौड़ में शामिल है।

आज सेल्फी शब्द इतना सामान्य हो गया है कि छोटे-छोटे बच्चे भी इससे मोहताज नहीं है और इसके दीवाने से हो गए है। लेकिन यह तो आप भी जानते है कि अगर किसी चीज की आदत लग जाये तो  यह किसी खतरे को जन्म भी दे सकता है। ऐसी ही आदत आज के युवाओं को सेल्फी लेने की लग गई है।

अगर आपके घर में भी कोई ऐसा व्यक्ति है जिसे सेल्फी लेने की बहुत ज्यादा आदत है तो सावधान हो जाइये, क्योंकि हो सकता है उनका ये शौक उन्हें अपस्ताल पहुंचा दें और उन्हें इलाज की जरुरत पड़ जाये। आज हम आपको इसी विषय पर कुछ चौकाने वाली जानकारी देने वाले है। जिसके बारे में पढ़कर आप भी हैरान रह जायेंगे, तो आइये जानते है Selfie Disorder in Hindi.
 

Selfie Disorder in Hindi: जाने कारण और लक्षण

  Selfie Disorder in Hindi   सेल्फी लेने की आदत से होने वाले रोग को डॉक्टर्स ने औपचारिक तौर पर कोई नाम तो नहीं दिया है। परंतु आम बोलचाल की भाषा में इसे सेल्फीसाइड कहा जा रहा है। डॉक्टर्स की बात मानें तो सेल्फीसाइड से पीड़ित रोगिओं को एमरजेंसी ट्रीटमेंट तक दिया जा रहा है।

भारत की राजधानी दिल्ली के दो मशहूर अस्पतालों एम्स और सर गंगाराम अस्पताल में पिछले 3 माह में अब तक 6 मरीजों को सेल्फीसाइड के चलते इलाज के लिए भर्ती किया गया था। इन सभी लोगों को मोबाइल से सेल्फी लेने की लत लग गयी थी। जो बाद में बीमारी का कारण बन गयी। यह लोग अपनी सेल्फीज़ को सोशल मीडिया पर शेयर किया करते थे। ऐसे लोगों में बॉडी डायसमोर्फिक डिस्ऑर्डर पाया जाता है जो बाद में ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर में तब्दील हो जाता है।
 

Selfie Disorder Causes: जाने इसके कारण

एंग्जायटी एंड डिप्रेशन एसोसिएशन ऑफ़ अमेरिका के अनुसार बॉडी डायसमोर्फिक डिस्ऑर्डर के शिकार लोग अपने शरीर के किसी न किसी अंग से बहुत ज्यादा नाखुश रहते है और कई घंटो तक वो अपनी इस कमी के बारे में सोचने लगते है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि यह सब केवल उनकी कल्पना होती है। परंतु सेल्फी पसंद न आने पर वो अपने ही शरीर के किसी हिस्से को दोष देने लगते है।

बीडीडी यानि बॉडी डायसमोर्फिक डिस्ऑर्डर आगे चलकर ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर यानि ओसीडी का रूप ले लेता है। डॉक्टर्स के मुताबिक यह बीडीडी से भी अधिक खतरनाक होता है। इस डिस्ऑर्डर में व्यक्ति की हालात किसी मानसिक रोगी के सामान होती है। ऐसे रोगिओं को किसी न किसी चीज की लत लग जाती है। उदाहरण के तौर पर देखे तो, ऐसे लोग दिन भर में अपनी हजारों सेल्फीज़ ले लेते और वो ऐसा तब तक करते है जब तक उन्हें उनकी सेल्फी पसंद न आ जाये।

 

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Selfie Disorder Symptoms: जाने इसके लक्षण

अब हम आपको कुछ ऐसे लक्षण बता रहे है। जिनके जरिये आप जान सकते है कि आप घर में कोई इस रोग से ग्रसित है या नहीं।
  • अपने घर के बच्चो और युवाओ पर नजर रखें या घर के वो लोग जो मोबाइल हमेशा पाने साथ रखते है और दिनभर सेल्फी लेते रहते है। अर्थात आपके घर में अगर किसी को बार-बार सेल्फी लेने की आदत है तो आप समझ जाएं कि यह सेल्फीसाइड का लक्षण हो सकता है।
  • अगर कोई व्यक्ति बार-बार सेल्फीज़ लेने के बाद भी अपनी सेल्फी से संतुष्ट नहीं होता है तो यह भी इस रोग का एक लक्षण हो सकता है।
  • अगर सेल्फी लेने वाले व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उसेक शरीर के अंगों जैसे आँख, नाक, होठ आदि के आकर में किसी तरह का अंतर महसूस हो रहा हो।
  • अगर आपका मन एकांत में रहने तथा बार बार सेल्फी लेने के बारे में ही सोचता है तथा आप कही भी सेल्फी ले सकते है तो यह इसका एक लक्षण है।
  • अगर आपको हर बार सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना अच्छा लगता है।
  • डॉक्टर्स के मुताबिक दिनभर में 6 से ज्यादा सेल्फी लेना और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना एक तरह के मानसिक रोग का संकेत है।

महत्वपूर्ण तथ्य

एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में प्रतिदिन 10 लाख से ज्यादा सेल्फी ली जाती हैं।
पिउ रिसर्च सेंटर के मुताबिक दुनिया भर के 91% युवाओं ने कभी ना कभी सेल्फी जरूर ली हैं।
एक मोबाइल फोन निर्माता कंपनी के रिसर्च के मुताबिक सेल्फी लेने वाले 14% लोग उसे इफेक्ट्स के ज़रिए सुंदर बनाने की कोशिश करते हैं।
जबकि 34% लोग अपनी सेल्फी को पोस्ट करने से पहले एडिट जरूर करते हैं।
पोस्ट करने से पहले सेल्फी को आकर्षक बनाने के पुरुष महिलाओं से आगे हैं। एक सर्वे के मुताबिक 34 प्रतिशत पुरुषों ने माना कि वो सेल्फी पोस्ट करने से पहले उसे एडिट करते हैं।
वही दूसरी तरफ 13% महिलाएं अपनी सेल्फीज़ के साथ एडिटिंग करती हैं।

इस उम्र के ज्यादा रोगी

इस रोग का शिकार युवा पीढ़ी पर ज्यादा पढ़ रहा है। जिनकी आयु 15 से 28 साल की है, क्योंकि यह रोग भी नए ज़माने का है और इस उम्र में किसी भी चीज की आदत बहुत जल्दी लग जाती है। यह तो केवल एक साइड इफ़ेक्ट है परंतु फोन के अत्यधिक प्रयोग से इंसोम्निया, एंग्जायटी तथा बात बात पर गुस्सा आना जैसी कई समस्याएं उत्पन्न होने लगती है।
 
आज अपने जाना Selfie Disorder in Hindi. जरुरत से ज्यादा सेल्फीज़ लेना आपके स्वस्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यहाँ तक की आपकी जान भी जा सकती है। इसलिए सेल्फी लेते समय अपनी शारीरक और मानसिक सेहत का ध्यान जरूर रखें।

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